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सीएम ने लिखा पीएम को पत्र, परीक्षा के बारे यूजीसी के दिशा-निर्देशों पर फिर से विचार करने की अपील
चंडीगढ़ । पंजाब
के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कोविड
के बढ़ रहे मामलों के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा 3 जुलाई को यूनिवर्सिटी
/ कॉलेज की परीक्षाएं रद्द करने के लिए अपने फैसले का पालन करने की मंजूरी
देने की माँग की है।अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी से अपील की है कि वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय और
यूनिवर्सिटी ग्रांटस कमीशन (यू.जी.सी.) को सितम्बर तक अंतिम परीक्षाएं
लाजिमी करवाने के किये फैसले पर फिर से गौर करने की सलाह दें। उन्होंने
प्रधानमंत्री से अपील की, ‘‘यू.जी.सी. को 29 अप्रैल, 2020 को जारी किये
पहले दिशा-निर्देश दोहराने के लिए कहा जा सकता है जिसमें स्पष्ट तौर पर
दर्शाया गया है कि दिशा-निर्देश स्वभाविक / मौके के मुताबिक हैं और हर
राज्य / यूनिवर्सिटी कोविड-19 की महामारी से सम्बन्धित मामलों को ध्यान में
रखते हुए कार्यवाही की योजना अपने स्तर पर बनायेगा।’’मुख्यमंत्री
ने बताया कि राज्य सरकार ने कोविड-19 की स्थिति को ध्यान में रखते हुए और
विद्यार्थी और स्टाफ की सुरक्षा के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के उपरांत
3 जुलाई, 2020 को अंडर ग्रैजुएट और पोस्ट ग्रैजुएट की अंतिम वर्ष की बाकी
रहती सभी परीक्षाएं रद्द करने और विद्यार्थी को पिछले साल / समैस्टरों के
प्रदर्शन के आधार पर अगली क्लासों में परमोट करने का फैसला किया था।कैप्टन
अमरिन्दर सिंह ने बताया, ‘‘इसके अलावा हमने एक बार स्थिति सुखद होने पर
इच्छुक विद्यार्थियों के लिए ग्रेड में सुधार के मंतव्य से परीक्षाएं
करवाने की इजाजत भी दे दी है।’’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘यह कदम अकादमिक
विश्वसनीयता, रोजगार के मौके, भविष्य की संभावना और शहरी एवं ग्रामीण
इलाकों के विद्यार्थी के लिए योग्य और समान मौकों को यकीनी बनाऐगा।’’मुख्यमंत्री,
जिन्होंने पहले ही कहा था कि वह इस मसले पर प्रधानमंत्री से संबंध कायम
करेंगे, ने अपने पत्र में बताया कि राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री की तरफ से
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री को पहले ही 10 जुलाई, 2020 को इस
सम्बन्धी लिखा जा चुका है।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा,
‘‘कोविड मामलों में बड़े पैमाने पर हो रही वृद्धि के चलते इस महामारी के
खिलाफ लड़ाई अहम पड़ाव पर पहुँच गई है और अलग-अलग अध्ययन अगले कुछ महीनों
में मामलों के चरम पर पहुंचने की ओर इशारा करते हैं।‘‘।उन्होंने
कहा, ‘‘मामलों में वृद्धि की इस प्रवृत्ति को देखते हुए मुझे यह यकीन नहीं
कि सितम्बर तक ऑफलाईन परीक्षाएं लेने के लिए स्थिति अनुकूल होगी। उन्होंने
साथ ही कहा कि व्यवहारिक परीक्षाएं लेने के लिए बड़े पैमाने पर साजो-सामान
की जरूरत और कामकाजी चुनौतियां पेश हैं, खासकर बड़ी संख्या में कॉलेज /
यूनिवर्सिटियों की इमारतों और होस्टलों की जरूरत होगी जिनको जिला प्रशासन
द्वारा कोविड-19 के प्रबंधों के लिए अपने अधीन लिया हुआ है।दूसरे
पहलू के बारे में मुख्यमंत्री द्वारा जोर दिया गया कि ‘‘राज्य में इतनी
बड़ी संख्या में विद्यार्थियों, जिनमें से ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में
रहते हैं जहाँ कंप्यूटर / लैपटॉप और इन्टरनेट की मुकम्मल पहुँच यकीनी नहीं,
की परीक्षाएं ऑनलाईन लेना भी संभव नहीं है।यह याद करवाने योग्य
है कि 7 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आदेश और यू.जी.सी के
द्वारा निर्देशों को जारी करने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री द्वारा यह स्पष्ट
किया गया था कि वह कोविड की स्थिति में परीक्षाएं लेने के लिए हालातों को
अनुकूल नहीं समझते।
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