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उत्तर प्रदेश सहित तीन राज्यों में है बच्चा चोरी की अफवाहों का जोर, पुलिस बोली...
उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, गोंडा और इटावा
समेत अन्य स्थानों पर भीड़ द्वारा बच्चा चोरी के शक में कई लोगों को पीटा
गया। पुलिस विभाग के अधिकारी मानते हैं कि ऐसी घटनाओं में सबसे ज्यादा सोशल
मीडिया का योगदान है। ऐसे कृत्यों को अंजाम देने वालों के खिलाफ आने वाले
समय में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कानून के जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता पदम कीर्ति ने आईएएनएस को बताया कि पुलिस पेट्रोलिंग ग्राउंड लेवल पर नहीं हो रही है। इसी कारण ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। जितनी भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं या तो वे ग्रामीण क्षेत्र में हो रही हैं, या फिर उन क्षेत्रों में हो रही है, जहां अशिक्षित लोग ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा और आर्थिक पिछड़ेपन के कारण भी ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। धार्मिक उन्माद के कारण भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं।
मारने वाले सोच रहे हैं कि सरकार उन्हें बचाएगी। मध्य प्रदेश में इसे रोकने के लिए कानून बनाया जा रहा है, जिसमें दस साल सजा का प्रावधान है। लेकिन इससे कुछ होने वाला नहीं है। इसमें तो मार्डर का एक्ट 302/24 का कानून बनाया जाना चाहिए। कानून का भय लोगों से खत्म हो रहा है। इसीलिए घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे निपटने के लिए बहुत सख्त कानून बनाएं जाने की जरूरत है।
कानून के जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता पदम कीर्ति ने आईएएनएस को बताया कि पुलिस पेट्रोलिंग ग्राउंड लेवल पर नहीं हो रही है। इसी कारण ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। जितनी भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं या तो वे ग्रामीण क्षेत्र में हो रही हैं, या फिर उन क्षेत्रों में हो रही है, जहां अशिक्षित लोग ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा और आर्थिक पिछड़ेपन के कारण भी ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। धार्मिक उन्माद के कारण भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं।
मारने वाले सोच रहे हैं कि सरकार उन्हें बचाएगी। मध्य प्रदेश में इसे रोकने के लिए कानून बनाया जा रहा है, जिसमें दस साल सजा का प्रावधान है। लेकिन इससे कुछ होने वाला नहीं है। इसमें तो मार्डर का एक्ट 302/24 का कानून बनाया जाना चाहिए। कानून का भय लोगों से खत्म हो रहा है। इसीलिए घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे निपटने के लिए बहुत सख्त कानून बनाएं जाने की जरूरत है।
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