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कांग्रेस विधायक का विवादित बयान, संघ को बताया आतंकवादी संगठन
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) को लेकर बहस ने अब नया मोड लिया है। संघ को लेकर पक्ष-विपक्ष की लड़ाई में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला अपने चरम पर पहुंच चुका है। इस कड़ी में अब कांग्रेस के विधायक ने विवादित बयान दिया है। रीवा जिले के गुढ़ से कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वो संगठन है जिसने महात्मा गांधी को मारा था। ये लोग देश में नफरत का माहौल बना रहे हैं, धर्म के नाम पर माहौल को भडक़ाया जा रहा है।
कांग्रेस विधायक ने कहा कि संघ वालों ने कभी भी तिरंगा नहीं फहराया। ये लोग आतंकवाद के प्रतीक हैं। बता दें कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में संघ के ऊपर की गई उस टिप्पणी के बाद से मामले में बयानबाजी तेज हो गई है, जिसमें पार्टी ने वादा किया है कि वह सरकारी स्थानों में आरएसएस की शाखाओं पर बैन लगाएगी।
कांग्रेस के इस घोषणा पत्र पर सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार किया है। आरएसएस की शाखाओं में सरकारी कर्मचारियों के जाने पर प्रतिबंध लगाने संबंधी कांग्रेस के वचनपत्र (चुनाव घोषणा पत्र) में किए गए वादे पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को पलटवार करते हुए कहा कि संघ के हर आयोजन में सभी को जाने की छूट रहेगी। सीएम ने कांग्रेस को करारा जवाब देते हुए खरगोन में कहा ‘संघ की शाखाएं सरकारी कार्यालयों में भी लगेगी और सरकारी कर्मचारी भी आरएसएस की शाखा में हिस्सा लेंगे। कोई इस पर रोक नहीं लगा सकता।’
कांग्रेस विधायक ने कहा कि संघ वालों ने कभी भी तिरंगा नहीं फहराया। ये लोग आतंकवाद के प्रतीक हैं। बता दें कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में संघ के ऊपर की गई उस टिप्पणी के बाद से मामले में बयानबाजी तेज हो गई है, जिसमें पार्टी ने वादा किया है कि वह सरकारी स्थानों में आरएसएस की शाखाओं पर बैन लगाएगी।
कांग्रेस के इस घोषणा पत्र पर सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार किया है। आरएसएस की शाखाओं में सरकारी कर्मचारियों के जाने पर प्रतिबंध लगाने संबंधी कांग्रेस के वचनपत्र (चुनाव घोषणा पत्र) में किए गए वादे पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को पलटवार करते हुए कहा कि संघ के हर आयोजन में सभी को जाने की छूट रहेगी। सीएम ने कांग्रेस को करारा जवाब देते हुए खरगोन में कहा ‘संघ की शाखाएं सरकारी कार्यालयों में भी लगेगी और सरकारी कर्मचारी भी आरएसएस की शाखा में हिस्सा लेंगे। कोई इस पर रोक नहीं लगा सकता।’
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