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बच्चियों को संबल देती बेटी है अनमोल योजना
धर्मशाला। बेटी है अनमोल योजना प्रदेश की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसके तहत सरकार बीपीएल परिवारों में जन्मी बच्चियों के नाम पर डाकघर में 12 हजार रुपए की एफडी करवाने के अलावा लड़कियों को पढ़ाई के लिए वजीफा भी प्रदान करती है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य समाज में महिलाआें के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण पैदा करना, बालिका जन्म व बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करना, बाल विवाह को रोकना तथा लड़कियों को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाना है।
बेटी है अनमोल योजना के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों में जन्मी अधिकतम 2 बालिकाओं पर उनके माता पिता इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। बीपीएल परिवार में पैदा होने वाली दो बेटियों के जन्म के उपरांत 12000 रुपये की राशि 18 वर्ष की आयु तक सावधि जमा के तौर पर बेटी के नाम पर डाकघर में जमा करवाई जाती है। इससे पूर्व बच्चियों के नाम 10 हजार रुपए की एफडी करवाई जाती थी, जिसे वर्तमान सरकार ने बढ़ा कर 12 हजार किया है।
इसके अलावा योजना के अन्तर्गत लड़कियों को उनके घरद्वार के समीप गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए स्नातक स्तर अथवा इस प्रकार के समानान्तर कोर्स कर रही बीपीएल परिवारों की लड़कियों को 5000 रुपये सालाना छात्रवृति प्रदान की जाती है। जिसमें बीए, बी.कॉम, बीएससी, बीई, बीटैक, एमबीबीएस, बीएड तथा एलएलबी पाठ्यक्रम शमिल हैं। यदि पात्र लड़की स्नातक स्तर की प्रथम वर्ष से अंतिम कक्षा में अनुतीर्ण रहती है, तो उसी कक्षा के लिए उसे दूसरी बार उक्त छात्रवृति की दर प्रदान नहीं की जायेगी।
पात्र बेटी की शिक्षा के दौरान पहली से 12वीं कक्षा तक 450 से 2550 रुपये तक की छात्रवृति उनके किताबों तथा कपड़ाें के लिए प्रदान की जाती है।
जिला कर्यक्रम अधिकारी रणजीत कुमार बताते हैं कि जिला कांगड़ा में अप्रैल, 2017 से मार्च, 2018 तक 1005 बेटियों के जन्म के उपरांत सावधि जमा के तौर पर बेटी के नाम पर डाकघर में जमा करवाए गये हैं तथा 6407 लड़कियों को इस अवधि के दौरान छात्रवृति प्रदान की गई है।
योजना के लिए पात्रता मापदंड
लाभार्थी हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए। प्रार्थी का परिवार गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों की सूची में चिन्हित होना चाहिए। 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने से पहले लाभान्वित बेटी का विवाह नहीं होना चाहिए। लाभार्थी के पास आधार कार्ड, बैंक खाता, आय, आयु प्रमाण पत्र तथा बीपीएल कार्ड होना अनिवार्य है।
योजना के ऑनलाइन आवेदन
इसके लिए निर्धारित प्रपत्र पर अपना आवेदन बाल विकास परियोजना अधिकारी को जमा करवाएं। इससे सम्बन्धित जानकारी लोक मित्र केन्द्र से भी प्राप्त की जा सकती है। इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन फार्म भर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन फार्म भरने से पहले लाभार्थी को बैवसाइट पर पंजीकरण करवाना होगा। ऑनलाइन आवदेन फार्म विभागीय वैबसाइट पर भर सकते हैं।
योजना की अधिक जानकारी के लिए संबन्धित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाईजर, जिला कार्यक्रम अधिकारी अथवा बाल विकास परियोजना अधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं।
क्या कहते हैं जिलाधीश
