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स्वच्छ सर्वेक्षण: पंजाब के 32 शहर देश के 100 शहरों में शामिल: सिद्धू
चंडीगढ़। ‘‘साफ़
सफ़ाई के प्रति सहृदय होना एक एहसास है जोकि हमें इस बात के लिए प्रेरित
करता है कि हम आने वाली पीढ़ीयों के लिए एक साफ़ सुथरा वातावरण छोड़ कर
जाऐं क्योंकि सफ़ाई में ही स्वस्थ स्वास्थ्य छिपा हुआ है।’’ इन विचारों का
जिक़्र आज यहाँ पंजाब म्यूंसीपल भवन में पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कूड़ा-कर्कट मुक्त शहरों की दर्जाबंदी तय करने
सम्बन्धित एक क्षेत्रीय वर्कशाप के दौरान किया। इस वर्कशाप में पंजाब,
हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के शहरी स्थानीय निकायों के नुमायंदे शामिल हुए,
जिनमें म्यूंसीपल कमिश्नर और कार्यपालक अफ़सर प्रमुख थे।
सिद्धू ने बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व में पंजाब सरकार इस बात के लिए पूर्ण तौर पर वचनबद्ध है कि पर्यावरण और इसकी सफ़ाई के साथ सम्बन्धित मुद्दों के प्रति जागरूकता फैलाई जाये और सूबे को सफ़ाई पक्ष से अग्रणी बनाने के सपने को सच करने के लिए उचित कदम उठाए जाएँ। उन्होंने आगे बताया कि साल 2017 के स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान कुल 438 शहरों को सफ़ाई से सम्बन्धित विभिन्न मापदण्डों पर परखा गया था और पंजाब की दर्जाबंदी इस सर्वेक्षण में काफ़ी नीचे थी अर्थात पहले 100 शहरों में राज्य का कोई भी शहर शामिल नहीं था किया गया और राज्य के कई शहर 400-438 की दर्जाबंदी ही हासिल कर सके परन्तु मौजूदा सरकार की तरफ से राज्य की बागडोर संभालने के बाद राज्य को साफ़ -सफ़ाई और कूड़ा मुक्त करने के कार्य में काफ़ी तेज़ी से सुधार लाया गया जिसका नतीजा स्वच्छ सर्वेक्षण वर्ष 2018 में देखने को मिला जिसमें पंजाब के 32 शहरी स्थानीय इकाईयों को पूरे देश की कुल 4041 शहरी स्थानीय इकाईयों में से चोटी की 100 इकाईयों में स्थान दिया गया। यह दर्जाबंदी स्वच्छता एप्प पर आधारित था।
स्थानीय निकाय मंत्री ने बताया कि कूड़ा मुक्त शहरों की धारणाओं का स्वच्छ भारत अभियान से बहुत गहरा सम्बन्ध है। उन्होंने प्रत्येक को न्योता दिया कि पंजाब को साफ़-सफ़ाई और स्वस्थ वातावरण के पैमाने पर अग्रणी स्थान दिलाने के लिए तन-मन से जुट जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सूबे में से खुले में शैच जाने की कुरीती को ख़त्म करने के पक्ष से काफ़ी सुधार देखने में आया है और उन्होंने यह भरोसा दिया कि जुलाई 2018 तक राज्य खुले में शौच जाने की कुरीती से पूरी तरह मुक्त हो जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि शहरों को कूड़े की समस्या से पूरी तरह मुक्त करने सम्बन्धित सौलिड वेस्ट मैनेजमेंट एक बेहद कारगर हथियार है और स्थानीय निकाय विभाग ने नई पहल करते हुए सौलिड वेस्ट मैनेजमेंट को विकेंद्रीकृत किया है जिसके अंतर्गत इसके अलग -अलग हिस्सों के लिए माहिर नियुक्त किये गए हैं।
इस मौके पर पंजाब म्यूनिसिपल इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कंपनी के सीईओ. अजोय शर्मा ने विभाग द्वारा पंजाब को खुले में शौच जाने की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए उठाए जा रहे कदमों और वातावरण को दूषित होने से बचाने के लिए घरों में मुहैया करवाए जा रहे निजी शौचालयों संबंधी जानकारी दी गई। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि सूबे के 120 शहरों ने खुद को खुले में शौच जाने से मुक्त घोषित किया हुआ है। 32 शहरों को क्वालिटी कौंसिल आफ इंडिया से प्रमाणीकरन हासिल हो चुका है।
