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नदी अधिकार यात्रा से अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी कांग्रेस
लखनऊ । यूपी में अपनी सियासी जमीन
मजबूत करने में लगी कांग्रेस अब 'नदी अधिकार यात्रा' के माध्यम से अपना
माहौल तैयार करने की फिराक में लग गयी है। नदी अधिकार यात्रा सोमवार पहली
मार्च को घूरपुर के बसवार से शुरू होगी। इसके तहत कांग्रेसजन नदी किनारे
गांवों में पदयात्रा करते हुए पहुंचेंगे और निषाद समुदाय के लोगों को उनके
अधिकार दिलाने का संकल्प लेंगे।
कांग्रेस पार्टी के अनुसार पदयात्रा 20 मार्च को बलिया में मांझी घाट पर
समाप्त होगी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी किसी एक स्थान पर
शामिल होंगी। अनुमान मिर्जापुर में शामिल होने का है।
नदी अधिकार यात्रा के तहत होने वाली पदयात्रा का नेतृत्व छत्तीसगढ़ के संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद करेंगे। कांग्रेसजन कुल 20 दिनों की अवधि में 600 गांवों में लोगों से संवाद करेंगे। बसवार से सभी पदयात्री अगले पड़ाव की तरफ बढ़ेंगे। यात्रा मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर होते हुए बलिया पहुंचेगी। प्रतिदिन 15 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। जहां सूरज ढलेगा, वहीं नदी के किनारे के गांव में कांग्रेसजन रात्रि विश्राम करेंगे। नदियों पर निषाद समाज के पारंपरिक अधिकार सुनिश्चित करने, एनजीटी के दिशानिर्देशों का हवाला देकर नदियों में नाव से बालू खनन पर लगाई गई रोक के विरुद्घ आवाज उठाई जाएगी। यह भी मांग की जाएगी कि नदियों से मोरंग व मिट्टी निकालने में निषादों के पारंपरिक अधिकार को सुनिश्चित किया जाए। जिन नाव घाट पर पांटून पुल है, वहां टोल ठेका में निषाद समाज को वरीयता मिले।
गौरतलब है कि 4 फरवरी को पुलिस प्रशासन ने अवैध बालू खनन रोकने के नाम पर बसवार गांव के निषाद समुदाय के लोगों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज कर घाट पर खड़ी दर्जनों नावों को जेसीबी से तोड़ दिया था। इसे लेकर निषाद समाज को न्याय दिलाने के लिए सभी राजनैतिक पार्टियां बारी-बारी बसवार गांव पहुंचकर निषाद समाज को हमदर्दी का मरहम लगा रही हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रतिनिधिमंडल भेजकर आर्थिक सहयोग देते हुए उनकी लड़ाई लड़ने का भरोसा दिया था। वहीं, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी बीते दिनों बसवार पहुंचीं थी और दस लाख रुपये की आर्थिक मदद कर राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी। इसके बाद शनिवार को प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डॉ. सिद्घार्थनाथ सिंह और सांसद रीता बहुगुणा जोशी गांव पहुंचे और निषाद समुदाय की समस्याएं हल कराने का भरोसा दिया।
--आईएएनएस
नदी अधिकार यात्रा के तहत होने वाली पदयात्रा का नेतृत्व छत्तीसगढ़ के संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद करेंगे। कांग्रेसजन कुल 20 दिनों की अवधि में 600 गांवों में लोगों से संवाद करेंगे। बसवार से सभी पदयात्री अगले पड़ाव की तरफ बढ़ेंगे। यात्रा मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर होते हुए बलिया पहुंचेगी। प्रतिदिन 15 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। जहां सूरज ढलेगा, वहीं नदी के किनारे के गांव में कांग्रेसजन रात्रि विश्राम करेंगे। नदियों पर निषाद समाज के पारंपरिक अधिकार सुनिश्चित करने, एनजीटी के दिशानिर्देशों का हवाला देकर नदियों में नाव से बालू खनन पर लगाई गई रोक के विरुद्घ आवाज उठाई जाएगी। यह भी मांग की जाएगी कि नदियों से मोरंग व मिट्टी निकालने में निषादों के पारंपरिक अधिकार को सुनिश्चित किया जाए। जिन नाव घाट पर पांटून पुल है, वहां टोल ठेका में निषाद समाज को वरीयता मिले।
गौरतलब है कि 4 फरवरी को पुलिस प्रशासन ने अवैध बालू खनन रोकने के नाम पर बसवार गांव के निषाद समुदाय के लोगों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज कर घाट पर खड़ी दर्जनों नावों को जेसीबी से तोड़ दिया था। इसे लेकर निषाद समाज को न्याय दिलाने के लिए सभी राजनैतिक पार्टियां बारी-बारी बसवार गांव पहुंचकर निषाद समाज को हमदर्दी का मरहम लगा रही हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रतिनिधिमंडल भेजकर आर्थिक सहयोग देते हुए उनकी लड़ाई लड़ने का भरोसा दिया था। वहीं, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी बीते दिनों बसवार पहुंचीं थी और दस लाख रुपये की आर्थिक मदद कर राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी। इसके बाद शनिवार को प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डॉ. सिद्घार्थनाथ सिंह और सांसद रीता बहुगुणा जोशी गांव पहुंचे और निषाद समुदाय की समस्याएं हल कराने का भरोसा दिया।
--आईएएनएस
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