जिलाधीश कांगड़ा संदीप कुमार का कहना है कि जिले में लैंगिक असंतुलन को दूर करने, लड़कियों की शिक्षा, सुरक्षा, सम्मान, स्वाभिमान और अधिकारों को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। सभी जिलावासियों विशेषकर महिलाओं एवं बच्चियों तक सरकार की सभी योजनाओं का पूरा लाभ पहुंचाने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य समाज में महिलाआें के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण पैदा करना, बालिका जन्म व बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करना, बाल विवाह को रोकना तथा लड़कियों को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाना है।
बेटी है अनमोल योजना के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों में जन्मी अधिकतम 2 बालिकाओं पर उनके माता पिता इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। बीपीएल परिवार में पैदा होने वाली दो बेटियों के जन्म के उपरांत 12000 रुपये की राशि 18 वर्ष की आयु तक सावधि जमा के तौर पर बेटी के नाम पर डाकघर में जमा करवाई जाती है। इससे पूर्व बच्चियों के नाम 10 हजार रुपए की एफडी करवाई जाती थी, जिसे वर्तमान सरकार ने बढ़ा कर 12 हजार किया है।
इसके अलावा योजना के अन्तर्गत लड़कियों को उनके घरद्वार के समीप गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए स्नातक स्तर अथवा इस प्रकार के समानान्तर कोर्स कर रही बीपीएल परिवारों की लड़कियों को 5000 रुपये सालाना छात्रवृति प्रदान की जाती है। जिसमें बीए, बी.कॉम, बीएससी, बीई, बीटैक, एमबीबीएस, बीएड तथा एलएलबी पाठ्यक्रम शमिल हैं। यदि पात्र लड़की स्नातक स्तर की प्रथम वर्ष से अंतिम कक्षा में अनुतीर्ण रहती है, तो उसी कक्षा के लिए उसे दूसरी बार उक्त छात्रवृति की दर प्रदान नहीं की जायेगी।
पात्र बेटी की शिक्षा के दौरान पहली से 12वीं कक्षा तक 450 से 2550 रुपये तक की छात्रवृति उनके किताबों तथा कपड़ाें के लिए प्रदान की जाती है।
जिला कर्यक्रम अधिकारी रणजीत कुमार बताते हैं कि जिला कांगड़ा में अप्रैल, 2017 से मार्च, 2018 तक 1005 बेटियों के जन्म के उपरांत सावधि जमा के तौर पर बेटी के नाम पर डाकघर में जमा करवाए गये हैं तथा 6407 लड़कियों को इस अवधि के दौरान छात्रवृति प्रदान की गई है।
योजना के लिए पात्रता मापदंड
लाभार्थी हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए। प्रार्थी का परिवार गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों की सूची में चिन्हित होना चाहिए। 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने से पहले लाभान्वित बेटी का विवाह नहीं होना चाहिए। लाभार्थी के पास आधार कार्ड, बैंक खाता, आय, आयु प्रमाण पत्र तथा बीपीएल कार्ड होना अनिवार्य है।
योजना के ऑनलाइन आवेदन
इसके लिए निर्धारित प्रपत्र पर अपना आवेदन बाल विकास परियोजना अधिकारी को जमा करवाएं। इससे सम्बन्धित जानकारी लोक मित्र केन्द्र से भी प्राप्त की जा सकती है। इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन फार्म भर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन फार्म भरने से पहले लाभार्थी को बैवसाइट पर पंजीकरण करवाना होगा। ऑनलाइन आवदेन फार्म विभागीय वैबसाइट पर भर सकते हैं।
योजना की अधिक जानकारी के लिए संबन्धित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाईजर, जिला कार्यक्रम अधिकारी अथवा बाल विकास परियोजना अधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं।
क्या कहते हैं जिलाधीश
जिलाधीश कांगड़ा संदीप कुमार का कहना है कि जिले में लैंगिक असंतुलन को दूर करने, लड़कियों की शिक्षा, सुरक्षा, सम्मान, स्वाभिमान और अधिकारों को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। सभी जिलावासियों विशेषकर महिलाओं एवं बच्चियों तक सरकार की सभी योजनाओं का पूरा लाभ पहुंचाने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं।
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