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फगवाड़ा के गोल चौक का नाम बदलकर संविधान चौक रखने पर सहमति
चंडीगढ़। पंजाब
के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 13 अप्रैल को फगवाड़ा में हुई घटना
के पीडि़तों को उत्तम चिकित्सा उपलब्ध करवाने को सुनिश्चित करने हेतु जिला
प्रशासन को निर्देश देते हुए आज फगवाड़ा शहर के गोल चौक का नाम बदलकर
संविधान चौक रखने की सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी। मुख्यमंत्री ने हिंसा के
पीडि़तों के परिवारों सहित दलित समाज के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात
की और उन्हें बताया कि फगवाड़ा नगर निगम पहले ही चौक का नाम बदलने के लिए
एक प्रस्ताव ला चुका है।
स्थानीय प्रशासन को चौक का नाम बदलने हेतु उचित प्रक्रिया का पालन करने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘गोल चक्कर का नाम बदलकर संविधान चौक रखने में कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि हमारा संविधान किसी भी विशेष जाति या धर्म का नहीं है और हम सब भारतीयों को इस पर गर्व है।’’
गोलियां लगने से गंभीर रूप से घायल हुए यशवंत बोबी नाम के व्यक्ति के पारिवारिक सदस्यों की तरफ से की गई विनती के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा कि उसे बढिय़ा से बढिय़ा संभव उपचार उपलब्ध करवाना सरकार की जिम्मेवारी है। उन्होंने पी जी आई के डाक्टरों से उसकी हालत संबंधी राय लेने के लिए जिला प्रशासन को निर्देश जारी किये हैं जिससे उसे ज़रूरत अनुसार दिल्ली या चंडीगढ़ के बढिय़ा हस्पताल में भेजा जा सके। उन्होंने बोबी के परिवार के सदस्यों को भरोसा दिलाया कि उसके इलाज का सारा खर्च सरकार सहन करेगी।
मुख्यमंत्री ने 13 अप्रैल की हिंसा के सम्बन्ध में दोषियों के विरुद्ध एससी /एसटी अत्याचार निरोधक कानून की व्यवस्थाओं के अंतर्गत कार्यवाही करने का पता लगाने के लिए डी जी पी सुरेश अरोड़ा को निर्देश दिए हैं। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने हिंसा के दौरान कुछ पुलिस कर्मचारियों द्वारा पक्षपाती भूमिका निभाए जाने के किये गए जि़क्र के सम्बन्ध में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इसकी जांच करने के लिए डी जी पी को निर्देश दिए हैं जिससे उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जा सके।
दलित समुदाय द्वारा संयम दिखाने की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न जातियों और धर्मों में सद्भावना और भाईचारा हमारी सामाजिक तारों का आधार हैं और इनको आगे और मज़बूत किये जाने की ज़रूरत है। दलित नौजवानों के विरुद्ध पुलिस की तरफ से दर्ज की गई एफ आई आरज़ रद्द करने की माँग के सम्बन्ध में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने ऐसे मामलों का जायज़ा लेने के लिए जालंधर रेंज के आई जी पी को निर्देश दिए हैं और इस संबंधी रिपोर्ट डी जी पी को पेश करने के लिए कहा है।
मीटिंग के दौरान डी जी पी ने मुख्यमंत्री को शहर की मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति संबंधी अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि किसी भी दुखद घटना को रोकने के लिए फगवाड़ा और इसके आस -पास 3500 पुलिस कर्मचारी तैनात किये गए हैं। दलित समुदाय एक्शन कमेटी के बैनर तले प्रभावित परिवारों ने भी मुख्यमंत्री को एक माँग पत्र पेश किया और उन्होंने फगवाड़ा में हालत को शांतिपूर्ण और सामान्य बनाने के लिए लगातार अपना समर्थन देने का भरोसा दिलाया।
