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हरसिमरत कौर ने राहुल गांधी के सिख नरसंहार पर दिए बयान पर कसा तंज
लंदन/नई दिल्ली। । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि 1984 के सिख विरोधी दंगें दुखद त्रासदी थी। साथ ही कहा कि वे किसी के भी खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा में शामिल होने वाले लोगों को सजा दिलाने के लिए 100 प्रतिशत समर्थन करते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष गांधी ने ब्रिटेन के सांसदों और स्थानीय नेताओं की सभा को सम्बोधित करते हुए शुक्रवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह घटना बहुत बडी त्रासदी थी और बहुत दुखद अनुभव था। उन्होंने इस घटना में कांग्रेस का हाथ नहीं होना बताया।
वहीं दूसरी ओर 1984 के सिख दंगों पर दिए बयान के विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा हैं कि राहुल के मुताबिक, अगर सिख नरसंहार हुआ ही नहीं था तो मैं कहती हूं कि उनके पिता और उनकी दादी की हत्या नहीं हुई बल्कि उनकी मौत सामान्य हार्ट हटैक से हुई थी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि मुझे लगता है कि किसी के भी खिलाफ कोई भी हिंसा गलत है। भारत में कानूनी प्रक्रिया लगातार चल रही है। जिसने भी गलत कार्य किया है तो उसे सजा मिलनी चाहिए और मैं इसका 100 प्रतिशत समर्थन करता हूं। राहुल गांधी ने 1991 में लिट्टे द्वारा अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि मैं इस धरती पर किसी के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा के विरुद्ध हूं। मेरे मन बेचैनी हो जाती है, जब मैं किसी को आहत होते देखता हूं। उनका मानना है कि जिन लोगों ने हिंसा नहीं झेली है, उन्हें लगता है कि हिंसा वही है जो फिल्मों में हम देखते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसा नहीं है, मैंने उन लोगों को मरते हुए देखा है जिन्हें मैं बहुत स्नेह करता था। मैंने उस व्यक्ति (प्रभाकरन) को भी मरते हुए देखा जिसने मेरे पिता को मारा दिया था।
वहीं दूसरी ओर 1984 के सिख दंगों पर दिए बयान के विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा हैं कि राहुल के मुताबिक, अगर सिख नरसंहार हुआ ही नहीं था तो मैं कहती हूं कि उनके पिता और उनकी दादी की हत्या नहीं हुई बल्कि उनकी मौत सामान्य हार्ट हटैक से हुई थी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि मुझे लगता है कि किसी के भी खिलाफ कोई भी हिंसा गलत है। भारत में कानूनी प्रक्रिया लगातार चल रही है। जिसने भी गलत कार्य किया है तो उसे सजा मिलनी चाहिए और मैं इसका 100 प्रतिशत समर्थन करता हूं। राहुल गांधी ने 1991 में लिट्टे द्वारा अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि मैं इस धरती पर किसी के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा के विरुद्ध हूं। मेरे मन बेचैनी हो जाती है, जब मैं किसी को आहत होते देखता हूं। उनका मानना है कि जिन लोगों ने हिंसा नहीं झेली है, उन्हें लगता है कि हिंसा वही है जो फिल्मों में हम देखते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसा नहीं है, मैंने उन लोगों को मरते हुए देखा है जिन्हें मैं बहुत स्नेह करता था। मैंने उस व्यक्ति (प्रभाकरन) को भी मरते हुए देखा जिसने मेरे पिता को मारा दिया था।
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