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हनुमान जंयती: क्यों पहनाई जाती है हनुमानजी को जनेऊ

khaskhabar.com : शनिवार, 31 मार्च 2018 08:40 AM (IST)
हनुमान जंयती: क्यों पहनाई जाती है हनुमानजी को जनेऊ
नई दिल्ली। देशभर में आज हनुमान जयंती बड़ी ही धूमधाम से मनाई जा रही है। सुबह से ही हनुमान मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। खास बात ये है कि इस बार हनुमान जयंती पर बड़ा ही शुभ संयोग बना हुआ है जो शनि और मंगल के दोषों को दूर करने के लिए उत्तम है। दरअसल मंगल ग्रह जिसके देवता हनुमान जी है और शनि ग्रह जिनके स्वामी शनि महाराज हैं दोनों ग्रह एक साथ एक ही राशि धनु में विराजमान हैं। ऐसे में हनुमान जयंती के अवसर पर इस साल हनुमान जी की पूजा से दोनों पाप ग्रहों के दोष को एक साथ दूर किया जा सकता है। शास्त्रों और मान्यताओं के अनुसार हनुमान जयंती के अवसर पर हनुमान जी को लंगोटा और सिंदूर चढ़ाना चाहिए इससे सभी अमंगल दूर होते हैं। इस साल लंगोटा और सिंदूर चढ़ाने से जहां हनुमान जी प्रसन्न होंगे वहीं मंगल ग्रह के दोष से जो लोग पीडि़त हैं उनका मंगल शांत होगा और शनि ग्रह से पीडि़त व्यक्तियों पर से शनि का कोप कम होगा। इन उपायों का प्रयोग पारिवारिक जीवन में मची उथल-पुथल को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है। यूं करें हनुमानजी की पूजा हनुमान जयंती एक हिन्दू पर्व है। यह चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन हनुमानजी का जन्म हुआ माना जाता है। हनुमान जयंती को लोग हनुमान मंदिर में दर्शन हेतु जाते है। कुछ लोग व्रत भी धारण कर बड़ी उत्सुकता और जोश के साथ समर्पित होकर इनकी पूजा करते है। चूँकि यह कहा जाता है कि ये बाल ब्रह्मचारी थे इसलिए इन्हे जनेऊ भी पहनाई जाती है। हनुमानजी की मूर्तियों पर सिंदूर और चांदी का वर्क चढाने की परम्परा है। कहा जाता है राम की लम्बी उम्र के लिए एक बार हनुमान जी अपने पूरे शरीर पर सिंदूर चढ़ा लिया था और इसी कारण उन्हें और उनके भक्तो को सिंदूर चढ़ाना बहूत अच्छा लगता है जिसे चोला कहते है। संध्या के समय दक्षिण मुखी हनुमान मूर्ति के सामने शुद्ध होकर मन्त्र जाप करने को अत्यंत महत्त्व दिया जाता है। हनुमान जयंती पर रामचरितमानस के सुन्दरकाण्ड पाठ को पढना भी हनुमानजी को प्रसन्न करता है। सभी मंदिरो में इस दिन तुलसीदास कृत रामचरितमानस एवं हनुमान चालीसा का पाठ होता है। जगह-जगह भंडारे आयोजित किये जाते है। तमिलानाडु व केरल में हनुमान जयंती मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को तथा उड़ीसा में वैशाख महीने के पहले दिन मनाई जाती है। वहीं कर्नाटक व आंध्र प्रदेश में चैत्र पूर्णिमा से लेकर वैशाख महीने के 10वें दिन तक यह त्योंहार मनाया जाता है। भगवान हनुमान को इन नामों से भी जाना जाता है इन्द्र के वज्र से हनुमानजी की ठुड्डी (संस्कृत में हनु) टूट गई थी। इसलिये उनको हनुमान का नाम दिया गया। इसके अलावा ये अनेक नामों से प्रसिद्ध है जैसे बजरंग बली, मारुति, अंजनि सुत, पवनपुत्र, संकटमोचन, केसरीनन्दन, महावीर, कपीश, शंकर सुवन आदि।

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