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दिल्ली हाईकोर्ट ने 'ट्विटर ब्लूटिक' याचिका पर सीबीआई के पूर्व निदेशक एम नागेश्वर राव पर लगाया जुर्माना
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सीबीआई के पूर्व प्रमुख मन्नम नागेश्वर राव पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया, जिन्होंने माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट से अपने 'ब्लू टिक' सत्यापन को हटाने के लिए ट्विटर के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की एकल पीठ ने उनकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि अदालत इस मामले में पहले ही आदेश दे चुकी है।
सुनवाई के दौरान पीठ ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई।
पीठ ने टिप्पणी की, "हमने 7 अप्रैल को एक आदेश पारित किया। आपको तुरंत अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए किस चीज ने मजबूर किया? आपके मुवक्किल के पास बहुत खाली समय है। क्या आप हमसे रिटर्न गिफ्ट चाहते हैं।"
अदालत ने कहा कि इसके पहले निपटारे के बावजूद रिट याचिका दायर करने का कोई औचित्य नहीं है।
पीठ ने कहा, "इस प्रकार याचिका को 10,000 रुपये की कीमत के साथ खारिज किया जाता है।"
राव का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता राघव अवस्थी ने तर्क दिया कि ट्विटर ने पिछले महीने टैग के लिए फिर से आवेदन करने के बाद भी आज तक उनके मुवक्किल का 'ब्लू टिक सत्यापन' बहाल नहीं किया है।
ओडिशा कैडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी अगस्त 2020 में सेवानिवृत्त हुए थे। राव सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने 'वायरल ट्वीट्स' के लिए जाने जाते हैं।
7 अप्रैल 2016 को, राव को पांच साल की अवधि के लिए प्रमुख जांच एजेंसी के संयुक्त निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। इससे पहले, वह ओडिशा पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक थे।
--आईएएनएस
सुनवाई के दौरान पीठ ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई।
पीठ ने टिप्पणी की, "हमने 7 अप्रैल को एक आदेश पारित किया। आपको तुरंत अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए किस चीज ने मजबूर किया? आपके मुवक्किल के पास बहुत खाली समय है। क्या आप हमसे रिटर्न गिफ्ट चाहते हैं।"
अदालत ने कहा कि इसके पहले निपटारे के बावजूद रिट याचिका दायर करने का कोई औचित्य नहीं है।
पीठ ने कहा, "इस प्रकार याचिका को 10,000 रुपये की कीमत के साथ खारिज किया जाता है।"
राव का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता राघव अवस्थी ने तर्क दिया कि ट्विटर ने पिछले महीने टैग के लिए फिर से आवेदन करने के बाद भी आज तक उनके मुवक्किल का 'ब्लू टिक सत्यापन' बहाल नहीं किया है।
ओडिशा कैडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी अगस्त 2020 में सेवानिवृत्त हुए थे। राव सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने 'वायरल ट्वीट्स' के लिए जाने जाते हैं।
7 अप्रैल 2016 को, राव को पांच साल की अवधि के लिए प्रमुख जांच एजेंसी के संयुक्त निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। इससे पहले, वह ओडिशा पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक थे।
--आईएएनएस
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