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खंडहर में पढ़ रहे नौनिहाल,चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पढ़ाते हैं, SEE PICS
संभल। प्रदेश सरकार के सीएम
अखिलेश यादव सूबे के सरकारी प्राइमरी स्कूलों के
लिए बिल्डिंग, बच्चों के लिए मिड -डे मील .निशुल्क ड्रेस और किताबे दिए जाने जैसी
तमाम योजनाए लागू कर सरकारी प्राइमरी स्कूलों की प्राइवेट कान्वेंट स्कूलों
से बराबरी के दावे कर रहे है। लेकिन जमीनी हकीकत सी एम के इन दाबो
के विल्कुल उलट है। यूपी में नोनीहाल जान जोखिम में डाल बिना छत्त के
खंडहर जेसे ऐसे स्कूलों में पढने को मजबूर है जिनमे कभी भी हादसा हो सकता है।
यूपी के बदहाल सरकारी प्राइमरी स्कूल प्रदेश सरकार के इन दावो की हकीकत बयाँ कर है। यूपी के संभल में विना छत के खंडहर में चल रहे बदहाल स्कूल सरकार के इन दावो की पोल खोल रहे है। संभल जनपद की चंदोसी तहसील में किदवई प्राइमरी स्कूल में नौनी हाल लगभग 12 सालों से विना छत के खंडहर बाले स्कूल में पढ़ रहे है। शिक्षा विभाग के आला अफसरों के ध्यान न देने से इस स्कूल की हालत इतनी जर्जर हो गई है की कभी भी हादसा हो सकता है। लेकिन शिक्षा विभाग के अफसर स्कूल की बदहाल हालत को गंभीरता से नहीं ले रहे है।
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यूपी के बदहाल सरकारी प्राइमरी स्कूल प्रदेश सरकार के इन दावो की हकीकत बयाँ कर है। यूपी के संभल में विना छत के खंडहर में चल रहे बदहाल स्कूल सरकार के इन दावो की पोल खोल रहे है। संभल जनपद की चंदोसी तहसील में किदवई प्राइमरी स्कूल में नौनी हाल लगभग 12 सालों से विना छत के खंडहर बाले स्कूल में पढ़ रहे है। शिक्षा विभाग के आला अफसरों के ध्यान न देने से इस स्कूल की हालत इतनी जर्जर हो गई है की कभी भी हादसा हो सकता है। लेकिन शिक्षा विभाग के अफसर स्कूल की बदहाल हालत को गंभीरता से नहीं ले रहे है।
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