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अनाथ बच्चों की पहचान के लिये व्यापक सर्वेक्षण
धर्मशाला। महिला एवं बाल विकास विभाग कांगड़ा जिला में 18 वर्ष की आयु तक के सभी अनाथ बच्चों की सही संख्या पता लगाने के लिए व्यापक सर्वेक्षण कर रहा हैए ताकि उन्हें सरकार की बाल बालिका सुरक्षा योजना सहित अन्य योजनाओं का पूर्ण लाभ प्रदान किया जा सके। जिला कार्यक्रम अधिकारी कांगड़ा तिलक राज आचार्य ने विभाग के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि जिलेभर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से यह सर्वेक्षण किया जा रहा हैए उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को सर्वेक्षण कार्य शीघ्र पूरा करवाने के निर्देश भी दिए।
आचार्य ने कहा कि बाल बालिका सुरक्षा योजना के तहत जिला में 18 वर्ष की आयु तक के अनाथ बच्चों को सरकार की ओर से उनकी पढ़ाई-लिखाई और अन्य जरूरतों के लिए प्रत्येक को हर महीने 2300-2300 रूपए दिए जा रहे हैं। यह सहायता राशि राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा समन्वित रूप से दी जा रही है। सहायता राशि उन सभी अनाथ बच्चों, जो विभाग के आश्रम में रहने की बजाए अन्य आश्रितों के पास रहना चाहते हैं, को दी जा रही है। आचार्य ने कहा कि सर्वेक्षण कार्य पूरा होने पर जिला में अनाथ बच्चों की सही संख्या पता चलेगीए जिससे इस योजना को और प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकेगा। इसके अलावा 18 वर्ष तक की आयु के अनाथ बच्चों को विभाग के आश्रमों में सभी प्रकार की सुविधाएं नि:शुल्क दी जाती हैं।
बैठक में जिला बाल संरक्षण अधिकरी केएस धीमान ने एकीकृत बाल संरक्षण योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बच्चों के हितों की रक्षा के विविध कानूनी प्रावधनों के बारे में भी बताया। समस्त अधिकारियों एवं अन्य सभी हितधारको को किशोर न्याय अधिनियम एवं एकीकृत बाल संरक्षण योजना के विभिन्न पहलुओें बारे जागरूक करने के साथ ही इनके प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर विचार विर्मश किया गया। इस दौरान अधिकरियों को योजनाओं के कार्यान्वयन में पेश आ रही समस्याओं पर भी विचार एवं उनका समाधान किया गया। बैठक में सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
आचार्य ने कहा कि बाल बालिका सुरक्षा योजना के तहत जिला में 18 वर्ष की आयु तक के अनाथ बच्चों को सरकार की ओर से उनकी पढ़ाई-लिखाई और अन्य जरूरतों के लिए प्रत्येक को हर महीने 2300-2300 रूपए दिए जा रहे हैं। यह सहायता राशि राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा समन्वित रूप से दी जा रही है। सहायता राशि उन सभी अनाथ बच्चों, जो विभाग के आश्रम में रहने की बजाए अन्य आश्रितों के पास रहना चाहते हैं, को दी जा रही है। आचार्य ने कहा कि सर्वेक्षण कार्य पूरा होने पर जिला में अनाथ बच्चों की सही संख्या पता चलेगीए जिससे इस योजना को और प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकेगा। इसके अलावा 18 वर्ष तक की आयु के अनाथ बच्चों को विभाग के आश्रमों में सभी प्रकार की सुविधाएं नि:शुल्क दी जाती हैं।
बैठक में जिला बाल संरक्षण अधिकरी केएस धीमान ने एकीकृत बाल संरक्षण योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बच्चों के हितों की रक्षा के विविध कानूनी प्रावधनों के बारे में भी बताया। समस्त अधिकारियों एवं अन्य सभी हितधारको को किशोर न्याय अधिनियम एवं एकीकृत बाल संरक्षण योजना के विभिन्न पहलुओें बारे जागरूक करने के साथ ही इनके प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर विचार विर्मश किया गया। इस दौरान अधिकरियों को योजनाओं के कार्यान्वयन में पेश आ रही समस्याओं पर भी विचार एवं उनका समाधान किया गया। बैठक में सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
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