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डेंगू की मुफ़्त जांच की सुविधा 33 सरकारी अस्पतालों तक बढ़ाई: ब्रह्म मोहिंद्रा
चंडीगढ़। पंजाब
सरकार ने डेंगू और मलेरिया से प्रभावित संदिग्ध मरीज़ों की तुरंत जांच
यकीनी बनाने के लिए अहम फ़ैसला लेते हुए डेंगू की मुफ़्त जांच की सुविधा 33
अन्य सरकारी अस्पतालों तक बढ़ा दी है।स्वास्थ्य
मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने आज विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर पंजाब
भवन में डेंगू सम्बन्धित स्टेट टास्क फोर्स मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए
बताया कि सूबे में डेंगू को कंट्रोल करने के लिए सभी मैडीकल अफसरों और
ग्रामीण मेडिकल अफसरों को डेंगू और पानी से होने वाली अन्य बीमारियों की
रोकथाम के लिए तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से
डेंगू और अन्य बीमारियों की बढिय़ा जांच और प्रबंधन के लिए वचनबद्धता
दोहराते हुए उन्होंने कहा कि पहले डेंगू की जांच सिफऱ् 26 केन्द्रों पर
उपलब्ध थी। इस सुविधा को बढ़ाकर 33 अस्पतालों तक कर दिया गया है और अब डेरा
बस्सी, फग़वाड़ा, खन्ना, नाभा, मलोट और भुंगा के सब डिवीजनल अस्पतालों में
भी जांच की सुविधा मुहैया करवाई जायेगी। उन्होंने कहा कि डेंगू का इलाज
सूबे के सभी सरकारी अस्पतालों में कम्युनिटी हैल्थ सैंटर के स्तर तक मुफ़्त
किया जा रहा है और इन अस्पतालों में डेंगू के मरीज़ों के लिए अलग वार्ड भी
स्थापित किये गए हैं।
मीटिंग के दौरान आगामी मौसम में डेंगू और वैक्टर बोर्न डिसिजिज़़ (पानी से होने वाली बीमारियों) की रोकथाम के लिए संबंधित विभागों की तरफ से की गई तैयारियों का जायज़ा लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने स्थानीय निकाय विभाग को सख्त हिदायतें दीं कि ज़रुरी कीटनाशक, स्प्रे पंपों और फ़ौगिंग मशीनों की खऱीद प्रक्रिया को जल्दी मुकम्मल किया जाये जिससे डेंगू की रोकथाम की कार्यवाही समय पर अमल में लाई जा सके। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर मच्छर के पैदा होने की शिकायत मिलती है, वहाँ स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से तुरंत चालान काटे जाएँ और बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए ज़रूरी कदम उठाए जाएँ।श्री मोहिंद्रा ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग को गंदे तलाबों की पहचान करने के लिए भी निर्देश दिए जिससे गैम्बुशिया मछलियों को मच्छरों का विस्तार रोकनो के लिए इस्तेमाल किया जा सके और मलेरिया और डेंगू जैसे रोगों की रोकथाम की जा सके।स्वास्थ्य मंत्री ने स्थानीयनिकाय, ग्रामीण विकास एवं पंचायत, ट्रांसपोर्ट, शिक्षा, मैडीकल शिक्षा और खोज, श्रम, जल सप्लाई और सेनिटेशन, पशु पालन, रोडवेज़, मछली पालन सहित सभी विभागों और आई.एम.ए., पंजाब को अपने अधिकार क्षेत्र वाले सभी दफ़्तरों में मच्छर पैदा न होने को यकीनी बनाने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि इन नियमों का पालन न करने पर सम्बन्धित विभाग के प्रमुख के विरुद्ध बनती कार्यवाही की जायेगी।श्री मोहिंद्रा ने इंडियन मैडीकल एसोसिएशन, पंजाब के नुमायंदों को निर्देश दिए कि वह निजी प्रेक्टिस कर रहे डाक्टरों और लैबोरेटरियों को समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन यकीनी बनाने और डेंगू के हर मामले की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा करें। उन्होंने कहा कि ऐसा न करने वाले दोषी संस्था के प्रमुख के विरुद्ध कानून मुताबिक बनती कार्यवाही की जायेगी।