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चारा नहीं मिलने से हिंगोनिया गौशाला में सैंकड़ों गायों की मौत
जयपुर । गाय को लेकर भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही दल राजनीति करने से नहीं चूकते है. लेकिन राजधानी में गहलोत सरकार की नाक के नीचे हिंगोनिया गौशाला में भूख से सैंकड़ों गायों की मौत हो गई, लेकिन नगर निगम और राज्य सरकार को भनक तक नहीं लगी।
जब मामले का खुलासा हुआ, तो पता चला कि चारे की कमी के चलते 800 से अधिक गायों की मौत पिछले एक हफ्ते के दौरान हो गई। हिंगोनिया गौशाला को अक्षयपात्र ने गोद ले रखा है, लेकिन नगर निगम में 15 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं होने से चारे की व्यवस्था हिंगोनिया गौशाला के लिए नहीं हो सकी, इसके चलते चारा खत्म होने से गायों की मौत होने का सिलसिला चल पड़ा।
वहीं मेयर विष्णु लाटा ने इस मामले मे गोशाला के पशु चिकित्सक डॉ. कमलेश मीणा और राजेंद्र चित्तौड़िया को निलंबित कर दिया है। वहीं अक्षयपात्र और उपायुक्त गौशाला नगर निगम ने इस मामल में एक-दूसरे पर ही आरोप-प्रत्यारोप जड़ दिए है। उपायुक्त आर के मीना को तो गायों के मरने की सूचना नहीं है और जहां तक भुगतान की फाइल का भी उन्हें पता नहीं है। वहीं अक्षय पात्र का कहना है कि अक्षयपात्र की तरफ से हर महीने नियमित रूप से बिल भेजा जाता है, लेकिन नगर निगम में पांच महीने से कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
जब मामले का खुलासा हुआ, तो पता चला कि चारे की कमी के चलते 800 से अधिक गायों की मौत पिछले एक हफ्ते के दौरान हो गई। हिंगोनिया गौशाला को अक्षयपात्र ने गोद ले रखा है, लेकिन नगर निगम में 15 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं होने से चारे की व्यवस्था हिंगोनिया गौशाला के लिए नहीं हो सकी, इसके चलते चारा खत्म होने से गायों की मौत होने का सिलसिला चल पड़ा।
वहीं मेयर विष्णु लाटा ने इस मामले मे गोशाला के पशु चिकित्सक डॉ. कमलेश मीणा और राजेंद्र चित्तौड़िया को निलंबित कर दिया है। वहीं अक्षयपात्र और उपायुक्त गौशाला नगर निगम ने इस मामल में एक-दूसरे पर ही आरोप-प्रत्यारोप जड़ दिए है। उपायुक्त आर के मीना को तो गायों के मरने की सूचना नहीं है और जहां तक भुगतान की फाइल का भी उन्हें पता नहीं है। वहीं अक्षय पात्र का कहना है कि अक्षयपात्र की तरफ से हर महीने नियमित रूप से बिल भेजा जाता है, लेकिन नगर निगम में पांच महीने से कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
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