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कोरोना : अंतिम संस्कार के साथ अस्थियां विसर्जित करा रहे लोग, सेवा की इच्छा ने घर में लगवाए बेड
नई दिल्ली। देशभर में कोरोना संक्रमण के कारण लोगों की हर दिन मृत्यु हो रही है। शमशान घाट हो या कब्रिस्तान सभी जगहों पर अंतिम संस्कार करने के लिए लंबी लंबी कतारें लगी हुई हैं। ऐसे में कुछ लोग निशुल्क अंतिम संस्कार की सेवा में जुटे हैं। इसके अलावा अस्थियों को भी विसर्जित करने का जिम्मा भी उठाया हुआ है। कोरोना महामारी में न जाने कितनों ने अपनों को खोया वहीं संक्रमण के डर के कारण परिजनों ने अपनों के शवों को हाथ तक नहीं लगाया।
दिल्ली स्थित संत सेवा फाउंडेशन चला रहे जयंत मल्होत्रा और उनके पिता एक तरफ लोगों का अंतिम संस्कार करा रहें हैं तो वहीं नार्थ इंडिया और दिल्ली से अब तक करीब 15000 लोगों की अस्थियां भी विसर्जित कर चुके हैं।
इन अस्थियों में कई लावारिश शवों और कोरोना संक्रमण से मृत लोगों की अस्थियां भी शामिल हैं। हालांकि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से पहले ही ये काम किया जा रहा था, लेकिन जैसे जैसे दूसरी लहर ने अपना विकराल रूप दिखाया तो इन अस्थियों की तादाद बढ़ती चली गई।
संत सेवा फाउंडेशन विदेश से अस्थियां मंगा उनका भी विसर्जन करना शुरू कर दिया है। दरअसल ये सेवा उन एनआरआई लोगों के लिए भी है जो किसी कारण अपनों की अस्थियों को रीति रिवाज के साथ नहीं विसर्जित कर पाते। वह कोरियर के माध्यम से इन्हें अस्थियां भिजवा सकते हैं।
जयंत मल्होत्रा ने अपने घर की बिल्डिंग में ही 10 कोविड संक्रमित मरीजों के लिए बेड डाल रखे हैं, ताकि जिन मरीजों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहा है उनका उपचार हो सके।
स्थानीय प्रशासन से इनको हाल ही में इसकी इजाजत मिली है। कोरोना संक्रमण मरीजों के लिए बेड पर ऑक्सिमिटर लगा रखा है वहीं ऑक्सिजन सिलेंडर भी लगा रखे हैं।
संत सेवा फाउंडेशन चला रहे जयंत मल्होत्रा ने आईएनएस को बताया कि, "पहले हमने लंगर के साथ अपनी सेवा शुरू की, उसके बाद अंतिम संस्कार फिर अस्थियां विसर्जन कराने लगे। इसके अलावा एम्बुलेंस सेवा भी शुरू कर रखी है और हमने अभी 10 बेड डाल रखे हैं, कोरोना मरीजों के लिए ताकि उनका इलाज हो सके।"
"हमने विदेश से भी अस्थियां मंगा कर विसर्जित की हैं, अब तक कुल 4 से 5 लोगों की अस्थियां विदेश से आई हैं। हालांकि हमने ये बहुत पहले से शुरू कर रखा है लेकिन लोगों तक इसकी जानकारी नहीं पहुंच सकी।"
मल्होत्रा के अनुसार, " इन सभी सेवाओं को निशुल्क कर रहें हैं। वहीं भविष्य में अपने पूरे घर को कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए समर्पित कर देंगे, इन 10 बेड को बढ़ा कर भविष्य में 60 बेड करने का इरादा है।"
दिल्ली में ये अकेले इस तरह की सेवा नहीं कर रहे हैं, बल्कि कुछ और एजीओ हैं जो लगातार इस तरह की सेवा जनता को दे रहे हैं। शहीद भगत सिंह सेवा दल दूसरी लहर में अब तक 2290 लोगों का अंतिम संस्कार कर चुका है। इनमें 5 महीने की बच्ची से लेकर 9 महीने के बच्चे तक का शव शामिल है।
