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कुरूक्षेत्र शहर में ऐलिवेटेड रेलवे लाइन के निर्माण का रास्ता साफ
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा परियोजना को सैद्धांतिक स्वीकृति दिए जाने से कुरूक्षेत्र-नरवाना रेलवे लाइन पर कुरूक्षेत्र शहर में ऐलिवेटेड रेलवे लाइन के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है, जिससे इस पवित्र शहर में यातायात दबाव कम होगा।
इस ऐलिवेटिड रेलवे लाइन का निर्माण हरियाणा रेल आधारभूत संरचना विकास निगम (एचआरआईडीसी) द्वारा 224.58 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा। कुल परियोजना लागत में से रेल मंत्रालय द्वारा 100 करोड़ रुपए की राशि सांझा की जाएगी। ऐलिवेटेड रेलवे लाइन से शहर में पांच लेवल क्रॉसिंग बंद हो जाएंगे, जिससे यातायात जाम कम होगा।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह राज्य में दूसरी ऐलिवेटेड रेलवे लाइन होगी, क्योंकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हाल ही रोहतक शहर में रेलवे ट्रैक के रोहतक-गोहाना-पानीपत खंड पर देश की पहली ऐलिवेटेड रेलवे ट्रैक परियोजना का शुभारंभ किया है, जिसे 315.71 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कुरूक्षेत्र में एलिवेटेड रेलवे लाइन के निर्माण से न केवल यातायात दबाव कम होगा, बल्कि लेवल क्रॉसिंग के बंद हो जाने से जनता के समय और ईंधन की बचत भी होगी। उन्होंने बताया कि थानेसर हॉलट स्टेशन के प्लेटफार्म को मेट्रो स्टेशन जैसे ऊपर उठा कर बनाया जाएगा। भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा और मौजूदा रेलवे भूमि पर ही पूरा कार्य किया जाएगा। परियोजना की कुल लंबाई 5.18 किलोमीटर होगी जिसमें 4.511 किलोमीटर का ऐलिवेटेड ट्रैक होगा।
इस ऐलिवेटिड रेलवे लाइन का निर्माण हरियाणा रेल आधारभूत संरचना विकास निगम (एचआरआईडीसी) द्वारा 224.58 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा। कुल परियोजना लागत में से रेल मंत्रालय द्वारा 100 करोड़ रुपए की राशि सांझा की जाएगी। ऐलिवेटेड रेलवे लाइन से शहर में पांच लेवल क्रॉसिंग बंद हो जाएंगे, जिससे यातायात जाम कम होगा।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह राज्य में दूसरी ऐलिवेटेड रेलवे लाइन होगी, क्योंकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हाल ही रोहतक शहर में रेलवे ट्रैक के रोहतक-गोहाना-पानीपत खंड पर देश की पहली ऐलिवेटेड रेलवे ट्रैक परियोजना का शुभारंभ किया है, जिसे 315.71 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कुरूक्षेत्र में एलिवेटेड रेलवे लाइन के निर्माण से न केवल यातायात दबाव कम होगा, बल्कि लेवल क्रॉसिंग के बंद हो जाने से जनता के समय और ईंधन की बचत भी होगी। उन्होंने बताया कि थानेसर हॉलट स्टेशन के प्लेटफार्म को मेट्रो स्टेशन जैसे ऊपर उठा कर बनाया जाएगा। भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा और मौजूदा रेलवे भूमि पर ही पूरा कार्य किया जाएगा। परियोजना की कुल लंबाई 5.18 किलोमीटर होगी जिसमें 4.511 किलोमीटर का ऐलिवेटेड ट्रैक होगा।
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