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राहुल गांधी लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे, कांग्रेस नेताओं ने किया स्वागत
अमेठी ऐसी संसदीय सीट रही है जिसका कांग्रेस और खासकर गांधी परिवार से काफी गहरा रिश्ता रहा है। अमेठी
सीट 1967 में अस्तित्व में आई थी और उस दौरान हुए लोकसभा चुनाव में
कांग्रेस के विद्याधर वाजपेयी संसद पहुंचे थे। इस सीट का संसदीय इतिहास
बताता है कि अब तक यहां से ज्यादातर समय कांग्रेस जीतती रही है।
आपातकाल के बाद 1977 में जनता पार्टी के रविंद्र प्रताप सिंह इस सीट से जीत थे जबकि 1980 में जब दोबारा चुनाव हुए तो संजय गांधी जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे, 1998 में यह सीट फिर भाजपा के झोली में चली गई और संजय सिंह चुनाव जीते थे। इस तरह इक्का-दुक्का मौकों को छोड़ दिया जाए तो इस सीट पर अमूमन कांग्रेस और गांधी परिवार का ही कब्जा रहा है।
इस सीट पर संजय गांधी, राजीव गांधी के बाद दो बार कांग्रेस के ही सतीश शर्मा विजय रहे। 1999 में हुए चुनाव में सोनिया गांधी मैदान में उतरीं। इसके बाद इस सीट पर 2004 से राहुल गांधी अमेठी से लगातार संसद पहुंचे थे। लेकिन इस बार राहुल गांधी चुनाव हार गए हैं। इस सीट भाजपा की मंत्री स्मृति ईरानी चुनाव जीत गई हैं।
आपातकाल के बाद 1977 में जनता पार्टी के रविंद्र प्रताप सिंह इस सीट से जीत थे जबकि 1980 में जब दोबारा चुनाव हुए तो संजय गांधी जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे, 1998 में यह सीट फिर भाजपा के झोली में चली गई और संजय सिंह चुनाव जीते थे। इस तरह इक्का-दुक्का मौकों को छोड़ दिया जाए तो इस सीट पर अमूमन कांग्रेस और गांधी परिवार का ही कब्जा रहा है।
इस सीट पर संजय गांधी, राजीव गांधी के बाद दो बार कांग्रेस के ही सतीश शर्मा विजय रहे। 1999 में हुए चुनाव में सोनिया गांधी मैदान में उतरीं। इसके बाद इस सीट पर 2004 से राहुल गांधी अमेठी से लगातार संसद पहुंचे थे। लेकिन इस बार राहुल गांधी चुनाव हार गए हैं। इस सीट भाजपा की मंत्री स्मृति ईरानी चुनाव जीत गई हैं।
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