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कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी शिवसेना में शामिल हुईं और ये कहा
मुम्बई। चुनावी मौसम में कांग्रेस को झटका देते हुए इसकी पूर्व
प्रवक्ता प्रियंका वी. चतुर्वेदी शुक्रवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे
की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो गईं।
ठाकरे ने जल्दबाजी में बुलाए गए मीडिया कांफ्रेंस में उनका स्वागत किया और
कहा कि वह खुश हैं कि उन्होंने शिवसेना में शामिल होने का फैसला किया है।
उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने उन्हें गुलदस्ता दिया और कई वरिष्ठ पार्टी नेताओं की उपस्थिति में उन्हें 'शिव बंधन' धागा बांधा।
इसके बाद प्रियंका चतुर्वेदी ने कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किए जाने की घटना में उनका समर्थन नहीं करने को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि मैंने बिना किसी स्वार्थ के कांग्रेस पार्टी की 10 वर्षो तक सेवा की। लेकिन, पार्टी ने मेरी शिकायत को दरकिनार कर दिया, जबकि यह मामला शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाया गया था।"
चतुर्वेदी ने कहा कि उन्होंने उनके साथ दुर्व्यवहार करने वाले कार्यकर्ताओं को दोबारा बहाल किए जाने को लेकर शीर्ष नेतृत्व के समक्ष अपना दर्द बयां किया था। चतुर्वेदी ने हालांकि स्वीकार किया कि वह मथुरा सीट की उम्मीदवारी को लेकर नजरअंदाज किए जाने से थोड़ी निराश थीं, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस छोड़ने की मुख्य वजह उनके साथ दुर्व्यवहार करने वाले कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किया जाना है।
उन्होंने अपनी तात्कालिक प्राथमिकताओं के बारे में कहा कि वह राजनीति और अन्य क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण और राष्ट्रीय स्तर पर शिवसेना को मजबूत करने और उभारने का काम करेंगी।
मुंबई में पली-बढ़ी चतुर्वेदी ने शहर को अपनी जन्मभूमि और कर्मभूमि बताया। इसके साथ ही उन्होंने 53 वर्ष पुरानी शिवसेना को मुंबई, महाराष्ट्र और देश की 'गर्जन' बताया।
शिवसेना में शामिल होने की घोषणा उनके कांग्रेस छोड़ने के कुछ देर बाद ही की गई।
चतुर्वेदी प्रेस कांफ्रेंस और टीवी में कांग्रेस का पक्ष लेने वाली प्रमुख नेता रह चुकी हैं।
उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने उन्हें गुलदस्ता दिया और कई वरिष्ठ पार्टी नेताओं की उपस्थिति में उन्हें 'शिव बंधन' धागा बांधा।
इसके बाद प्रियंका चतुर्वेदी ने कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किए जाने की घटना में उनका समर्थन नहीं करने को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि मैंने बिना किसी स्वार्थ के कांग्रेस पार्टी की 10 वर्षो तक सेवा की। लेकिन, पार्टी ने मेरी शिकायत को दरकिनार कर दिया, जबकि यह मामला शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाया गया था।"
चतुर्वेदी ने कहा कि उन्होंने उनके साथ दुर्व्यवहार करने वाले कार्यकर्ताओं को दोबारा बहाल किए जाने को लेकर शीर्ष नेतृत्व के समक्ष अपना दर्द बयां किया था। चतुर्वेदी ने हालांकि स्वीकार किया कि वह मथुरा सीट की उम्मीदवारी को लेकर नजरअंदाज किए जाने से थोड़ी निराश थीं, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस छोड़ने की मुख्य वजह उनके साथ दुर्व्यवहार करने वाले कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किया जाना है।
उन्होंने अपनी तात्कालिक प्राथमिकताओं के बारे में कहा कि वह राजनीति और अन्य क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण और राष्ट्रीय स्तर पर शिवसेना को मजबूत करने और उभारने का काम करेंगी।
मुंबई में पली-बढ़ी चतुर्वेदी ने शहर को अपनी जन्मभूमि और कर्मभूमि बताया। इसके साथ ही उन्होंने 53 वर्ष पुरानी शिवसेना को मुंबई, महाराष्ट्र और देश की 'गर्जन' बताया।
शिवसेना में शामिल होने की घोषणा उनके कांग्रेस छोड़ने के कुछ देर बाद ही की गई।
चतुर्वेदी प्रेस कांफ्रेंस और टीवी में कांग्रेस का पक्ष लेने वाली प्रमुख नेता रह चुकी हैं।
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