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मुख्यमंत्री ने रेणुकाजी बांध परियोजना समझौता ज्ञापन समारोह में भाग लिया
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने केंद्र के साथ ऊर्जा
घटक (पावर कंपोनेंट) की वित्त पोषण (फंडिंग) के मामले को मजबूती से उठाया
था, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली सरकार ने पावर हाउस की लागत का 90 प्रतिशत
वित्त पोषण पर सहमति व्यक्त की तथा इस परियोजना को तीन महीने के भीतर तेजी
से मंजूरी मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बांध के निर्माण के बाद, गिरि नदी का प्रवाह लगभग 110 प्रतिशत बढ़ जाएगा जो दिल्ली और अन्य तटीय राज्यों की पीने की पानी की जरूरतों को कमी के दिनों में कुछ सीमा तक पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से जलाशय में 49800 हेक्टेयर मीटर (0.498 बीसीएम) का भंडारण होगा और दिल्ली को 23 क्यूसेक्स की जलापूर्ति होगी। परियोजना के सिंचाई/पेयजल घटक की 90 प्रतिशत लागत यानी 3892.83 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी और इस लागत का 10 प्रतिशत यानी 432.54 करोड रुपये तटीय राज्यों-हरियाणा, उत्तर प्रदेश/ उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्रियों द्वारा यमुना नदी से ओखला बैराज तक सतही जल के आवंटन के लिए हस्ताक्षरित हुए समझौता ज्ञापन के अनुसार वहन किया जाएगा।
हरियाणा, उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का हिस्सा क्रमशः 47.82 प्रतिशत, 33.65 प्रतिशत, 3.15 प्रतिशत, 9.34 प्रतिशत और 6.04 प्रतिशत होगा। परियोजना की जांच और भूमि अधिग्रहण के लिए केंद्र सरकार ने 446.96 करोड़ रुपये, दिल्ली सरकार ने 214.84 करोड़ रुपये और हरियाणा सरकार ने अब तक 25 करोड़ रुपये अब तक जारी कर दिए हैं। समारोह में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और सत्यपाल सिंह, हिमाचल प्रदेश मुख्य सचिव बी. के. अग्रवाल और छह राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बांध के निर्माण के बाद, गिरि नदी का प्रवाह लगभग 110 प्रतिशत बढ़ जाएगा जो दिल्ली और अन्य तटीय राज्यों की पीने की पानी की जरूरतों को कमी के दिनों में कुछ सीमा तक पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से जलाशय में 49800 हेक्टेयर मीटर (0.498 बीसीएम) का भंडारण होगा और दिल्ली को 23 क्यूसेक्स की जलापूर्ति होगी। परियोजना के सिंचाई/पेयजल घटक की 90 प्रतिशत लागत यानी 3892.83 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी और इस लागत का 10 प्रतिशत यानी 432.54 करोड रुपये तटीय राज्यों-हरियाणा, उत्तर प्रदेश/ उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्रियों द्वारा यमुना नदी से ओखला बैराज तक सतही जल के आवंटन के लिए हस्ताक्षरित हुए समझौता ज्ञापन के अनुसार वहन किया जाएगा।
हरियाणा, उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का हिस्सा क्रमशः 47.82 प्रतिशत, 33.65 प्रतिशत, 3.15 प्रतिशत, 9.34 प्रतिशत और 6.04 प्रतिशत होगा। परियोजना की जांच और भूमि अधिग्रहण के लिए केंद्र सरकार ने 446.96 करोड़ रुपये, दिल्ली सरकार ने 214.84 करोड़ रुपये और हरियाणा सरकार ने अब तक 25 करोड़ रुपये अब तक जारी कर दिए हैं। समारोह में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और सत्यपाल सिंह, हिमाचल प्रदेश मुख्य सचिव बी. के. अग्रवाल और छह राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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