समागम के दौरान सिद्धू ने विभिन्न ग़ैर सरकारी संगठनों तथा बठिंडा, पटियाला और जालंधर में तैनात स्थानीय निकाय विभाग के तीन डिप्टी डायरेक्टरों का शहरों को कूड़ा मुक्त बनाने और साफ़ -सुथरे वातावरण सम्बन्धित जागरूकता का प्रसार करने बाबत दिए गए योगदान के लिए सम्मानित भी किया। इस मौके पर स्थानीयनिकाय विभाग के प्रमुख सचिव ए. वेणूं प्रसाद और डायरैक्टर करनेश शर्मा भी उपस्थित थे।
सिद्धू ने बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व में पंजाब सरकार इस बात के लिए पूर्ण तौर पर वचनबद्ध है कि पर्यावरण और इसकी सफ़ाई के साथ सम्बन्धित मुद्दों के प्रति जागरूकता फैलाई जाये और सूबे को सफ़ाई पक्ष से अग्रणी बनाने के सपने को सच करने के लिए उचित कदम उठाए जाएँ। उन्होंने आगे बताया कि साल 2017 के स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान कुल 438 शहरों को सफ़ाई से सम्बन्धित विभिन्न मापदण्डों पर परखा गया था और पंजाब की दर्जाबंदी इस सर्वेक्षण में काफ़ी नीचे थी अर्थात पहले 100 शहरों में राज्य का कोई भी शहर शामिल नहीं था किया गया और राज्य के कई शहर 400-438 की दर्जाबंदी ही हासिल कर सके परन्तु मौजूदा सरकार की तरफ से राज्य की बागडोर संभालने के बाद राज्य को साफ़ -सफ़ाई और कूड़ा मुक्त करने के कार्य में काफ़ी तेज़ी से सुधार लाया गया जिसका नतीजा स्वच्छ सर्वेक्षण वर्ष 2018 में देखने को मिला जिसमें पंजाब के 32 शहरी स्थानीय इकाईयों को पूरे देश की कुल 4041 शहरी स्थानीय इकाईयों में से चोटी की 100 इकाईयों में स्थान दिया गया। यह दर्जाबंदी स्वच्छता एप्प पर आधारित था।
स्थानीय निकाय मंत्री ने बताया कि कूड़ा मुक्त शहरों की धारणाओं का स्वच्छ भारत अभियान से बहुत गहरा सम्बन्ध है। उन्होंने प्रत्येक को न्योता दिया कि पंजाब को साफ़-सफ़ाई और स्वस्थ वातावरण के पैमाने पर अग्रणी स्थान दिलाने के लिए तन-मन से जुट जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सूबे में से खुले में शैच जाने की कुरीती को ख़त्म करने के पक्ष से काफ़ी सुधार देखने में आया है और उन्होंने यह भरोसा दिया कि जुलाई 2018 तक राज्य खुले में शौच जाने की कुरीती से पूरी तरह मुक्त हो जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि शहरों को कूड़े की समस्या से पूरी तरह मुक्त करने सम्बन्धित सौलिड वेस्ट मैनेजमेंट एक बेहद कारगर हथियार है और स्थानीय निकाय विभाग ने नई पहल करते हुए सौलिड वेस्ट मैनेजमेंट को विकेंद्रीकृत किया है जिसके अंतर्गत इसके अलग -अलग हिस्सों के लिए माहिर नियुक्त किये गए हैं।
इस मौके पर पंजाब म्यूनिसिपल इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कंपनी के सीईओ. अजोय शर्मा ने विभाग द्वारा पंजाब को खुले में शौच जाने की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए उठाए जा रहे कदमों और वातावरण को दूषित होने से बचाने के लिए घरों में मुहैया करवाए जा रहे निजी शौचालयों संबंधी जानकारी दी गई। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि सूबे के 120 शहरों ने खुद को खुले में शौच जाने से मुक्त घोषित किया हुआ है। 32 शहरों को क्वालिटी कौंसिल आफ इंडिया से प्रमाणीकरन हासिल हो चुका है।
समागम के दौरान सिद्धू ने विभिन्न ग़ैर सरकारी संगठनों तथा बठिंडा, पटियाला और जालंधर में तैनात स्थानीय निकाय विभाग के तीन डिप्टी डायरेक्टरों का शहरों को कूड़ा मुक्त बनाने और साफ़ -सुथरे वातावरण सम्बन्धित जागरूकता का प्रसार करने बाबत दिए गए योगदान के लिए सम्मानित भी किया। इस मौके पर स्थानीयनिकाय विभाग के प्रमुख सचिव ए. वेणूं प्रसाद और डायरैक्टर करनेश शर्मा भी उपस्थित थे।
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