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सीएम ने पंचों और सरपंचों को पद और डैपो के तौर पर शपथ दिलाई

पटियाला। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पटियाला और फतेहगढ़ साहिब के जिलों के नये चुने पंचों, सरपंचों, जि़ला परिषद और ब्लाक समिती के सदस्यों को पद और नशा रोकथाम अफसर (डैपो) के तौर पर शपथ दिलाई और अपने-अपने गांवों को नशा मुक्त बनाने के साथ-साथ अपने इलाके के समूचे विकास को यकीनी बनाने का न्योता दिया।
गांवों के सर्वपक्षीय विकास को यकीनी बनाने के लिए उनकी सरकार द्वारा हर संभव मदद मुहैया करवाने का भरोसा देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नशों की बीमारी को खत्म करने और भावी पीढ़ीयों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए चुने हुए नुमायंदों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।
इन नुमायंदों को डैपो के तौर पर कसम दिलाने से पहले कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘यह पहली जि़म्मेदारी है, जो मैं आपको सौंप रहा हूं।’ नशों के कुरीति से एक पूरी पीढ़ी बर्बाद हो जाने का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नशों की कमर तोडऩे के लिए उन्होंने कसम खाई थी और उनकी सरकार ने नशों की सप्लाई लाईन तोडऩे में बड़ी सफलता हासिल की है। मुख्यमंत्री ने चुने हुए सदस्यों से मुख़ातिब होते हुए कहा कि डैपो और बड्डी प्रोग्रामों के साथ-साथ ओ.ओ.ए.टी. क्लीनिक बहुत कामयाब सिद्ध हुए हैं और अब इस कुरीति को जड़ से मिटा देने की जि़म्मेदारी उनके (चुने हुए नुमायंदों) कंधों पर है।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री का मानना है कि पंचों और सरपंचों का चयन जमीनी स्तर पर पंचायती राज्य प्रणाली के द्वारा हुई है जो हमारे देश का मजबूत स्तम्भ है। उन्होंने कहा कि कुछ राजनैतिक पार्टियों द्वारा पंचायती चुनाव में गलत हथकंडे प्रयोग करने के बावजूद अकाली -भाजपा सरकार के 10 वर्षों के शासन के उल्ट इस बार राज्य में मतदान अमन -शान्ति के साथ हुआ हैं।
गांवों के सर्वपक्षीय विकास को यकीनी बनाने के लिए उनकी सरकार द्वारा हर संभव मदद मुहैया करवाने का भरोसा देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नशों की बीमारी को खत्म करने और भावी पीढ़ीयों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए चुने हुए नुमायंदों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।
इन नुमायंदों को डैपो के तौर पर कसम दिलाने से पहले कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘यह पहली जि़म्मेदारी है, जो मैं आपको सौंप रहा हूं।’ नशों के कुरीति से एक पूरी पीढ़ी बर्बाद हो जाने का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नशों की कमर तोडऩे के लिए उन्होंने कसम खाई थी और उनकी सरकार ने नशों की सप्लाई लाईन तोडऩे में बड़ी सफलता हासिल की है। मुख्यमंत्री ने चुने हुए सदस्यों से मुख़ातिब होते हुए कहा कि डैपो और बड्डी प्रोग्रामों के साथ-साथ ओ.ओ.ए.टी. क्लीनिक बहुत कामयाब सिद्ध हुए हैं और अब इस कुरीति को जड़ से मिटा देने की जि़म्मेदारी उनके (चुने हुए नुमायंदों) कंधों पर है।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री का मानना है कि पंचों और सरपंचों का चयन जमीनी स्तर पर पंचायती राज्य प्रणाली के द्वारा हुई है जो हमारे देश का मजबूत स्तम्भ है। उन्होंने कहा कि कुछ राजनैतिक पार्टियों द्वारा पंचायती चुनाव में गलत हथकंडे प्रयोग करने के बावजूद अकाली -भाजपा सरकार के 10 वर्षों के शासन के उल्ट इस बार राज्य में मतदान अमन -शान्ति के साथ हुआ हैं।
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