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आलोचना, धमकी के बाद इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने बीफ ट्वीट हटाया
नई दिल्ली। प्रमुख इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने ट्विटर पर आलोचना के बाद उस चित्र को सोशल साइट से रविवार को हटा लिया, जिसमें वह बीफ खाते हुए दिख रहे हैं। उन्होंने धमकियों और फोन काल्स के बाद इस चित्र को ट्वीट करने के लिए माफी मांगी।
गुहा ने शनिवार को लिखा था, "पुराने गोवा में एक शानदार सुबह के बाद हमने पणजी में दोपहर का भोजन किया। चूंकि यह भाजपा शासित राज्य है, इसलिए वहां मैंने समारोह में बीफ खाने का निर्णय लिया।
गुहा के इस ट्वीट पर एक ट्विटर उपयोगकर्ता ने जवाब दिया, "यदि कोई हिंदू बीफ खाता है और उसका प्रचार करता है तो वह इस धर्म पर कलंक है। रामचंद्र गुहा ऐसा ही कर रहे हैं। वह प्रचार की इस घटिया हरकत के जरिए पूरे हिंदुओं को चिढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें माकूल जवाब दिया जाना चाहिए।
गुहा ने इस ट्विटर उपयोगकर्ता की पहचान आर.के. यादव के रूप में की है, जो रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का पूर्व अधिकारी है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट को इस मामले की जानकारी रविवार को दी। उन्होंने यह भी कहा, "मुझे एक व्यक्ति ने धमकी भरे फोन किए और अपना नाम दिल्ली निवासी संजय बताया। उसने मेरी पत्नी को और मुझे भी धमकी दी।" हालांकि बाद में जब कई और लोगों ने ट्वीट के जरिए उस चित्र की आलोचना की तो गुहा ने उस चित्र को ट्विटर से हटा दिया। तरुण शुक्ला ने कहा, "किसी की अपनी राजनीति संबद्धता, सोच हो सकती है, लेकिन एक पशु वध का जश्न मनाने की बात कहने का क्या मतलब। एक इतिहासकार की तरफ से इस तरह का ट्वीट दुखद है।गुहा ने उसके बाद अपना रंग बदला और उन्होंने जवाब दिया, "मैं आपके विचार से सहमत हूं। यह चित्र अनावश्यक था। खाने की पसंद की स्वतंत्रता पर बहस इसके बगैर हो सकती थी।
गुहा के इस ट्वीट पर एक ट्विटर उपयोगकर्ता ने जवाब दिया, "यदि कोई हिंदू बीफ खाता है और उसका प्रचार करता है तो वह इस धर्म पर कलंक है। रामचंद्र गुहा ऐसा ही कर रहे हैं। वह प्रचार की इस घटिया हरकत के जरिए पूरे हिंदुओं को चिढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें माकूल जवाब दिया जाना चाहिए।
गुहा ने इस ट्विटर उपयोगकर्ता की पहचान आर.के. यादव के रूप में की है, जो रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का पूर्व अधिकारी है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट को इस मामले की जानकारी रविवार को दी। उन्होंने यह भी कहा, "मुझे एक व्यक्ति ने धमकी भरे फोन किए और अपना नाम दिल्ली निवासी संजय बताया। उसने मेरी पत्नी को और मुझे भी धमकी दी।" हालांकि बाद में जब कई और लोगों ने ट्वीट के जरिए उस चित्र की आलोचना की तो गुहा ने उस चित्र को ट्विटर से हटा दिया। तरुण शुक्ला ने कहा, "किसी की अपनी राजनीति संबद्धता, सोच हो सकती है, लेकिन एक पशु वध का जश्न मनाने की बात कहने का क्या मतलब। एक इतिहासकार की तरफ से इस तरह का ट्वीट दुखद है।गुहा ने उसके बाद अपना रंग बदला और उन्होंने जवाब दिया, "मैं आपके विचार से सहमत हूं। यह चित्र अनावश्यक था। खाने की पसंद की स्वतंत्रता पर बहस इसके बगैर हो सकती थी।
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