श्री मोहिंद्रा ने लोगों से अपील की कि वह कूलरों, गमलों, फ्रिज़ों और पानी की टैंकियों को हफ़्ते में एक बार खाली करके साफ़ करें जिससे डेंगू मच्छर को पैदा होने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि हर शुक्रवार को यह कार्यवाही मच्छरों के वृद्धि को रोकने के लिए हरेक घर और दफ़्तर में की जानी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने सभी विभागों से अपील की कि वह ‘‘ऐवरी फ्राईडे: ड्राई डे’’ के संदेश को राज्य के कोने -कोने तक फैलायें। उन्होंने विशेषकर शिक्षा विभाग को कहा कि विभाग विद्यार्थियों को इस संदेश के प्रति जागरूक करने के लिए मुख्य भूमिका निभाय। उन्होंने यह भी कहा कि डेंगू, मलेरिया और पानी से होने वाली बीमारियोँ को केवल जागरूकता द्वारा ही कंट्रोल किया जा सकता है।
मीटिंग के दौरान आगामी मौसम में डेंगू और वैक्टर बोर्न डिसिजिज़़ (पानी से होने वाली बीमारियों) की रोकथाम के लिए संबंधित विभागों की तरफ से की गई तैयारियों का जायज़ा लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने स्थानीय निकाय विभाग को सख्त हिदायतें दीं कि ज़रुरी कीटनाशक, स्प्रे पंपों और फ़ौगिंग मशीनों की खऱीद प्रक्रिया को जल्दी मुकम्मल किया जाये जिससे डेंगू की रोकथाम की कार्यवाही समय पर अमल में लाई जा सके। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर मच्छर के पैदा होने की शिकायत मिलती है, वहाँ स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से तुरंत चालान काटे जाएँ और बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए ज़रूरी कदम उठाए जाएँ।श्री मोहिंद्रा ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग को गंदे तलाबों की पहचान करने के लिए भी निर्देश दिए जिससे गैम्बुशिया मछलियों को मच्छरों का विस्तार रोकनो के लिए इस्तेमाल किया जा सके और मलेरिया और डेंगू जैसे रोगों की रोकथाम की जा सके।स्वास्थ्य मंत्री ने स्थानीयनिकाय, ग्रामीण विकास एवं पंचायत, ट्रांसपोर्ट, शिक्षा, मैडीकल शिक्षा और खोज, श्रम, जल सप्लाई और सेनिटेशन, पशु पालन, रोडवेज़, मछली पालन सहित सभी विभागों और आई.एम.ए., पंजाब को अपने अधिकार क्षेत्र वाले सभी दफ़्तरों में मच्छर पैदा न होने को यकीनी बनाने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि इन नियमों का पालन न करने पर सम्बन्धित विभाग के प्रमुख के विरुद्ध बनती कार्यवाही की जायेगी।श्री मोहिंद्रा ने इंडियन मैडीकल एसोसिएशन, पंजाब के नुमायंदों को निर्देश दिए कि वह निजी प्रेक्टिस कर रहे डाक्टरों और लैबोरेटरियों को समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन यकीनी बनाने और डेंगू के हर मामले की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा करें। उन्होंने कहा कि ऐसा न करने वाले दोषी संस्था के प्रमुख के विरुद्ध कानून मुताबिक बनती कार्यवाही की जायेगी।श्री मोहिंद्रा ने लोगों से अपील की कि वह कूलरों, गमलों, फ्रिज़ों और पानी की टैंकियों को हफ़्ते में एक बार खाली करके साफ़ करें जिससे डेंगू मच्छर को पैदा होने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि हर शुक्रवार को यह कार्यवाही मच्छरों के वृद्धि को रोकने के लिए हरेक घर और दफ़्तर में की जानी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने सभी विभागों से अपील की कि वह ‘‘ऐवरी फ्राईडे: ड्राई डे’’ के संदेश को राज्य के कोने -कोने तक फैलायें। उन्होंने विशेषकर शिक्षा विभाग को कहा कि विभाग विद्यार्थियों को इस संदेश के प्रति जागरूक करने के लिए मुख्य भूमिका निभाय। उन्होंने यह भी कहा कि डेंगू, मलेरिया और पानी से होने वाली बीमारियोँ को केवल जागरूकता द्वारा ही कंट्रोल किया जा सकता है।
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