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न्याय प्राप्त करना प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक अधिकार: ढांडा
कुल्लू। न्याय प्राप्त करना प्रत्येक व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है और आर्थिक परिस्थितियों के कारण नागरिक को न्याय से वंचित नहीं रखा जा सकता। यह बात अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधि सेवा प्राधिकरण हकीकत ढांडा ने कुल्लू जिले की ग्राम पंचायत गडसा में आयोजित जागरूकता शिविर की अध्यक्षता करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को सुलभ न्याय प्राप्त करने के उद्देश्य से राज्य में विधिक सेवा प्राधिकरण की स्थापना की गई है। प्राधिकरण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं, दिव्यांगजनों तथा आपदा पीड़ित लोगों को निःशुल्क न्याय की व्यवस्था करता है। उन्होंने कहा कि न्याय प्राप्त करने के लिए एक सादे कागज पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अथवा उप-मण्डलीय विधिक सेवा प्राधिकरण को आवेदन करना पड़ता है। प्राधिकरण इसके लिये अधिवक्ता उपलब्ध करवाता है जिसका खर्च भी प्राधिकरण वहन करता है।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि जानकारी के अभाव में कई बार व्यक्ति न्याय प्राप्त करने से वंचित रह जाता है। इसी उद्देश्य से प्रदेश की ग्राम पंचायतों में विधिक साक्षरता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों में स्वयं न्यायाधीश लोगों के बीच जाकर उन्हें विभिन्न प्रकार की विधिक जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
मुफ्त कानूनी सहायता के अलावा खाद्य वस्तुओं में मिलावट के विरूद्ध अधिनियम, महिला सुरक्षा अधिनियम, पंचायती राज अधिनियम, महिलाओं के प्रति हिंसा को रोकने के लिए अधिनियम, सूचना का अधिकार अधिनियम की भी विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की जा रही है। इस प्रकार की जानकारियों से समाज के आम लोग लाभान्वित हो रहे हैं। शिविर में गडसा ग्राम पंचायत के 60 लोगों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को सुलभ न्याय प्राप्त करने के उद्देश्य से राज्य में विधिक सेवा प्राधिकरण की स्थापना की गई है। प्राधिकरण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं, दिव्यांगजनों तथा आपदा पीड़ित लोगों को निःशुल्क न्याय की व्यवस्था करता है। उन्होंने कहा कि न्याय प्राप्त करने के लिए एक सादे कागज पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अथवा उप-मण्डलीय विधिक सेवा प्राधिकरण को आवेदन करना पड़ता है। प्राधिकरण इसके लिये अधिवक्ता उपलब्ध करवाता है जिसका खर्च भी प्राधिकरण वहन करता है।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि जानकारी के अभाव में कई बार व्यक्ति न्याय प्राप्त करने से वंचित रह जाता है। इसी उद्देश्य से प्रदेश की ग्राम पंचायतों में विधिक साक्षरता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों में स्वयं न्यायाधीश लोगों के बीच जाकर उन्हें विभिन्न प्रकार की विधिक जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
मुफ्त कानूनी सहायता के अलावा खाद्य वस्तुओं में मिलावट के विरूद्ध अधिनियम, महिला सुरक्षा अधिनियम, पंचायती राज अधिनियम, महिलाओं के प्रति हिंसा को रोकने के लिए अधिनियम, सूचना का अधिकार अधिनियम की भी विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की जा रही है। इस प्रकार की जानकारियों से समाज के आम लोग लाभान्वित हो रहे हैं। शिविर में गडसा ग्राम पंचायत के 60 लोगों ने भाग लिया।
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