मीटिंग में जालंधर से सांसद चौधरी संतोख सिंह, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्य मंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, होशियारपुर के विधायक राज कुमार चब्बेवाल, पूर्व मंत्री जोगिन्द्र सिंह मान, डी जी पी इंटेलिजेंस दिनकर गुप्ता, डीसी कपूरथला मोहम्मद तय्याब और एस एस पी फगवाड़ा सन्दीप कुमार शर्मा भी उपस्थित थे।
स्थानीय प्रशासन को चौक का नाम बदलने हेतु उचित प्रक्रिया का पालन करने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘गोल चक्कर का नाम बदलकर संविधान चौक रखने में कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि हमारा संविधान किसी भी विशेष जाति या धर्म का नहीं है और हम सब भारतीयों को इस पर गर्व है।’’
गोलियां लगने से गंभीर रूप से घायल हुए यशवंत बोबी नाम के व्यक्ति के पारिवारिक सदस्यों की तरफ से की गई विनती के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा कि उसे बढिय़ा से बढिय़ा संभव उपचार उपलब्ध करवाना सरकार की जिम्मेवारी है। उन्होंने पी जी आई के डाक्टरों से उसकी हालत संबंधी राय लेने के लिए जिला प्रशासन को निर्देश जारी किये हैं जिससे उसे ज़रूरत अनुसार दिल्ली या चंडीगढ़ के बढिय़ा हस्पताल में भेजा जा सके। उन्होंने बोबी के परिवार के सदस्यों को भरोसा दिलाया कि उसके इलाज का सारा खर्च सरकार सहन करेगी।
मुख्यमंत्री ने 13 अप्रैल की हिंसा के सम्बन्ध में दोषियों के विरुद्ध एससी /एसटी अत्याचार निरोधक कानून की व्यवस्थाओं के अंतर्गत कार्यवाही करने का पता लगाने के लिए डी जी पी सुरेश अरोड़ा को निर्देश दिए हैं। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने हिंसा के दौरान कुछ पुलिस कर्मचारियों द्वारा पक्षपाती भूमिका निभाए जाने के किये गए जि़क्र के सम्बन्ध में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इसकी जांच करने के लिए डी जी पी को निर्देश दिए हैं जिससे उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जा सके।
दलित समुदाय द्वारा संयम दिखाने की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न जातियों और धर्मों में सद्भावना और भाईचारा हमारी सामाजिक तारों का आधार हैं और इनको आगे और मज़बूत किये जाने की ज़रूरत है। दलित नौजवानों के विरुद्ध पुलिस की तरफ से दर्ज की गई एफ आई आरज़ रद्द करने की माँग के सम्बन्ध में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने ऐसे मामलों का जायज़ा लेने के लिए जालंधर रेंज के आई जी पी को निर्देश दिए हैं और इस संबंधी रिपोर्ट डी जी पी को पेश करने के लिए कहा है।
मीटिंग के दौरान डी जी पी ने मुख्यमंत्री को शहर की मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति संबंधी अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि किसी भी दुखद घटना को रोकने के लिए फगवाड़ा और इसके आस -पास 3500 पुलिस कर्मचारी तैनात किये गए हैं। दलित समुदाय एक्शन कमेटी के बैनर तले प्रभावित परिवारों ने भी मुख्यमंत्री को एक माँग पत्र पेश किया और उन्होंने फगवाड़ा में हालत को शांतिपूर्ण और सामान्य बनाने के लिए लगातार अपना समर्थन देने का भरोसा दिलाया।
मीटिंग में जालंधर से सांसद चौधरी संतोख सिंह, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्य मंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, होशियारपुर के विधायक राज कुमार चब्बेवाल, पूर्व मंत्री जोगिन्द्र सिंह मान, डी जी पी इंटेलिजेंस दिनकर गुप्ता, डीसी कपूरथला मोहम्मद तय्याब और एस एस पी फगवाड़ा सन्दीप कुमार शर्मा भी उपस्थित थे।
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