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कोरोना वायरस - हरियाणा में तबलीगी जमात के 107 लोगों की पहचान, एफआईआर हुई दर्ज
चंडीगढ़ । हरियाणा गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयवर्धन ने कहा कि तबलीगी जमात के 107 लोग, जो पर्यटक वीजा पर भारत आए हैं, उनकी पहचान हरियाणा राज्य में की गई है और अब उन्हें क्वारंटीन में रखा गया है। उनके खिलाफ पलवल, फरीदाबाद, पानीपत, अंबाला और नूंह में एफआईआर भी दर्ज की गई है और संबंधित अधिनियमों व कानूनों के तहत जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि हालांकि तबलीगी जमात के लोगों ने राज्य के विभिन्न जिलों में प्रवेश किया, लेकिन नूंह में ऐसे लोगों की अधिकतम संख्या की जानकारी प्राप्त हुई है।
विजयवर्धन ने कहा कि 15,850 प्रवासी मजदूरों को 228 राहत शिविरों में रखा गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में 573 राहत शिविर/आश्रय गृह स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि गौशालाओं में पशुओं के चारे के लिए परेशानी मुक्त वाहनों के आवागमन के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं ताकि गौशालाओं में पशुओं के चारे को लाने-ले-जाने के लिए किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो। इसी प्रकार, पंचकूला में 24 घंटे के लिए हेल्पलाइन-कम-कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है और ऐसी कोई शिकायत मिलने पर नियंत्रण कक्ष में उपलब्ध खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के अधिकारियों द्वारा तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और आईपीएस स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रत्येक जिले में नोडल अधिकारियों के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है ताकि लॉकडाउन के दौरान आवश्यक खाद्य पदार्थों के पर्याप्त स्टॉक की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके और खाद्य पदार्थों की कमी या अधिक मूल्य की कोई शिकायत अभी तक प्राप्त नहीं हुई हैं।
पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित करके पुलिस विभाग राज्य में कोविड-19 के प्रकोप की चुनौती को दूर करने के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोई अवांछित व्यक्ति प्रवेश न करें को सुनिश्चित करने के लिए 162 प्रवेश बिंदुओं पर नाकेबंदी की गई है। इसके अलावा, मंडियों और बाजारों में तैनात पुलिस कर्मियों को 1.5 मीटर की सोशल डिसटेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों को क्वारंटीन केन्द्रों व आइसोलेशन वार्डों में भी तैनात किया गया है ताकि कोई भी संक्रमित व्यक्ति बाहर न जा सकें।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने अपने मूल राज्यों में जा रहे प्रवासी मजदूरों को भी सफलतापूर्वक तलाशकर राहत शिविरों में शरण दिलवाई। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में 20,000 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है और उन्हें ड्यूटी सौंपी गई है। लॉकडाउन के प्रावधानों को लागू करते हुए लोगों के साथ सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार करने के लिए उन्हें दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।
यादव ने कहा कि 25 मार्च, 2020 को हुए लॉकडाउन के बाद से राज्य में उल्लंघना के 4,539 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 948 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है और 1374 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, 5401 मामलों में वाहनों के चालान या ईम्पाऊंड किया गया है।
उन्होंने राज्य के लोगों से पुलिस के साथ सहयोग करने की अपील की जो लोगों की सुरक्षा के लिए अपने घरों से बाहर हैं। उन्होंने राज्य के लोगों को उनके समर्थन और लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए भी धन्यवाद दिया। उन्होंने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति लॉकडाउन के प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो वे 100 नंबर पर पुलिस को सूचित करें। उन्होंने उन्होंने कहा कि लोगों को इस दौरान किसी भी तरह के जमावड़े से बचना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि लॉकडाउन के शेष दिनों में लोग पुलिस का पूरा सहयोग करते रहेंगे।
एक प्रश्न के उत्तर में, यादव ने कहा कि पुलिस कर्मियों को फेस मास्क प्रदान किए जा रहे हैं। इसके अलावा, पुलिस कर्मियों की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने के लिए उन्हें उचित आराम भी दिया जा रहा है। पुलिसकर्मी ड्यूटी के लिए शारीरिक रूप से फिट हैं, को सुनिश्चित करते हुए पुलिस कर्मियों को हर सप्ताह चिकित्सा जांच भी की जा रही है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, उन्होंने कहा कि जांच के बाद पता चला है कि तबलीगी जमात के लोगों ने 25 मार्च, 2020 को लॉकडाउन होने से पहले राज्य में प्रवेश किया था। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस तिथि के बाद, राज्य में इस तरह के किसी भी व्यक्ति ने प्रवेश नहीं किया है।
