Advertisement
चिन्मयानंद मामला : सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक
शाहजहांपुर की कानून की छात्रा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सात नवंबर
के उस आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर की थी, जिसमें कहा गया था
कि चिन्मयानंद धारा 164 सीआरपीसी के तहत दर्ज पीड़िता के बयान की प्रमाणित
प्रति पाने का हकदार था।
अपनी याचिका में, छात्रा ने कहा है कि आरोप पत्र दाखिल करने से पहले पीड़िता के बयान की एक प्रति देने का हाईकोर्ट का आदेश कानून के विपरीत था और इसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं।
याचिका में कहा गया है कि धारा 164 सीआरपीसी के तहत पीड़िता के बयान की प्रति प्राप्त करने के लिए एक पूर्व शर्त यह है कि आरोप पत्र दायर किया गया हो और मजिस्ट्रेट द्वारा उसे संज्ञान में ले लिया गया हो।
--आईएएनएस
अपनी याचिका में, छात्रा ने कहा है कि आरोप पत्र दाखिल करने से पहले पीड़िता के बयान की एक प्रति देने का हाईकोर्ट का आदेश कानून के विपरीत था और इसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं।
याचिका में कहा गया है कि धारा 164 सीआरपीसी के तहत पीड़िता के बयान की प्रति प्राप्त करने के लिए एक पूर्व शर्त यह है कि आरोप पत्र दायर किया गया हो और मजिस्ट्रेट द्वारा उसे संज्ञान में ले लिया गया हो।
--आईएएनएस
Advertisement
Advertisement
लखनऊ
उत्तर प्रदेश से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement