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क्रिकेट सट्टेबाजी में संजीव चावला के साथ शामिल था दाऊद इब्राहिम

इसी बीच मुझे राजेश कालरा नाम के एक अंतर्राष्ट्रीय सट्टेबाज की
टेलीफोन-मोबाइल पर हो रही बातचीत सुनने को मिल गई। यह बातचीत संजीव चावला
और हैंसी क्रोनिये के बीच थी।"
एसीपी ईश्वर सिंह के अनुसार, एक दिन मैं चुपचाप राजेश कालरा की कार का पीछा करने लगा। रास्ते में उसकी कार पंचर भी हो गई। दरअसल, उस वक्त वो (राजेश कालरा) संजीव चावला के जरिये हैंसी क्रोनिये के पास एक नया मोबाइल सिम-कार्ड देने जा रहा था। वह सिमकार्ड हैंसी तक पहुंचा भी दिया गया। उसी दिन और उसी वक्त संजीव चावला को मैंने पहली और आखिरी बार देखा।"
एसीपी ईश्वर सिंह ने बताया कि बाद में उस अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट सट्टेबाजी मामले में मेरी ही शिकायत पर 6 अप्रैल 2000 को दिल्ली पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज किया। जिस दिन मेरी शिकायत पर एफआईआर दर्ज हुई, उस दिन भारत की संसद चल रही थी। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बोल रहे थे। संसद को पता चला कि इस मामले में कई देसी-विदेशी क्रिकेट खिलाड़ी फंस सकते हैं, तो भारतीय क्रिकेटरों के खिलाफ जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के हवाले कर दी गई।"
अब, जब संजीव चावला 19 साल बाद भारत लौटा है तो क्या आप उससे मिलना चाहेंगे? यह पूछे जाने पर ईश्वर सिंह ने कहा कि सब कुछ दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा और हमारे उच्चाधिकारियों पर निर्भर करेगा। जैसा हुक्म होगा वैसा करूंगा। हां, अगर मेरी निजी मंशा पूछी जाए तो मैं एक बार संजीव चावला से मिलना चाहूंगा।"
संजीव चावला से मिलकर सबसे पहले उसके सामने आप क्या सवाल करेंगे? इस सवाल पर ईश्वर सिंह बोले, "पूछूंगा कि उसके साथ वे कौन-कौन से भारतीय क्रिकेटर जुड़े थे, जो आज तक खुद को सेफ समझ रहे थे। अब उसकी (संजीव चावला) जुबान खुलते ही उन्हें अपने बेनकाब होने का डर सता रहा है?"
एसीपी ईश्वर सिंह के अनुसार, एक दिन मैं चुपचाप राजेश कालरा की कार का पीछा करने लगा। रास्ते में उसकी कार पंचर भी हो गई। दरअसल, उस वक्त वो (राजेश कालरा) संजीव चावला के जरिये हैंसी क्रोनिये के पास एक नया मोबाइल सिम-कार्ड देने जा रहा था। वह सिमकार्ड हैंसी तक पहुंचा भी दिया गया। उसी दिन और उसी वक्त संजीव चावला को मैंने पहली और आखिरी बार देखा।"
एसीपी ईश्वर सिंह ने बताया कि बाद में उस अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट सट्टेबाजी मामले में मेरी ही शिकायत पर 6 अप्रैल 2000 को दिल्ली पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज किया। जिस दिन मेरी शिकायत पर एफआईआर दर्ज हुई, उस दिन भारत की संसद चल रही थी। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बोल रहे थे। संसद को पता चला कि इस मामले में कई देसी-विदेशी क्रिकेट खिलाड़ी फंस सकते हैं, तो भारतीय क्रिकेटरों के खिलाफ जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के हवाले कर दी गई।"
अब, जब संजीव चावला 19 साल बाद भारत लौटा है तो क्या आप उससे मिलना चाहेंगे? यह पूछे जाने पर ईश्वर सिंह ने कहा कि सब कुछ दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा और हमारे उच्चाधिकारियों पर निर्भर करेगा। जैसा हुक्म होगा वैसा करूंगा। हां, अगर मेरी निजी मंशा पूछी जाए तो मैं एक बार संजीव चावला से मिलना चाहूंगा।"
संजीव चावला से मिलकर सबसे पहले उसके सामने आप क्या सवाल करेंगे? इस सवाल पर ईश्वर सिंह बोले, "पूछूंगा कि उसके साथ वे कौन-कौन से भारतीय क्रिकेटर जुड़े थे, जो आज तक खुद को सेफ समझ रहे थे। अब उसकी (संजीव चावला) जुबान खुलते ही उन्हें अपने बेनकाब होने का डर सता रहा है?"
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