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मोदी और शी महत्वपूर्ण मुद्दों पर हो सकते हैं सहमत, संयुक्त बयान नहीं करेंगे जारी
बीजिंग। चीन के उप विदेश मंत्री कांग सुआनयू ने मंगलवार को कहा कि इस सप्ताह चीन के मध्यवर्ती शहर वुहान में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर बैठक में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बन सकती है। कांग ने भारतीय और चीनी पत्रकारों से कहा, दोनों नेता दिल से बातचीत करेंगे, लेकिन किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे या कोई संयुक्त बयान जारी नहीं करेंगे। कांग ने कहा, दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक बातचीत में किसी भी तरह के दस्तावेजों को पेश नहीं किया जाएगा, लेकिन दोनों नेता एक सहमति पर पहुंच सकते हैं। इस तरह की सहमति से पुराने मुद्दों को सुलझाने की दिशा में प्रगति होगी।
उन्होंने कहा, चूकि दोनों देश एक-दूसरे के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं, इसलिए इस बार दोनों पक्षों ने दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक बैठक कराने का निर्णय लिया। हमें सीमा से संबंधित अनसुलझे सवाल पर इस अनौपचारिक बैठक में बातचीत करने की जरूरत है। कांग ने कहा, हालांकि सीमा मुद्दा काफी महत्वपूर्ण है। दोनों पक्षों को साथ मिलकर इसके लिए अनुकूल स्थिति बनाने की जरूरत है और धीरे-धीरे सीमा मुद्दे पर समुचित समाधान की और बढऩे की जरूरत है और साथ ही विश्वास व समान सहमति के साथ विभिन्न पक्षों में सहयोग बढ़ाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, चीन और भारत को आपसी विश्वास बढ़ाने के लिए काफी प्रयास करने की जरूरत है। पिछले वर्ष घटित सीमा विवाद विश्वास की कमी की वजह से हुआ था। कांग ने कहा, दोनों नेताओं के पास विशाल जनसमर्थन है। दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों को काफी महत्व दिया है और इस संबंध को बढ़ाने के लिए काफी ऊर्जा खर्च की है। उन्होंने कहा, इस सम्मेलन से न केवल दोनों देशों को फायदा होगा, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र में शांति और विकास का संदेश जाएगा।
उन्होंने कहा, चूकि दोनों देश एक-दूसरे के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं, इसलिए इस बार दोनों पक्षों ने दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक बैठक कराने का निर्णय लिया। हमें सीमा से संबंधित अनसुलझे सवाल पर इस अनौपचारिक बैठक में बातचीत करने की जरूरत है। कांग ने कहा, हालांकि सीमा मुद्दा काफी महत्वपूर्ण है। दोनों पक्षों को साथ मिलकर इसके लिए अनुकूल स्थिति बनाने की जरूरत है और धीरे-धीरे सीमा मुद्दे पर समुचित समाधान की और बढऩे की जरूरत है और साथ ही विश्वास व समान सहमति के साथ विभिन्न पक्षों में सहयोग बढ़ाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, चीन और भारत को आपसी विश्वास बढ़ाने के लिए काफी प्रयास करने की जरूरत है। पिछले वर्ष घटित सीमा विवाद विश्वास की कमी की वजह से हुआ था। कांग ने कहा, दोनों नेताओं के पास विशाल जनसमर्थन है। दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों को काफी महत्व दिया है और इस संबंध को बढ़ाने के लिए काफी ऊर्जा खर्च की है। उन्होंने कहा, इस सम्मेलन से न केवल दोनों देशों को फायदा होगा, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र में शांति और विकास का संदेश जाएगा।
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