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चिन्मयानंद कांड : रिवर्स स्टिंग में घिर गए स्वामी-शिष्या! दोनों हैं आरोपी और पीडि़त भी
शाहजहांपुर। स्टिंग-ऑपरेशन अब तक अमूमन सामने वाले को शिकार बनाने के लिए किया जाता रहा है। जो व्यक्ति स्टिंग करता था वह शिकायतकर्ता, और जिसका स्टिंग होता था वह संदिग्ध या आरोपी। लेकिन स्वामी चिन्मयानंद यौन उत्पीडऩ मामले में स्टिंग ऑपरेशन की एक अलग शैली सामने आई है। इसे रिवर्स स्टिंग ऑपरेशन कहें तो गलत नहीं होगा।
रिवर्स स्टिंग ऑपरेशन के ही कारण दोनों पक्ष आरोपी और दोनों पक्ष पीडि़त बनकर सामने आए हैं। कथित रिवर्स-स्टिंग तकनीक के जुगाड़ ने दोनों पक्षों की पोल खोल कर रख दी है। अगर यह सिर्फ स्टिंग-ऑपरेशन होता तो इस बार भी बाकी हर केस की तरह एक ही पक्ष संदिग्ध होता।
स्वामी चिन्मयानंद कांड में देखा जाए तो खुद के बचाव में या फिर शिष्या को ठगने के लिए स्वामी ने कथित रूप से पहले उसका स्टिंग कराया, ताकि शिकार कभी भी हाथ से दूर न जा सके। लेकिन फिलहाल जेल जा चुके आरोपी को तब तक रिवर्स-स्टिंग का अंदेशा नहीं रहा होगा।
रिवर्स स्टिंग ऑपरेशन के ही कारण दोनों पक्ष आरोपी और दोनों पक्ष पीडि़त बनकर सामने आए हैं। कथित रिवर्स-स्टिंग तकनीक के जुगाड़ ने दोनों पक्षों की पोल खोल कर रख दी है। अगर यह सिर्फ स्टिंग-ऑपरेशन होता तो इस बार भी बाकी हर केस की तरह एक ही पक्ष संदिग्ध होता।
स्वामी चिन्मयानंद कांड में देखा जाए तो खुद के बचाव में या फिर शिष्या को ठगने के लिए स्वामी ने कथित रूप से पहले उसका स्टिंग कराया, ताकि शिकार कभी भी हाथ से दूर न जा सके। लेकिन फिलहाल जेल जा चुके आरोपी को तब तक रिवर्स-स्टिंग का अंदेशा नहीं रहा होगा।
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