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सीएम योगी ने कोविड से उबरे लोगों के मुफ्त इलाज की घोषणा की
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि राज्य में ऐसे मरीजों का इलाज मुफ्त किया
जाएगा, जो कोविड के संक्रमण से उबर चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी उन्हें
कुछ परेशानियां हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि जो कोविड मरीज निगेटिव हो गए हैं, लेकिन फिर भी
उन्हें देखभाल की जरूरत है, तो उन्हें वही चिकित्सा सुविधा दी जाएगी, जो
कोविड रोगियों को दी जा रही है।
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा, "राज्य भर में कई मरीज जो कोविड से उबर चुके हैं, उन्हें अभी भी समय-समय पर निगरानी और चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है। कोविड के बाद की देखभाल और उपचार उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि संक्रमण के दौरान। उनकी चिकित्सा का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने पर स्थिति और आवश्यक देखभाल की तीव्रता के आधार पर ऐसे रोगियों को एल-1 अस्पताल में आवश्यक ऑक्सीजन की उपलब्धता के साथ एक बिस्तर सौंपा जाना चाहिए, जहां कोविड रोगियों की चिकित्सा देखभाल की जाती है।"
पिछले हफ्ते, मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को राज्य के 75 जिलों में से प्रत्येक में एक पोस्ट-कोविड सुविधा शुरू करने और संचालित करने का निर्देश दिया था।
ये अस्पताल उन रोगियों के लिए चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक उपचार के साथ-साथ चिकित्सा और फिजियोथेरेपी की पेशकश करेंगे, जो कोविड के बाद की जटिलताओं से पीड़ित हैं।
उन्होंने कहा था, "ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें कोविड से उबरने वालों में से कई शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से रहे होते हैं। ऐसी पोस्ट-कोविड समस्याओं से निपटने के लिए, सभी 75 जिलों में कोविड के बाद के अस्पताल होने चाहिए, जहां लोग इलाज करवा सकें। इन केंद्रों पर मनोवैज्ञानिकों और फिजियोथेरेपिस्ट की भी तैनाती करें।"
प्रदेश में फिलहाल सक्रिय कोविड मामलों की संख्या कम हो गई है। 30 अप्रैल को आंकड़ा अपने चरम पर था। मामले जो 1,33,141
से 3,10,784 तक पहुंच गए थे, अब घटकर 1,77,643 हैं।
प्रतिदिन स्वस्थ होने में लगातार सुधार के साथ, अब तक 14,14,259 से अधिक लोगों ने घातक वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई जीत ली है। राज्य का रिकवरी रेट अब 88 फीसदी हो गया है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश 4,44,27,447 कोविड जांच करने वाला देश का पहला राज्य है। प्रयोगशालाओं की जांच क्षमता बढ़ाने की प्रक्रिया में और तेजी लाई जाए।
--आईएएनएस
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा, "राज्य भर में कई मरीज जो कोविड से उबर चुके हैं, उन्हें अभी भी समय-समय पर निगरानी और चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है। कोविड के बाद की देखभाल और उपचार उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि संक्रमण के दौरान। उनकी चिकित्सा का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने पर स्थिति और आवश्यक देखभाल की तीव्रता के आधार पर ऐसे रोगियों को एल-1 अस्पताल में आवश्यक ऑक्सीजन की उपलब्धता के साथ एक बिस्तर सौंपा जाना चाहिए, जहां कोविड रोगियों की चिकित्सा देखभाल की जाती है।"
पिछले हफ्ते, मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को राज्य के 75 जिलों में से प्रत्येक में एक पोस्ट-कोविड सुविधा शुरू करने और संचालित करने का निर्देश दिया था।
ये अस्पताल उन रोगियों के लिए चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक उपचार के साथ-साथ चिकित्सा और फिजियोथेरेपी की पेशकश करेंगे, जो कोविड के बाद की जटिलताओं से पीड़ित हैं।
उन्होंने कहा था, "ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें कोविड से उबरने वालों में से कई शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से रहे होते हैं। ऐसी पोस्ट-कोविड समस्याओं से निपटने के लिए, सभी 75 जिलों में कोविड के बाद के अस्पताल होने चाहिए, जहां लोग इलाज करवा सकें। इन केंद्रों पर मनोवैज्ञानिकों और फिजियोथेरेपिस्ट की भी तैनाती करें।"
प्रदेश में फिलहाल सक्रिय कोविड मामलों की संख्या कम हो गई है। 30 अप्रैल को आंकड़ा अपने चरम पर था। मामले जो 1,33,141
से 3,10,784 तक पहुंच गए थे, अब घटकर 1,77,643 हैं।
प्रतिदिन स्वस्थ होने में लगातार सुधार के साथ, अब तक 14,14,259 से अधिक लोगों ने घातक वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई जीत ली है। राज्य का रिकवरी रेट अब 88 फीसदी हो गया है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश 4,44,27,447 कोविड जांच करने वाला देश का पहला राज्य है। प्रयोगशालाओं की जांच क्षमता बढ़ाने की प्रक्रिया में और तेजी लाई जाए।
--आईएएनएस
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