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पहले मुआवजा दिया, अब मांग रहे वापस
मंडी (बीरबल शर्मा)। मंडी जिले में
सरकाघाट उपमंडल के तहत भांवला पंचायत के लोगों ने गुरूवार को उपायुक्त को एक
ज्ञापन सौंप कर शिकायत की है कि लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 2008—09 में ऊना- जाहू- नेरचौक सुपर हाइवे के लिए भूमि अधिग्रहण का जो मुआवजा
उन्हें दिया था, उसे अब डरा धमका कर वापस मांगा जा रहा है। इससे ग्रामीण बहुत
परेशान और डरे हुए हैं।
किसान सभा के प्रधान किशोर कुमार ठाकुर, जिनके नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया, ने मीडिया को बताया कि वर्ष 2008—09 में ऊना- जाहू- नेरचौक सुपर हाइवे के लिए भांवला के लगभग पांच दर्जन किसानों की भूमि भू अर्जन समाहर्ता (लोक निर्माण विभाग) ने अर्जित करने की प्रक्रिया पूरी की तथा भूमि मालिकों को 27 हजार रुपये प्रति बिस्वा के हिसाब से मुआवजा दिया गया। मौका पर कोई निशानदेही नहीं की गई। किसानों को आज तक पता नहीं है कि उनकी कितनी जमीन सड़क में गई है। जो मुआवजा राशि मिली, उसे किसान अब खर्च कर चुके हैं। कई साल बाद किसानों को मंडी स्थित लोक निर्माण विभाग के भू अर्जन समार्हता कार्यालय से नोटिस आने लगे हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि उन्हें मुआवजे का गलत आवंटन हो गया था, इसलिए मुआवजा वापस किया जाए। किशोर कुमार के अनुसार नोटिसों में यह भी चेताया गया है कि यदि किसी ने मुआवजा वापस नहीं किया तो उसकी कुर्की की जाएगी और चल अचल संपति से मुआवजा वसूला जाएगा।
किसानों का कहना है कि मुआवजा देने की प्रक्रिया में राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग व भू अर्जन विभाग शामिल थे, जबकि किसानों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। अगर कोई गलती की है तो इसमें किसानों का क्या कसूर है? उन्हें क्यों परेशान किया जा रहा है और क्यों कोर्ट कचहरी के चक्करों में डाला जा रहा है?
किसानों ने ज्ञापन में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, राजस्व मंत्री और उपायुक्त मंडी से अनुरोध किया है कि इस मुआवजा वसूली को तुरंत रोका जाए व विभागों की गलती का जिम्मेदार किसानों को न मान कर इसे माफ किया जाए।
प्रतिनिधिमंडल में भांवला के बलदेव सिंह ठाकुर, चेतसिंह ठाकुर, जय कुमार, राम लाल, अमर सिंह, रूप लाल, धन देव, हेम सिंह, सुरेश कुमार, विजय कुमार, संजय कुमार, प्रकाश चंद, हरदेव, प्रेमी देवी, शीला देवी व कुंता देवी आदि शामिल थे।
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किसान सभा के प्रधान किशोर कुमार ठाकुर, जिनके नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया, ने मीडिया को बताया कि वर्ष 2008—09 में ऊना- जाहू- नेरचौक सुपर हाइवे के लिए भांवला के लगभग पांच दर्जन किसानों की भूमि भू अर्जन समाहर्ता (लोक निर्माण विभाग) ने अर्जित करने की प्रक्रिया पूरी की तथा भूमि मालिकों को 27 हजार रुपये प्रति बिस्वा के हिसाब से मुआवजा दिया गया। मौका पर कोई निशानदेही नहीं की गई। किसानों को आज तक पता नहीं है कि उनकी कितनी जमीन सड़क में गई है। जो मुआवजा राशि मिली, उसे किसान अब खर्च कर चुके हैं। कई साल बाद किसानों को मंडी स्थित लोक निर्माण विभाग के भू अर्जन समार्हता कार्यालय से नोटिस आने लगे हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि उन्हें मुआवजे का गलत आवंटन हो गया था, इसलिए मुआवजा वापस किया जाए। किशोर कुमार के अनुसार नोटिसों में यह भी चेताया गया है कि यदि किसी ने मुआवजा वापस नहीं किया तो उसकी कुर्की की जाएगी और चल अचल संपति से मुआवजा वसूला जाएगा।
किसानों का कहना है कि मुआवजा देने की प्रक्रिया में राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग व भू अर्जन विभाग शामिल थे, जबकि किसानों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। अगर कोई गलती की है तो इसमें किसानों का क्या कसूर है? उन्हें क्यों परेशान किया जा रहा है और क्यों कोर्ट कचहरी के चक्करों में डाला जा रहा है?
किसानों ने ज्ञापन में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, राजस्व मंत्री और उपायुक्त मंडी से अनुरोध किया है कि इस मुआवजा वसूली को तुरंत रोका जाए व विभागों की गलती का जिम्मेदार किसानों को न मान कर इसे माफ किया जाए।
प्रतिनिधिमंडल में भांवला के बलदेव सिंह ठाकुर, चेतसिंह ठाकुर, जय कुमार, राम लाल, अमर सिंह, रूप लाल, धन देव, हेम सिंह, सुरेश कुमार, विजय कुमार, संजय कुमार, प्रकाश चंद, हरदेव, प्रेमी देवी, शीला देवी व कुंता देवी आदि शामिल थे।
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