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रेप के दोषियों के खिलाफ सख्त कानून आने के बाद स्वाति ने तोड़ा अनशन
नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने रविवार को अपना उपवास समाप्त कर दिया। वह बीते नौ दिनों से उपवास पर थीं। मालीवाल ने बच्चों से दुष्कर्म करने वालों को मृत्युदंड के प्रावधान वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविद द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद अपना उपवास समाप्त किया। मालीवाल (33) राजघाट पर अनिश्चिलकालीन उपवास पर थीं। उन्होंने सरकार द्वारा छोटी बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई करने तक उपवास जारी रखने की घोषणा की थी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2018 को मंजूरी दे दी। इस अध्यादेश को शनिवार को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। मालीवाल ने जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म व हत्या व देश के दूसरे हिस्सों में भी इसी तरह के अपराधों की व्यापक निंदा के बाद दिल्ली के राजघाट पर अपना उपवास शुरू किया था। तब उन्होंने कहा था हर रोज सरकार द्वारा अदालतों में हलफनामे जमा किए जाते हैं। जब तक कानून लागू नहीं होता, मैं नहीं रूकूंगी। नाबालिगों के साथ दुष्कर्म के दोषियों को छह महीने के भीतर मौत की सजा का कानून होना चाहिए। इससे पहले दिन में केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि वह 12 साल से कम के बच्चों से दुष्कर्म करने वालों को मौत की सजा का प्रस्ताव कर रहे हैं। इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, स्वाति मालीवाल बधाई। अब आपको अनशन खत्म करना चाहिए। हम सभी को अब इन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन पर काम करना चाहिए और बाकी की मांगों के लिए काम जारी रखना चाहिए। इस पर मालीवाल ने कहा कि वह केजरीवाल के आग्रह का सम्मान करती हैं, लेकिन वह अनशन नहीं खत्म करेंगी। आखिरकार बच्चों से दुष्कर्म करने वालों को मृत्युदंड के प्रावधान वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविद द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद स्वाति ने उपवास समाप्त कर दिया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2018 को मंजूरी दे दी। इस अध्यादेश को शनिवार को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। मालीवाल ने जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म व हत्या व देश के दूसरे हिस्सों में भी इसी तरह के अपराधों की व्यापक निंदा के बाद दिल्ली के राजघाट पर अपना उपवास शुरू किया था। तब उन्होंने कहा था हर रोज सरकार द्वारा अदालतों में हलफनामे जमा किए जाते हैं। जब तक कानून लागू नहीं होता, मैं नहीं रूकूंगी। नाबालिगों के साथ दुष्कर्म के दोषियों को छह महीने के भीतर मौत की सजा का कानून होना चाहिए। इससे पहले दिन में केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि वह 12 साल से कम के बच्चों से दुष्कर्म करने वालों को मौत की सजा का प्रस्ताव कर रहे हैं। इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, स्वाति मालीवाल बधाई। अब आपको अनशन खत्म करना चाहिए। हम सभी को अब इन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन पर काम करना चाहिए और बाकी की मांगों के लिए काम जारी रखना चाहिए। इस पर मालीवाल ने कहा कि वह केजरीवाल के आग्रह का सम्मान करती हैं, लेकिन वह अनशन नहीं खत्म करेंगी। आखिरकार बच्चों से दुष्कर्म करने वालों को मृत्युदंड के प्रावधान वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविद द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद स्वाति ने उपवास समाप्त कर दिया।
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