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नोएडा में टिड्डी दल से बचाव के लिए बनी कमेटी, DM ने किसानों को दी सलाह
गौतमबुद्धनगर। उत्तरप्रदेश के गौतमबुद्धनगर में टिड्डी दल के आक्रमण से फसलों की सुरक्षा के लिये जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने एक कमेटी का गठन किया और साथ इनके आक्रमण से किस तरह अपनी फसलों को बचाया जा सकता है इसके उपाय भी किसानों को विस्तृत रूप से बताए।
उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशों के अनुपालन में जिलाधिकारी गौतम बुद्धनगर सुहास एल. वाई. ने जिले में टिड्डी दल के प्रकोप से फसलों की सुरक्षा के लिए टीम का गठन किया और संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिए जिसमें उन्होंने बताया, "उनके द्वारा टिड्डी दल से फसलों की सुरक्षा के लिए उपाय और रोकथाम की कार्यवाही समय रहते सुनिश्चित कर लें जिससे फसलों को टिड्डी दल के आक्रमण से बचाया जा सके।"
जिलाधिकारी सुहास एल वाई. ने जिले के सभी किसानो से आह्वान करते हुए जानकारी दी है कि "टिड्डी दल मध्य प्रदेश के दतिया जिले से उत्तर प्रदेश के झांसी और सोनभद्र जिले में प्रवेश कर चुका है। वर्तमान में झांसी जनपद की मोट तहसील से होते हुए नोटा, सेंदरी गांव होते हुए परीछा डैम पहुंच चुका है वहीं दूसरी ओर राजस्थान में जनपद दौसा के सिकराई विकासखंड में इसकी लोकेशन प्राप्त हुई है, जोकि अनुकूल परिस्थितियों में आगरा जनपद में प्रवेश कर सकता है।"
उन्होंने बताया, "टिड्डी कीट की तीन अवस्था होती हैं, जिसमें से वयस्क की अवस्था काफी हानिकारक होती है और वह दल दिन के समय सूर्य की चमकीली रोशनी में तेज उड़ाका झुंडो के रूप में उड़ते रहते हैं। शाम के समय वे झाड़ियों और पेड़ों पर आराम करने के लिए नीचे उतर जाते हैं और वहीं पर रात गुजारते हैं।"
उन्होंने टिड्डी दल के प्रकोप से फसलों को बचाने के लिए जनपद के समस्त कृषक भाइयों का आह्वान करते हुए कहा कि ग्राम स्तर पर एक साथ एकत्रित होकर ढोल नगाड़े, टीन के डिब्बे, थालियां और माइक आदि के द्वारा शोर करने से टिड्डी दल खेतों में नीचे नहीं उतरता, जिससे फसलों को नुकसान होने से रोका जा सकता है। (आईएएनएस)
उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशों के अनुपालन में जिलाधिकारी गौतम बुद्धनगर सुहास एल. वाई. ने जिले में टिड्डी दल के प्रकोप से फसलों की सुरक्षा के लिए टीम का गठन किया और संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिए जिसमें उन्होंने बताया, "उनके द्वारा टिड्डी दल से फसलों की सुरक्षा के लिए उपाय और रोकथाम की कार्यवाही समय रहते सुनिश्चित कर लें जिससे फसलों को टिड्डी दल के आक्रमण से बचाया जा सके।"
जिलाधिकारी सुहास एल वाई. ने जिले के सभी किसानो से आह्वान करते हुए जानकारी दी है कि "टिड्डी दल मध्य प्रदेश के दतिया जिले से उत्तर प्रदेश के झांसी और सोनभद्र जिले में प्रवेश कर चुका है। वर्तमान में झांसी जनपद की मोट तहसील से होते हुए नोटा, सेंदरी गांव होते हुए परीछा डैम पहुंच चुका है वहीं दूसरी ओर राजस्थान में जनपद दौसा के सिकराई विकासखंड में इसकी लोकेशन प्राप्त हुई है, जोकि अनुकूल परिस्थितियों में आगरा जनपद में प्रवेश कर सकता है।"
उन्होंने बताया, "टिड्डी कीट की तीन अवस्था होती हैं, जिसमें से वयस्क की अवस्था काफी हानिकारक होती है और वह दल दिन के समय सूर्य की चमकीली रोशनी में तेज उड़ाका झुंडो के रूप में उड़ते रहते हैं। शाम के समय वे झाड़ियों और पेड़ों पर आराम करने के लिए नीचे उतर जाते हैं और वहीं पर रात गुजारते हैं।"
उन्होंने टिड्डी दल के प्रकोप से फसलों को बचाने के लिए जनपद के समस्त कृषक भाइयों का आह्वान करते हुए कहा कि ग्राम स्तर पर एक साथ एकत्रित होकर ढोल नगाड़े, टीन के डिब्बे, थालियां और माइक आदि के द्वारा शोर करने से टिड्डी दल खेतों में नीचे नहीं उतरता, जिससे फसलों को नुकसान होने से रोका जा सकता है। (आईएएनएस)
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