शहीद भगत सिंह सेवा दल के संस्थापक जितेंद्र सिंह शंटी ने आईएएनएस को बताया कि, "दूसरी लहर में 50 से 80 तक शवों की संख्या चली जाती थी, लेकिन मौजूदा वक्त में 40 के करीब का आंकड़ा आ रहा है। इतना ही नहीं अब तक 300 अस्थियां विसर्जित कर चुके हैं अभी करीब 1 हजार और अस्थियां रखी हुई हैं जिनको विसर्जित करना बाकी है।"
--आईएएनएस
दिल्ली स्थित संत सेवा फाउंडेशन चला रहे जयंत मल्होत्रा और उनके पिता एक तरफ लोगों का अंतिम संस्कार करा रहें हैं तो वहीं नार्थ इंडिया और दिल्ली से अब तक करीब 15000 लोगों की अस्थियां भी विसर्जित कर चुके हैं।
इन अस्थियों में कई लावारिश शवों और कोरोना संक्रमण से मृत लोगों की अस्थियां भी शामिल हैं। हालांकि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से पहले ही ये काम किया जा रहा था, लेकिन जैसे जैसे दूसरी लहर ने अपना विकराल रूप दिखाया तो इन अस्थियों की तादाद बढ़ती चली गई।
संत सेवा फाउंडेशन विदेश से अस्थियां मंगा उनका भी विसर्जन करना शुरू कर दिया है। दरअसल ये सेवा उन एनआरआई लोगों के लिए भी है जो किसी कारण अपनों की अस्थियों को रीति रिवाज के साथ नहीं विसर्जित कर पाते। वह कोरियर के माध्यम से इन्हें अस्थियां भिजवा सकते हैं।
जयंत मल्होत्रा ने अपने घर की बिल्डिंग में ही 10 कोविड संक्रमित मरीजों के लिए बेड डाल रखे हैं, ताकि जिन मरीजों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहा है उनका उपचार हो सके।
स्थानीय प्रशासन से इनको हाल ही में इसकी इजाजत मिली है। कोरोना संक्रमण मरीजों के लिए बेड पर ऑक्सिमिटर लगा रखा है वहीं ऑक्सिजन सिलेंडर भी लगा रखे हैं।
संत सेवा फाउंडेशन चला रहे जयंत मल्होत्रा ने आईएनएस को बताया कि, "पहले हमने लंगर के साथ अपनी सेवा शुरू की, उसके बाद अंतिम संस्कार फिर अस्थियां विसर्जन कराने लगे। इसके अलावा एम्बुलेंस सेवा भी शुरू कर रखी है और हमने अभी 10 बेड डाल रखे हैं, कोरोना मरीजों के लिए ताकि उनका इलाज हो सके।"
"हमने विदेश से भी अस्थियां मंगा कर विसर्जित की हैं, अब तक कुल 4 से 5 लोगों की अस्थियां विदेश से आई हैं। हालांकि हमने ये बहुत पहले से शुरू कर रखा है लेकिन लोगों तक इसकी जानकारी नहीं पहुंच सकी।"
मल्होत्रा के अनुसार, " इन सभी सेवाओं को निशुल्क कर रहें हैं। वहीं भविष्य में अपने पूरे घर को कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए समर्पित कर देंगे, इन 10 बेड को बढ़ा कर भविष्य में 60 बेड करने का इरादा है।"
दिल्ली में ये अकेले इस तरह की सेवा नहीं कर रहे हैं, बल्कि कुछ और एजीओ हैं जो लगातार इस तरह की सेवा जनता को दे रहे हैं। शहीद भगत सिंह सेवा दल दूसरी लहर में अब तक 2290 लोगों का अंतिम संस्कार कर चुका है। इनमें 5 महीने की बच्ची से लेकर 9 महीने के बच्चे तक का शव शामिल है।
शहीद भगत सिंह सेवा दल के संस्थापक जितेंद्र सिंह शंटी ने आईएएनएस को बताया कि, "दूसरी लहर में 50 से 80 तक शवों की संख्या चली जाती थी, लेकिन मौजूदा वक्त में 40 के करीब का आंकड़ा आ रहा है। इतना ही नहीं अब तक 300 अस्थियां विसर्जित कर चुके हैं अभी करीब 1 हजार और अस्थियां रखी हुई हैं जिनको विसर्जित करना बाकी है।"
--आईएएनएस
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