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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को मुख्यमंत्री ने कहा, कोरोना महामारी से प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा हमारा संकल्प
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आश्वस्त किया है कि कोरोना महामारी से प्रदेशवासियों के बहुमूल्य जीवन की रक्षा के संकल्प को पूरा करने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि हम हर वह कदम उठाएंगे जिससे इस वायरस के कम्यूनिटी में ट्रांसफर को रोका जा सके। कोरोना संकट को लेकर श्रीमती गांधी द्वारा कांग्रेस शासित चार राज्यों राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ एवं पुड्डूचेरी के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान गहलोत ने कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन के कारण किसी भी गरीब को भूखा नहीं सोना पड़े, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। संकट की इस घड़ी में दिहाड़ी पर अपना जीवनयापन करने वाले कामगारों, खेतिहर मजदूरों, निर्माण श्रमिकों सहित सभी जरूरतमंदों को राशन एवं भोजन सामग्री पहुंचाने में सरकार कोई परेशानी नहीं आने देगी।
गरीबों की मदद के लिए कांग्रेस पार्टी एवं इसके मुख्यमंत्री बनाएं दबाव
वीडियो कांफ्रेंस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस शासित सभी चारों राज्यों के मुख्यमंत्री यह सुनिश्चित करें कि गरीबों तथा जरूरतमंदों को कोरोना संकट के कारण भूखे नहीं सोना पड़े। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी तथा कांग्रेस शासित चारों राज्यों के मुख्यमंत्री केन्द्र सरकार पर गरीबों तथा समाज के पिछड़े लोगों की अधिक से अधिक मदद के लिए दबाव बनाएंगे।
पहला राज्य जिसने लॉकडाउन किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देश का पहला राज्य है जिसने कम्यूनिटी में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए 31 मार्च तक के लॉकडाउन का निर्णय किया। गरीबों को लॉकडाउन के कारण भूखा नहीं सोना पड़े, इसके लिए हमारी सरकार ने एनएफएसए से जुड़े परिवारों को दो माह का निशुल्क राशन देने का निर्णय किया है। हमने फैक्ट्री मालिकों से अपील की है कि लॉकडाउन की अवधि में श्रमिकों को सवैतनिक अवकाश दिया जाए तथा उन्हें आजीविका से नहीं निकाला जाए। जिन लोगों की रोजी-रोटी लॉकडाउन के कारण तुरंत प्रभावित हुई है उन्हें सरकार प्रति परिवार एक हजार रूपए देगी। इसके लिए 310 करोड़ रूपए जारी कर दिए गए हैं।
गहलोत ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में दिहाड़ी मजदूरों, स्ट्रीट वेंडर्स और कच्ची बस्तियों में रहने वाले जरूरतमंद परिवारों जो एनएफएसए में कवर नहीं हैं को फूड पैकेट उपलब्ध कराने के लिए जिला कलक्टरों को अनटाइड फंड दिया गया है। प्रदेश के जरूरतमंद परिवारों के लिए 2 हजार करोड़ रूपए का रिलीफ पैकेज घोषित किया गया है। राज्य में 78 लाख सामाजिक सहायता पेंशन के लाभार्थियों को दो माह की पेंशन एक साथ देने के लिए बजट जारी किया जा रहा है। मैंने स्वयं ने अपील की है कि हर परिवार अपने अतिरिक्त दो गरीबों के लिए खाना बनाए।
राज्य एवं जिला स्तर पर बनाए वार रूम
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण आमजन को होने वाली परेशानियों के त्वरित समाधान के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह की अध्यक्षता में राज्य स्तर पर कोर ग्रुप एवं जिला स्तर पर भी वरिष्ठ अधिकारियों का कोर ग्रुप बनाया गया है। साथ ही राज्य एवं जिला स्तर पर वार रूम गठित किए गए हैं। ये वॉर रूम 24 घंटे कार्य कर रहे हैं। कोरोना से संबंधित आमजन की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए एक डेडिकेटेड हैल्पलाइन 181 स्थापित की गई है।