एक अन्य सवाल के जवाब में, उन्होंने कहा कि राज्य में फसल कटाई को सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन करते हुए अनुमति दी गई है। इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा जारी किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हालांकि तबलीगी जमात के लोगों ने राज्य के विभिन्न जिलों में प्रवेश किया, लेकिन नूंह में ऐसे लोगों की अधिकतम संख्या की जानकारी प्राप्त हुई है।
विजयवर्धन ने कहा कि 15,850 प्रवासी मजदूरों को 228 राहत शिविरों में रखा गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में 573 राहत शिविर/आश्रय गृह स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि गौशालाओं में पशुओं के चारे के लिए परेशानी मुक्त वाहनों के आवागमन के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं ताकि गौशालाओं में पशुओं के चारे को लाने-ले-जाने के लिए किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो। इसी प्रकार, पंचकूला में 24 घंटे के लिए हेल्पलाइन-कम-कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है और ऐसी कोई शिकायत मिलने पर नियंत्रण कक्ष में उपलब्ध खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के अधिकारियों द्वारा तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और आईपीएस स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रत्येक जिले में नोडल अधिकारियों के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है ताकि लॉकडाउन के दौरान आवश्यक खाद्य पदार्थों के पर्याप्त स्टॉक की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके और खाद्य पदार्थों की कमी या अधिक मूल्य की कोई शिकायत अभी तक प्राप्त नहीं हुई हैं।
पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित करके पुलिस विभाग राज्य में कोविड-19 के प्रकोप की चुनौती को दूर करने के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोई अवांछित व्यक्ति प्रवेश न करें को सुनिश्चित करने के लिए 162 प्रवेश बिंदुओं पर नाकेबंदी की गई है। इसके अलावा, मंडियों और बाजारों में तैनात पुलिस कर्मियों को 1.5 मीटर की सोशल डिसटेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों को क्वारंटीन केन्द्रों व आइसोलेशन वार्डों में भी तैनात किया गया है ताकि कोई भी संक्रमित व्यक्ति बाहर न जा सकें।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने अपने मूल राज्यों में जा रहे प्रवासी मजदूरों को भी सफलतापूर्वक तलाशकर राहत शिविरों में शरण दिलवाई। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में 20,000 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है और उन्हें ड्यूटी सौंपी गई है। लॉकडाउन के प्रावधानों को लागू करते हुए लोगों के साथ सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार करने के लिए उन्हें दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।
यादव ने कहा कि 25 मार्च, 2020 को हुए लॉकडाउन के बाद से राज्य में उल्लंघना के 4,539 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 948 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है और 1374 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, 5401 मामलों में वाहनों के चालान या ईम्पाऊंड किया गया है।
उन्होंने राज्य के लोगों से पुलिस के साथ सहयोग करने की अपील की जो लोगों की सुरक्षा के लिए अपने घरों से बाहर हैं। उन्होंने राज्य के लोगों को उनके समर्थन और लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए भी धन्यवाद दिया। उन्होंने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति लॉकडाउन के प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो वे 100 नंबर पर पुलिस को सूचित करें। उन्होंने उन्होंने कहा कि लोगों को इस दौरान किसी भी तरह के जमावड़े से बचना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि लॉकडाउन के शेष दिनों में लोग पुलिस का पूरा सहयोग करते रहेंगे।
एक प्रश्न के उत्तर में, यादव ने कहा कि पुलिस कर्मियों को फेस मास्क प्रदान किए जा रहे हैं। इसके अलावा, पुलिस कर्मियों की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने के लिए उन्हें उचित आराम भी दिया जा रहा है। पुलिसकर्मी ड्यूटी के लिए शारीरिक रूप से फिट हैं, को सुनिश्चित करते हुए पुलिस कर्मियों को हर सप्ताह चिकित्सा जांच भी की जा रही है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, उन्होंने कहा कि जांच के बाद पता चला है कि तबलीगी जमात के लोगों ने 25 मार्च, 2020 को लॉकडाउन होने से पहले राज्य में प्रवेश किया था। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस तिथि के बाद, राज्य में इस तरह के किसी भी व्यक्ति ने प्रवेश नहीं किया है।
एक अन्य सवाल के जवाब में, उन्होंने कहा कि राज्य में फसल कटाई को सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन करते हुए अनुमति दी गई है। इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा जारी किए जा रहे हैं।
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