Advertisement
किसानों को दो हजार 307 करोड़ के ऋण माफी प्रमाण-पत्र जारी
जयपुर। राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना के तहत 9 लाख 40 हजार 471 पात्र किसानों ने ई-मित्र केन्द्रों पर निःशुल्क बायोमैट्रिक सत्यापन पूर्ण कर लिया है, जिसमें से 6 लाख 16 हजार 311 किसानों को 2 हजार 307 करोड़ के ऋण माफी प्रमाण-पत्र जारी कर दिये हैं। अबतक सहकारी बैंकों ने 15 लाख 88 हजार 572 किसानों के 5 हजार 762 करोड के ऋण माफी आवेदन अपलोड कर दिये हैं।
शासन सचिवालय में गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला कलक्टर के साथ प्रदेश में लागू की गई ऋण माफी योजना की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि किसानों के डेटा अपलोड में शीघ्रता लायें ताकि पात्र किसानों को मिलने वाले ऋण माफी प्रमाण-पत्र के माध्यम से उनकी ऋण माफी राशि को सुनिश्चित किया जा सके।
जयपुर, जोधपुर, चित्तौड, नागौर एवं झालावाड़ जिलों के कलक्टर एवं सहकारिता के अधिकारियों को निर्देश दिये कि लम्बित आवेदन एवं आधार अधिप्रमाणन से शेष रहे किसानों की प्रक्रिया को शीघ्रता से सम्पन्न करावें। सभी जिला कलक्टर को निर्देशित करते हुए कहा कि नियमित रूप से लोन वेवर पोर्टल के डेशबोर्ड द्वारा मोनेटरिंग करें।
जहां कहीं भी मानव संसाधन की आवश्यकता है तो उसे उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाकर उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करें। जिला कलक्टर को निर्देश दिये कि स्वयं के स्तर से जिले के सभी पैक्स कर्मियों को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान करें ताकि योजना का तय समय में क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।
रजिस्ट्रार, सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन ने कहा कि किसान का अधिप्रमाणन शीघ्र हो इसके लिये उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, पटवारी एवं ग्राम सेवक किसानों को जागरूक करने का कार्य करे। इसके लिये जिला कलक्टर संबंधित को निर्देशित करें। उन्होंने कहा कि किसानों के ऋण माफी आवेदन में शुद्धता के साथ अपलोड की कार्यवाही में जिला प्रशासन लगातार मोनेटरिंग कर उनका रेण्डम चैक भी करते रहें।
उन्होंने सहकारिता के अधिकारियों को निर्देश दिये कि ब्रान्च मैनेजर लम्बित कार्यों को पूरा करें एवं जिन किसानों ने ई-मित्र केन्द्रों पर जाकर निःशुल्क बायोमैट्रिक सत्यापन कर लिया है, उनके ऋण माफी प्रमाण-पत्र जारी करें।
लघु सीमान्त कृषक पोर्टल पर 21 हजार किसानों ने किया आवेदन
राज्य के 21 हजार किसानों ने दो दिन में लघु सीमान्त कृषक सेवा पोर्टल पर पंजीयन करवा लिया है। किसान ई-मित्र केन्द्र पर आधार, जमाबन्दी एवं बैंक खाते की जानकारी के साथ जाकर कृषक सेवा पोर्टल पर पंजीयन करावें।
उन्होंने बताया कि प्रदेश की 314 तहसीलों में से 80 ऑनलाइन तहसीलों के पटवारियों को मोबाइल एप से जोड़ा गया है, ताकि किसान के आवेदन की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा कर डेटा को अपलोड किया जा सके। उन्होंने सभी जिला कलक्टर को निर्देश दिये कि किसानों को जागरूक करें एवं आवेदन की प्रक्रिया में तेजी लायें।
रजिस्ट्रार, सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन ने राज्य, जिला एवं ब्लॉक लेवल पर लाइव कार्यक्रम में लाभार्थी किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये कृषि, सहकारिता एवं जिला प्रशासन के अधिकारी आपस में समन्वय करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि किसी किसान की राज्य में अलग-अलग स्थानों पर भूमि है तो वह यदि दो हैक्टयर भूमि तक की पात्रता की श्रेणी मे आता है तो वह किसान आवेदन करते समय उल्लेख कर योजना का लाभ ले सकेगा।