गहलोत ने कहा कि समाज का हर वर्ग इस महामारी के खिलाफ सरकार के साथ आ खड़ा हुआ है। सभी राजनीतिक दलों, धर्मगुरूओं को हमने विश्वास में लिया है। उनके साथ-साथ स्वयंसेवी संगठनों, चिकित्सक समुदाय, सरकारी कर्मचारियों, भामाशाहों सहित हर वर्ग का हमें भरपूर सहयोग मिल रहा है। मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड-19 रिलीफ फंड में प्रदेशवासी बढ़-चढ़कर अंशदान कर रहे हैं।
गरीबों की मदद के लिए कांग्रेस पार्टी एवं इसके मुख्यमंत्री बनाएं दबाव
वीडियो कांफ्रेंस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस शासित सभी चारों राज्यों के मुख्यमंत्री यह सुनिश्चित करें कि गरीबों तथा जरूरतमंदों को कोरोना संकट के कारण भूखे नहीं सोना पड़े। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी तथा कांग्रेस शासित चारों राज्यों के मुख्यमंत्री केन्द्र सरकार पर गरीबों तथा समाज के पिछड़े लोगों की अधिक से अधिक मदद के लिए दबाव बनाएंगे।
पहला राज्य जिसने लॉकडाउन किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देश का पहला राज्य है जिसने कम्यूनिटी में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए 31 मार्च तक के लॉकडाउन का निर्णय किया। गरीबों को लॉकडाउन के कारण भूखा नहीं सोना पड़े, इसके लिए हमारी सरकार ने एनएफएसए से जुड़े परिवारों को दो माह का निशुल्क राशन देने का निर्णय किया है। हमने फैक्ट्री मालिकों से अपील की है कि लॉकडाउन की अवधि में श्रमिकों को सवैतनिक अवकाश दिया जाए तथा उन्हें आजीविका से नहीं निकाला जाए। जिन लोगों की रोजी-रोटी लॉकडाउन के कारण तुरंत प्रभावित हुई है उन्हें सरकार प्रति परिवार एक हजार रूपए देगी। इसके लिए 310 करोड़ रूपए जारी कर दिए गए हैं।
गहलोत ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में दिहाड़ी मजदूरों, स्ट्रीट वेंडर्स और कच्ची बस्तियों में रहने वाले जरूरतमंद परिवारों जो एनएफएसए में कवर नहीं हैं को फूड पैकेट उपलब्ध कराने के लिए जिला कलक्टरों को अनटाइड फंड दिया गया है। प्रदेश के जरूरतमंद परिवारों के लिए 2 हजार करोड़ रूपए का रिलीफ पैकेज घोषित किया गया है। राज्य में 78 लाख सामाजिक सहायता पेंशन के लाभार्थियों को दो माह की पेंशन एक साथ देने के लिए बजट जारी किया जा रहा है। मैंने स्वयं ने अपील की है कि हर परिवार अपने अतिरिक्त दो गरीबों के लिए खाना बनाए।
राज्य एवं जिला स्तर पर बनाए वार रूम
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण आमजन को होने वाली परेशानियों के त्वरित समाधान के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह की अध्यक्षता में राज्य स्तर पर कोर ग्रुप एवं जिला स्तर पर भी वरिष्ठ अधिकारियों का कोर ग्रुप बनाया गया है। साथ ही राज्य एवं जिला स्तर पर वार रूम गठित किए गए हैं। ये वॉर रूम 24 घंटे कार्य कर रहे हैं। कोरोना से संबंधित आमजन की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए एक डेडिकेटेड हैल्पलाइन 181 स्थापित की गई है।
गहलोत ने कहा कि समाज का हर वर्ग इस महामारी के खिलाफ सरकार के साथ आ खड़ा हुआ है। सभी राजनीतिक दलों, धर्मगुरूओं को हमने विश्वास में लिया है। उनके साथ-साथ स्वयंसेवी संगठनों, चिकित्सक समुदाय, सरकारी कर्मचारियों, भामाशाहों सहित हर वर्ग का हमें भरपूर सहयोग मिल रहा है। मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड-19 रिलीफ फंड में प्रदेशवासी बढ़-चढ़कर अंशदान कर रहे हैं।
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