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कोरोना वायरस - हरियाणा में सरसों और गेहूं की खरीद केंद्रों की संख्या में हुई वृद्धि

khaskhabar.com : मंगलवार, 07 अप्रैल 2020 9:02 PM (IST)
कोरोना वायरस - हरियाणा में सरसों और गेहूं की खरीद केंद्रों की संख्या में हुई वृद्धि
चण्डीगढ । हरियाणा राज्य के किसानों को आश्वस्त करते हुए कि उनकी उपज का एक-एक दाना राज्य सरकार द्वारा खरीदा जाएगा, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सरसों की 15 अप्रैल और गेहूं की 20 अप्रैल से होने वाली खरीद के लिए मंडियों और खरीद केंद्रों की संख्या में वृद्धि की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गेहूं की खरीद के लिए मंडियों और खरीद केंद्र की संख्या 477 से बढ़ाकर 2000 की गई है और सरसों के 67 खरीद केन्द्र से बढ़ाकर 140 खरीद केन्द्र किए गए हैं ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हों।

मनोहर लाल ने यहां एक डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यह घोषणाएं कीं।

उन्होंने यह भी घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कल केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को आहवान किए जाने के बाद, उन्होंने स्वयं और हरियाणा के राज्यपाल, उप-मुख्यमंत्री, सभी कैबिनेट मंत्रियों और राज्य मंत्री, हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने भी कोरोना वायरस के प्रकोप को फेलने से रोकने के लिए और अर्थव्यवस्था में अपेक्षित मंदी के मद्देनजर वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतू अपने ऐच्छिक कोटे से समेकित निधि (कोनसोलीडेट फंड) में 51 करोड़ रुपये का योगदान करने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर एहतियात के तौर पर चरणबद्ध तरीके से किसानों की उपज खरीदने की योजना तैयार की गई है। उन्होंने राज्य सरकार के इस फैसले का तहे दिल से समर्थन करने वाले आढ़तियों का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को भी पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि उन किसानों को प्रोत्साहन दिया जाए जो देरी से अपनी उपज को मंडियों में लेकर आएंगें। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरी उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द ही इस पर अनुकूल निर्णय लेगी’’।

मुख्यमंत्री ने ‘‘मेरी फसल मेरा ब्योरा योजना’’ का उल्लेख करते हुए कहा कि हालांकि राज्य सरकार ने प्रदेश में किसान की फसल का पंजीकरण पूरा कर लिया है, लेकिन कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को उन किसानों के लिए पंजीकरण को फिर से खोलने का निर्देश दिया गया है, जो किसी भी कारण से पहले अपना पंजीकरण नहीं करवा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे किसान 19 अप्रैल, 2020 तक पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसानों को उनकी उपज की खरीद के 24 घंटों के भीतर उनके बैंक खातों में भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार सरसों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी और किसानों द्वारा मंडियों में सरसों की फसल की खरीद पर कोई सीमा नहीं होगी।

मनोहर लाल ने राज्य के किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के खिलाफ लडऩे के लिए स्थापित कोरोना रिलीफ फंड में अपना योगदान दें। उन्होंने किसान संगठनों और किसान संघों का भी धन्यवाद किया जो इस संकट की घडी में आगे आ रहे हैं और किसानों से फंड में उदारता से योगदान देने का आग्रह कर रहे हैं।

राज्य और देश की खाद्यान्न की आवश्यकता को पूरा करने में किसानों के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने आग्रह किया कि वे मंडियों में अपनी उपज लेते समय सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) बनाए रखें और मास्क का उपयोग करें ताकि कोरोना वायरस से स्वयं को प्रभावित होने से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि मंडियों और खरीद केंद्रों में मास्क उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि कोविड-19 के प्रकोप को फैलने से रोका जा सकें।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत तीन महीने का राशन पहले ही डिपो में पहुंचा दिया गया है और सभी गुलाबी, पीला और खाकी कार्ड धारकों को दोगुना राशन निशुल्क दिया जाएगा। इस राशन में चीनी और सरसों का तेल भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, राज्य सरकार ने फैसला किया है कि अब से, गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) कार्ड धारक भी बाजार दरों की तुलना में कम दरों पर डिपो से राशन प्राप्त कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इस समय जब सरकार और पूरा समाज कोविड-19 का मुकाबला कर रहा है, यह लोगों की जिम्मेदारी है कि वे स्वेच्छा से आगे आएं और समाज के गरीब तबके के लोगों की मदद करें। उन्होंने राहत उपायों में जिला प्रशासन की सहायता के लिए गांवों और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के प्रत्येक गरीब की देखभाल कर रही है और पिछले सात दिनों में 55 लाख खाद्य पैकेट और 3.50 लाख राशन पैकेट वितरित किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए आह्वान पर, समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने अब तक कोरोना रिलीफ फंड में लगभग 49 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के 150 कर्मचारियों ने मार्च, 2020 का अपना 100 प्रतिशत वेतन का योगदान दिया है, वहीं 1.82 लाख कर्मचारियों ने एक प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक का योगदान दिया है।

एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल कटाई को लेकर हरियाणा में टैऊक्टर व कंबाईन हारवेस्टर इत्यादि मशीनरी की आवाजाही में दिक्कत नहीं होगी बल्कि इस मशीनरी के साथ आने वाले लोगों के आवश्यक टेस्ट करवाते हुए तथा सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और पंजाब से कुछ कंबाईन हारवेस्टर मशीनें हरियाणा में आ चुकी है और इसके अलावा, हरियाणा में 4500 कंबाईन हारवेस्टर मशीनें हैं। उन्होंने बताया कि ऐसी सभी मशीनों व वाहनों की वर्कशाप और एजेंसी को खुले रहने के भी निर्देश दिए गए हैं ताकि फसल कटाई में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि राज्य में फसल कटाई व उठान के लिए मनरेगा के श्रमिकों को उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके अलावा, राज्य के 200 विभिन्न राहत शिविरों में रह रहे 15000 से अधिक मजदूरों ने भी खेतों में काम करने की इच्छा जताई है।

डिजीटल लाइव प्रैस कान्फ्रेंस के दौरान एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा के विधायकों का इस माह का वेतन कोरोना रिलिफ फंड में जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि 14 अप्रैल के लॉकडाउन के संबंध में केन्द्र सरकार जैसा निर्णय लेगी, उसी अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी।

कर्मचारियों के वेतन में से स्वेच्छिक रूप से योगदान देने के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि अभी तक शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने इस वेबपोर्टल पर सबसे अधिक योगदान दिया है जो अब तक प्राप्त राशि का 50 प्रतिशत से भी अधिक है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा वेबपोर्ट पर पंजीकृत किए गए प्रदर्शन के अनुसार लगभग 70 करोड रूपए की राशि आने की संभावना है।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने 50 से 60 लाख मीट्रिक टन अनाज रखने की सुविधा तैयार की है। इसके अलावा, विभिन्न स्थानों पर भी शेड सुविधा तैयार की गई है जहां पर दो से तीन महीनें के लिए अनाज को रखा जा सकता हैं।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गुरूग्राम की मंडियों में सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर गुरूग्राम के पुलिस आयुक्त को निर्देश दिए गए हैं कि वे मंडियों में जाकर इस सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने में लोगों को समझाएं ताकि कोविड-19 के प्रकोप को फेलने से रोका जा सकें।

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