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गोडसे को देशभक्त बताना निंदनीय, ऐसे बयान स्वीकार्य नहीं : नीतीश कुमार
पटना। लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के तहत बिहार की आठ लोकसभा सीटों पर रविवार को मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी वोट डाला। इस दौरान मुख्यमंत्री ने लंबी अवधि की चुनाव प्रक्रिया को गैर जरूरी बताया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पुत्र निशांत के साथ राजभवन स्थित मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश के भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी
साध्वी प्रज्ञा सिंह के नाथूराम गोडसे को राष्ट्रभक्त बताने वाले बयान की
निंदा की। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान स्वीकार्य नहीं।
मतदान के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि चुनाव इतनी लंबी अवधि में नहीं होने चाहिए। मतदान के हर चरण के बीच एक लंबा अंतराल था। मैं इस पर सर्वसम्मति बनाने के लिए सभी दलों के नेताओं से बात करूंगा। इतनी ज्यादा गर्मी है। मतदान केंद्र पर मतदाताओं के लिए छांव की व्यवस्था भी नहीं होती। लोगों को तेज धूप में वोट डालना पड़ता है।
चुनाव फरवरी-मार्च या अक्टूबर-नवंबर में होना चाहिए। कम से कम चरण में चुनाव हो। इस मामले में सभी लोग एकमत हो जाएं तो बहुत अच्छा होगा। परिणाम के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जनता मालिक है, जो फैसला लेगी। हमारी इच्छा तो यही है कि फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बने।
(आईएएनएस)
मतदान के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि चुनाव इतनी लंबी अवधि में नहीं होने चाहिए। मतदान के हर चरण के बीच एक लंबा अंतराल था। मैं इस पर सर्वसम्मति बनाने के लिए सभी दलों के नेताओं से बात करूंगा। इतनी ज्यादा गर्मी है। मतदान केंद्र पर मतदाताओं के लिए छांव की व्यवस्था भी नहीं होती। लोगों को तेज धूप में वोट डालना पड़ता है।
चुनाव फरवरी-मार्च या अक्टूबर-नवंबर में होना चाहिए। कम से कम चरण में चुनाव हो। इस मामले में सभी लोग एकमत हो जाएं तो बहुत अच्छा होगा। परिणाम के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जनता मालिक है, जो फैसला लेगी। हमारी इच्छा तो यही है कि फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बने।
(आईएएनएस)
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