सूचना प्रौद्योगिकी आयुक्त अम्बरीश कुमार ने बताया कि पांच लाख किसानों को एसएमएस भेजकर ई-मित्र पर आवेदन के लिये सूचित किया गया है और तीन दिन के भीतर 90 लाख किसानों को भी उनके मोबाइल नम्बर पर एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पात्र किसान को तीन किश्त के रूप में कुल 6 हजार रुपये मिलेंगे।
शासन सचिवालय में गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला कलक्टर के साथ प्रदेश में लागू की गई ऋण माफी योजना की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि किसानों के डेटा अपलोड में शीघ्रता लायें ताकि पात्र किसानों को मिलने वाले ऋण माफी प्रमाण-पत्र के माध्यम से उनकी ऋण माफी राशि को सुनिश्चित किया जा सके।
जयपुर, जोधपुर, चित्तौड, नागौर एवं झालावाड़ जिलों के कलक्टर एवं सहकारिता के अधिकारियों को निर्देश दिये कि लम्बित आवेदन एवं आधार अधिप्रमाणन से शेष रहे किसानों की प्रक्रिया को शीघ्रता से सम्पन्न करावें। सभी जिला कलक्टर को निर्देशित करते हुए कहा कि नियमित रूप से लोन वेवर पोर्टल के डेशबोर्ड द्वारा मोनेटरिंग करें।
जहां कहीं भी मानव संसाधन की आवश्यकता है तो उसे उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाकर उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करें। जिला कलक्टर को निर्देश दिये कि स्वयं के स्तर से जिले के सभी पैक्स कर्मियों को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान करें ताकि योजना का तय समय में क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।
रजिस्ट्रार, सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन ने कहा कि किसान का अधिप्रमाणन शीघ्र हो इसके लिये उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, पटवारी एवं ग्राम सेवक किसानों को जागरूक करने का कार्य करे। इसके लिये जिला कलक्टर संबंधित को निर्देशित करें। उन्होंने कहा कि किसानों के ऋण माफी आवेदन में शुद्धता के साथ अपलोड की कार्यवाही में जिला प्रशासन लगातार मोनेटरिंग कर उनका रेण्डम चैक भी करते रहें।
उन्होंने सहकारिता के अधिकारियों को निर्देश दिये कि ब्रान्च मैनेजर लम्बित कार्यों को पूरा करें एवं जिन किसानों ने ई-मित्र केन्द्रों पर जाकर निःशुल्क बायोमैट्रिक सत्यापन कर लिया है, उनके ऋण माफी प्रमाण-पत्र जारी करें।
लघु सीमान्त कृषक पोर्टल पर 21 हजार किसानों ने किया आवेदन
राज्य के 21 हजार किसानों ने दो दिन में लघु सीमान्त कृषक सेवा पोर्टल पर पंजीयन करवा लिया है। किसान ई-मित्र केन्द्र पर आधार, जमाबन्दी एवं बैंक खाते की जानकारी के साथ जाकर कृषक सेवा पोर्टल पर पंजीयन करावें।
उन्होंने बताया कि प्रदेश की 314 तहसीलों में से 80 ऑनलाइन तहसीलों के पटवारियों को मोबाइल एप से जोड़ा गया है, ताकि किसान के आवेदन की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा कर डेटा को अपलोड किया जा सके। उन्होंने सभी जिला कलक्टर को निर्देश दिये कि किसानों को जागरूक करें एवं आवेदन की प्रक्रिया में तेजी लायें।
रजिस्ट्रार, सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन ने राज्य, जिला एवं ब्लॉक लेवल पर लाइव कार्यक्रम में लाभार्थी किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये कृषि, सहकारिता एवं जिला प्रशासन के अधिकारी आपस में समन्वय करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि किसी किसान की राज्य में अलग-अलग स्थानों पर भूमि है तो वह यदि दो हैक्टयर भूमि तक की पात्रता की श्रेणी मे आता है तो वह किसान आवेदन करते समय उल्लेख कर योजना का लाभ ले सकेगा।
सूचना प्रौद्योगिकी आयुक्त अम्बरीश कुमार ने बताया कि पांच लाख किसानों को एसएमएस भेजकर ई-मित्र पर आवेदन के लिये सूचित किया गया है और तीन दिन के भीतर 90 लाख किसानों को भी उनके मोबाइल नम्बर पर एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पात्र किसान को तीन किश्त के रूप में कुल 6 हजार रुपये मिलेंगे।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
जयपुर
राजस्थान से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement