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पाक विस्थापितों को केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने की मांग
नई दिल्ली /जयपुर। ।पाली सांसद , पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री और विदेश मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने विश्व व्यापी महामारी कोरोना वायरस के संकट की घड़ी में राजस्थान के विभिन्न जिलों में रह रहे पाक विस्थापितों की दयनीय स्थिति की ओर केन्द्र और राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए उन्हें नियमों में शिथिलता प्रदान कर केन्द्र और राज्य की योजनाओं का लाभ प्रदान करने की माँग की है। चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर छह हजार से अधिक पाक विस्थापितों को जल्द राहत प्रदान करने का आग्रह किया है।
अपने पत्र में चौधरी ने लिखा है कि दुनिया की सबसे बड़ी महामारी कोरोना वायरस के संकट से बचाने के लिए देश भर में इस समय चल रहे लॉक डाउन की नाज़ुक घड़ी में कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए समाज के कमजोर वर्ग के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा जो योजनाएं बनाई गई है उनमें इन पाक विस्थापितों को सम्मिलित नहीं किया गया है। इसके पीछे प्रमुख कारण इन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त नहीं होना बताया जाता है। फलस्वरूप इन परिवारों का चयन बीपीएल स्टेट, बीपीएल अन्त्योदय, एनएफएसए योजना (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा) सहित किसी भी योजना में नहीं किया गया है। सरकार द्वारा वर्तमान में महामारी को देखते हुए जरूरतमंद लोगों के जनधन खाते में सहायता राशि डाली जा रही है। किंतु गैर नागरिक स्थिति होने के कारण इन परिवारों के जनधन खाते भी नहीं खुल पाये।
चौधरी ने पत्र में लिखा कि यह सभी पाक विस्थापित लोग दिहाड़ी श्रमिक है और गैर नागरिक होने के कारण इनका पंजीकरण नहीं हो सका है। अन्य नागरिकता प्राप्त पाक विस्थापित भी स्थानीय प्रशासन की अवहेलना के कारण उनका पंजीयन नहीं हो सका है। अतः दिहाड़ी श्रमिको के लिये संकट की इस घड़ी मे संचालित विशेष सरकारी योजनाओं का लाभ इन लोगों को नहीं मिल पा रहा है। इस संबंद्ध मे सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढा अध्यक्ष एवं अन्य प्रतिनिधियों द्वारा लगातार उन्हें संपर्क कर उचित कार्यवाही की माँग की जा रही है।
सांसद चौधरी ने पत्र में लिखा कि मानवीयता के आधार पर राजस्थान प्रदेश और देश के अन्य भागों में रह रहे पाक विस्थापितों को केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की तरफ से संचालित कार्यक्रमों में एक अलग श्रेणी सृजित कर उन्हें तुरंत प्रभाव से सुभेद्य/संकटग्रस्त जाति अन्यथा बीपीएल श्रेणी में शामिल कर और नियमों में शिथिलता प्रदान करते हुए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा देय सभी योजनाओं का लाभ दिये जाने के उचित निर्देश एवं आदेश जारी करवाया जाना चाहिए।
अपने पत्र में चौधरी ने लिखा है कि दुनिया की सबसे बड़ी महामारी कोरोना वायरस के संकट से बचाने के लिए देश भर में इस समय चल रहे लॉक डाउन की नाज़ुक घड़ी में कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए समाज के कमजोर वर्ग के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा जो योजनाएं बनाई गई है उनमें इन पाक विस्थापितों को सम्मिलित नहीं किया गया है। इसके पीछे प्रमुख कारण इन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त नहीं होना बताया जाता है। फलस्वरूप इन परिवारों का चयन बीपीएल स्टेट, बीपीएल अन्त्योदय, एनएफएसए योजना (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा) सहित किसी भी योजना में नहीं किया गया है। सरकार द्वारा वर्तमान में महामारी को देखते हुए जरूरतमंद लोगों के जनधन खाते में सहायता राशि डाली जा रही है। किंतु गैर नागरिक स्थिति होने के कारण इन परिवारों के जनधन खाते भी नहीं खुल पाये।
चौधरी ने पत्र में लिखा कि यह सभी पाक विस्थापित लोग दिहाड़ी श्रमिक है और गैर नागरिक होने के कारण इनका पंजीकरण नहीं हो सका है। अन्य नागरिकता प्राप्त पाक विस्थापित भी स्थानीय प्रशासन की अवहेलना के कारण उनका पंजीयन नहीं हो सका है। अतः दिहाड़ी श्रमिको के लिये संकट की इस घड़ी मे संचालित विशेष सरकारी योजनाओं का लाभ इन लोगों को नहीं मिल पा रहा है। इस संबंद्ध मे सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढा अध्यक्ष एवं अन्य प्रतिनिधियों द्वारा लगातार उन्हें संपर्क कर उचित कार्यवाही की माँग की जा रही है।
सांसद चौधरी ने पत्र में लिखा कि मानवीयता के आधार पर राजस्थान प्रदेश और देश के अन्य भागों में रह रहे पाक विस्थापितों को केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की तरफ से संचालित कार्यक्रमों में एक अलग श्रेणी सृजित कर उन्हें तुरंत प्रभाव से सुभेद्य/संकटग्रस्त जाति अन्यथा बीपीएल श्रेणी में शामिल कर और नियमों में शिथिलता प्रदान करते हुए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा देय सभी योजनाओं का लाभ दिये जाने के उचित निर्देश एवं आदेश जारी करवाया जाना चाहिए।
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