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लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर देने का दावा, फिर नौकरी के सवाल पर 4 दोस्त क्यों ट्रेन के आगे कूदे !

khaskhabar.com : गुरुवार, 22 नवम्बर 2018 12:01 PM (IST)
लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर देने का दावा, फिर नौकरी के सवाल पर 4 दोस्त क्यों ट्रेन के आगे कूदे !
जयपुर/अलवर । नौकरी नहीं मिलने से हताश चार युवक अलवर में ट्रेन के आगे कूदे, इस घटना में तीन युवकों की मौत हो गई। यह खबर भले ही एक खबर बनकर रह जाए, लेकिन खबर हमारे देश के राजनेताओं को शर्मसार करने के लिए लायक है।

राजस्थान में वसुंधरा सरकार ने पिछले पांच साल में 15 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर देने की दावा किया है। लेकिन क्या मौत को गले लगाने वाले इन युवकों को क्या स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार रोजगार का अवसर देने में नाकाम रही। वहीं अलवर से राजस्थान सरकार के श्रम मंत्री जसवंत सिंह यादव भी आते है, अभी वह अपने बेटे मोहित यादव के चुनाव प्रचार में जुटे है, लेकिन इस सवाल का जवाब उनके पास भी नहीं है। सिर्फ आंकड़ों की जुमले बाजी है।

मामले के मुताबिक अलवर के रैणी के मनोज मीणा (24), सत्यनारायण मीणा (22), ऋतुराज मीणा (17) और अभिषेक मीणा (22) अलवर में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। बताया जा रहा है कि यह चारों दोस्त अपने दो अन्य दोस्तों संतोष मीणा और राहुल मीणा के साथ बीते मंगलवार की शाम को रेलवे ट्रेक के पास बैठकर धूम्रपान कर रहे थे।
इस दौरान सामने से ट्रेन आती देखकर मनोज, सत्यनारायण, ऋतुराज और अभिषेक ने ट्रेन के आगे ढलांग लगा दी। इस हादसे में मनोज, सत्यनारायण, और ऋतुराज की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि अभिषेक गंभीर रूप से घायल हो गया।

प्रारंभिक जांच पड़ताल में पता चला है कि नौकरी नहीं मिलने के तनाव के चलते यह कदम इन चारों छात्रों ने उठाया था। घटना के चश्मदीद एक अन्य दोस्त ने कहा कि आत्महत्या से पहले चारों दोस्तों ने कहा था कि नौकरी लगेगी नहीं तो जीकर क्या कर लेंगे। इस घटना में मौके पर मौजूद दोनों दोस्तों से पुलिस पूछताछ कर रही है।

वहीं इस मुद्दे पर जब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से सवाल किया गया, तो जावड़ेकर ने कहा कि यह बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है। इस मामले की जांच के बाद ही आगे कुछ कह सकूंगा।जबकि पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने कहा कि इस तरह की घटना उन्होंने अपने जीवन में पहली बार देखी है, जब कोई चार युवा नौकरी नहीं मिलने के कारण ट्रेन के आगे एक साथ कूद रहे है। इस मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, लेकिन यह हमारे लिए एक कलंक के समान है।



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