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सभी निकायों में 14 अप्रैल से होगा अम्बेडकर भवन का निर्माण: मुख्यमंत्री
जयपुर/दौसा, 23 मार्च। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने घोषणा की है कि प्रदेश के सभी नगर निकाय क्षेत्रों में आगामी 14 अप्रैल अम्बेडकर जयंती के अवसर पर अम्बेडकर भवनों का निर्माण प्रारम्भ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद से लेकर अब तक दलितों को 60 साल तक शासन करने वाले लोगों ने अपना वोट बैंक समझा और उन्हें भुलावे में रखा। इसके विपरीत हमारी सरकार ने हमेशा दलित उत्थान के लिए जमीनी स्तर पर काम किया।
राजे शुक्रवार को दौसा जिले के मंडावरी में भगवान बालीनाथ जी महाराज के मंदिर के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों को सम्बल प्रदान करने के लिए ऐसी अनेक योजनाएं लागू की हैं, जिनका लाभ लेकर वे प्रगति के युग में सबके साथ आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने संत बालीनाथ जी को एक सिद्ध पुरूष के रूप में याद किया, जिन्होंने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ सत्संग के माध्यम से जन जागरण अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि आज ऐसे महान संत और बैरवा समाज के आराध्य देव के दर्शन पाकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।
बालीनाथ महाराज का पैनोरमा बनाने की घोषणा
राजे ने मंदिर परिसर में बालीनाथ जी का भव्य पैनोरमा बनाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थानीय लोक देवताओं के पैनोरमा की तर्ज पर यहां भी भगवान बालीनाथ के जीवन और उनकी शिक्षाओं के जीवन्त प्रदर्शन के लिए पैनोरमा बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में 100 करोड़ की लागत से पैनोरमा बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा मंदिरों और स्थानीय लोक देवताओं के स्थलों के विकास के लिए 600 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए हैं।
दलितों को पूरा प्रतिनिधित्व दिया
राजे ने कहा कि हमारी सरकार अपने लक्ष्य ’सबका साथ और सबका विकास’ की भावना के साथ काम करते हुए दलितों को सरकार में पूरा प्रतिनिधित्व दिया है। उन्होंने कहा कि आज भाजपा के 32 विधायक विधानसभा में 36 की 36 कौमों के साथ-साथ दलितों की आवाज उठाते हैं। जबकि कांग्रेस के पास दलित वर्ग का सिर्फ एक विधायक है। इसी से साफ होता है कि ये वर्ग कांग्रेस के चाल-चरित्र और चेहरे को पहचान गया है। ये वर्ग अब भाजपा को ही बेहतर विकल्प के रूप में ही देखने लगा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार विधानसभा के अध्यक्ष पद से लेकर राज्यसभा सांसद और अन्य संवैधानिक पदों पर दलित समाज को प्रतिनिधित्व दिया गया है।
राजे शुक्रवार को दौसा जिले के मंडावरी में भगवान बालीनाथ जी महाराज के मंदिर के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों को सम्बल प्रदान करने के लिए ऐसी अनेक योजनाएं लागू की हैं, जिनका लाभ लेकर वे प्रगति के युग में सबके साथ आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने संत बालीनाथ जी को एक सिद्ध पुरूष के रूप में याद किया, जिन्होंने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ सत्संग के माध्यम से जन जागरण अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि आज ऐसे महान संत और बैरवा समाज के आराध्य देव के दर्शन पाकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।
बालीनाथ महाराज का पैनोरमा बनाने की घोषणा
राजे ने मंदिर परिसर में बालीनाथ जी का भव्य पैनोरमा बनाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थानीय लोक देवताओं के पैनोरमा की तर्ज पर यहां भी भगवान बालीनाथ के जीवन और उनकी शिक्षाओं के जीवन्त प्रदर्शन के लिए पैनोरमा बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में 100 करोड़ की लागत से पैनोरमा बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा मंदिरों और स्थानीय लोक देवताओं के स्थलों के विकास के लिए 600 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए हैं।
दलितों को पूरा प्रतिनिधित्व दिया
राजे ने कहा कि हमारी सरकार अपने लक्ष्य ’सबका साथ और सबका विकास’ की भावना के साथ काम करते हुए दलितों को सरकार में पूरा प्रतिनिधित्व दिया है। उन्होंने कहा कि आज भाजपा के 32 विधायक विधानसभा में 36 की 36 कौमों के साथ-साथ दलितों की आवाज उठाते हैं। जबकि कांग्रेस के पास दलित वर्ग का सिर्फ एक विधायक है। इसी से साफ होता है कि ये वर्ग कांग्रेस के चाल-चरित्र और चेहरे को पहचान गया है। ये वर्ग अब भाजपा को ही बेहतर विकल्प के रूप में ही देखने लगा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार विधानसभा के अध्यक्ष पद से लेकर राज्यसभा सांसद और अन्य संवैधानिक पदों पर दलित समाज को प्रतिनिधित्व दिया गया है।
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