Advertisement
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का जमावड़ा, बड़ी वारदात को दे सकते हैं अंजाम, फरवरी-मार्च में लगते हैं कई मेले
हमले में कांग्रेस के कई बड़े नेता सहित 32 लोग मारे गए थे। मरने वालों में
महेंद्र कर्मा भी थे। कर्मा का परिवार लगातार नक्सलियों के निशाने पर रहा
है। वहीं कर्मा के गृहग्राम फरसापाल में मेला चल रहा है, और वहां बड़ी
संख्या में सैलानी आए हैं। ऐसे में कर्मा परिवार के सदस्यों की भी सुरक्षा
बढ़ा दी गई है। दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने आईएएनएस से कहा
कि मेला आदि को लेकर पुलिस हमेशा सतर्क रहती है, क्योंकि इन आयोजनों में
जनप्रतिनिधियों का आना होता है। फिलहाल उन्हें अब तक किसी तरह के नक्सली
कैंपेन की जानकारी नहीं मिली है।
राज्य में पिछले साल नक्सली घटनाओं में कमी आई थी। इससे सुरक्षा बल राहत महसूस कर रहे थे, मगर अब जो सूचनाएं आ रही हैं, उससे पुलिस को सतर्क कर दिया गया है। बीते साल की घटनाओं पर गौर करें तो सरकारी आंकड़े बताते हैं कि साल 2018 में पुलिस नक्सली मुठभेड़ की 166 घटनाएं हुई थीं, वहीं वर्ष 2019 में 112 मुठभेड़ हुईं। इस प्रकार पुलिस नक्सली मुठभेड़ में 32.53 फीसद कमी दर्ज की गई। मुठभेड़ में वर्ष 2018 में 124 तो वर्ष 2019 में 77 नक्सली मारे गए।
वहीं विभिन्न नक्सली घटनाओं में 2018 में 89 और 2019 में 46 नागरिकों की जान गई। इस प्रकार नागरिकों के मारे जाने की संख्या में 48.31 प्रतिशत की कमी आई। इसी तरह 2019 में कुल 19 पुलिसकर्मी शहीद हुए, जबकि 2018 में यह आंकड़ा 53 था। राज्य में 2018 में आईईडी विस्फोट की 77 घटनाएं घटीं, जबकि इस वर्ष 41 घटनाएं हुईं। यानी आईईडी विस्फोट की घटनाओं में 46.75 प्रतिशत कमी आई। नक्सल वारदातों में हथियार लूट की घटनाओं में 56.25 प्रतिशत की कमी देखी गई है।
(IANS)
राज्य में पिछले साल नक्सली घटनाओं में कमी आई थी। इससे सुरक्षा बल राहत महसूस कर रहे थे, मगर अब जो सूचनाएं आ रही हैं, उससे पुलिस को सतर्क कर दिया गया है। बीते साल की घटनाओं पर गौर करें तो सरकारी आंकड़े बताते हैं कि साल 2018 में पुलिस नक्सली मुठभेड़ की 166 घटनाएं हुई थीं, वहीं वर्ष 2019 में 112 मुठभेड़ हुईं। इस प्रकार पुलिस नक्सली मुठभेड़ में 32.53 फीसद कमी दर्ज की गई। मुठभेड़ में वर्ष 2018 में 124 तो वर्ष 2019 में 77 नक्सली मारे गए।
वहीं विभिन्न नक्सली घटनाओं में 2018 में 89 और 2019 में 46 नागरिकों की जान गई। इस प्रकार नागरिकों के मारे जाने की संख्या में 48.31 प्रतिशत की कमी आई। इसी तरह 2019 में कुल 19 पुलिसकर्मी शहीद हुए, जबकि 2018 में यह आंकड़ा 53 था। राज्य में 2018 में आईईडी विस्फोट की 77 घटनाएं घटीं, जबकि इस वर्ष 41 घटनाएं हुईं। यानी आईईडी विस्फोट की घटनाओं में 46.75 प्रतिशत कमी आई। नक्सल वारदातों में हथियार लूट की घटनाओं में 56.25 प्रतिशत की कमी देखी गई है।
(IANS)
Advertisement
Advertisement
प्रमुख खबरें
Advertisement