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स्वच्छ सर्वेक्षण -2019: करनाल को टाॅप 10 में लाने का संकल्प
करनाल। स्वच्छ
सर्वेक्षण-2019 को लेकर नगर निगम ने कमर कस ली है। सूचना शिक्षा और
संचार(आई.ई.सी.) से जुड़ी गतिविधियों के तहत निगम आयुक्त राजीव मेहता ने
शुक्रवार को शहर के राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय (लड़के) में आयोजित
एक जागरूकता कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि अब पोलीथीन को ना कहें।
कार्यक्रम में निगम क्षेत्र में स्थित सभी सरकारी स्कूलो के मुख्यध्यापक व
प्राचार्य शामिल थे। इससे पूर्व निगम आयुक्त ने विद्यालय परिसर में अमरूद
का पौधा लगाया।
एकत्रित शिक्षिको को सम्बोधित करते हुए आयुक्त ने आगे कहा कि अपने घरो व विद्यालयो में कम्पोस्ट पिट बनाई जाए। पिट में सूखी घास व पत्ते, मिड डे मील से बचे प्रतिदिन के खाने को डालते रहें। कुछ दिनो के बाद इससे एक बेहतर खाद मिलेगी, जो स्कूलो में खड़े पौधो में डाली जा सकती है। इससे पौधो का भी पोषण होगा और स्वच्छता भी आएगी। स्वच्छता के सन्दर्भ में उन्होने स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 का हवाला देकर कहा कि अध्यापक विद्यार्थियों को जागरूक करें, क्योंकि विद्यार्थी अध्यापको का आदेश मानकर उसकी पालना करते हैं। विद्यार्थियों को भी कहें कि वे अपने-अपने घरो में कम्पोस्ट पिट बना लें और उससे तैयार खाद को अपने गमलो में डाल लें, चाहें तो उसे पड़ोसी को बेच भी सकते है। स्वच्छता से जुड़ी इस तरह की बाते विद्यार्थियों को प्रार्थना सभा के साथ-साथ पीरियड में भी बताएं। इससे वे जागरूक होंगे। विद्यार्थियों को घरो में गलनशील व अगलनशील कचरा अलग-अलग रखने बारे भी समझाएं। गुरू के नाते आप उनके एम्बेसडर बने।
उन्होने कहा कि स्वच्छता और इससे जुड़े सर्वेक्षण की कामयाबी के लिए अकेले नगर निगम सफलता तक नही पहुंच सकता। इसमें समाज के सभी वर्गो का सहयोग अपेक्षित है। सर्वेक्षण की मुहिम में तमाम लोग जुड़ेंगे, तो करनाल गत सर्वेक्षण में 41वीं रैंकिंग से टॉप 10 में आ सकता है। कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य ओमप्रकाश तथा निगम के मोटीवेटर की टीम के ट्रीगर मास्टर गुरदेव और उनके सहयोगी भी उपस्थित थे।
एकत्रित शिक्षिको को सम्बोधित करते हुए आयुक्त ने आगे कहा कि अपने घरो व विद्यालयो में कम्पोस्ट पिट बनाई जाए। पिट में सूखी घास व पत्ते, मिड डे मील से बचे प्रतिदिन के खाने को डालते रहें। कुछ दिनो के बाद इससे एक बेहतर खाद मिलेगी, जो स्कूलो में खड़े पौधो में डाली जा सकती है। इससे पौधो का भी पोषण होगा और स्वच्छता भी आएगी। स्वच्छता के सन्दर्भ में उन्होने स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 का हवाला देकर कहा कि अध्यापक विद्यार्थियों को जागरूक करें, क्योंकि विद्यार्थी अध्यापको का आदेश मानकर उसकी पालना करते हैं। विद्यार्थियों को भी कहें कि वे अपने-अपने घरो में कम्पोस्ट पिट बना लें और उससे तैयार खाद को अपने गमलो में डाल लें, चाहें तो उसे पड़ोसी को बेच भी सकते है। स्वच्छता से जुड़ी इस तरह की बाते विद्यार्थियों को प्रार्थना सभा के साथ-साथ पीरियड में भी बताएं। इससे वे जागरूक होंगे। विद्यार्थियों को घरो में गलनशील व अगलनशील कचरा अलग-अलग रखने बारे भी समझाएं। गुरू के नाते आप उनके एम्बेसडर बने।
उन्होने कहा कि स्वच्छता और इससे जुड़े सर्वेक्षण की कामयाबी के लिए अकेले नगर निगम सफलता तक नही पहुंच सकता। इसमें समाज के सभी वर्गो का सहयोग अपेक्षित है। सर्वेक्षण की मुहिम में तमाम लोग जुड़ेंगे, तो करनाल गत सर्वेक्षण में 41वीं रैंकिंग से टॉप 10 में आ सकता है। कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य ओमप्रकाश तथा निगम के मोटीवेटर की टीम के ट्रीगर मास्टर गुरदेव और उनके सहयोगी भी उपस्थित थे।
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