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केंद्र ने स्वां तटीकरण का चलता प्रोजेक्ट रोक दियाः अग्निहोत्री
ऊना (ममता भनोट)। उद्योग
मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने स्वां तटीकरण को लेकर केंद्र सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने
का आरोप लगाते हुए कहा है कि पंजाब पर तो मेहरबानी दिखाई जा रही है, जबकि हिमाचल
प्रदेश का हक मारते हुए एक चलता हुआ प्रोजेक्ट रोक दिया गया। आज यहां मीडिया
कर्मियों से बातचीत करते हुए उद्योग मंत्री ने कहा कि देश के लोकतांत्रिक इतिहास
में ऐसा संभवतः पहली बार हुआ है कि किसी प्रोजेक्ट को अधबीच रोककर जनता के हितों
की बलि चढ़ा दी गई हो।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लगातार की गई जोरदार पैरवी के चलते पूर्व यूपीए सरकार ने ऊना जिला में स्वां नदी के तटीकरण के लिए 922 करोड रुपए का प्रोजेक्ट मंजूर किया था। इस प्रोजेक्ट पर तेजी से कार्य चल रहा था, लेकिन केंद्र ने सौतेला रवैया दर्शाते हुए इस प्रोजेक्ट की फंडिंग रोक रखी है, जिससे मार्च, 2017 में पूरा होने वाला यह प्रोजेक्ट अधर में लटक गया है। उद्योग मंत्री ने कहा की 922 करोड रुपये के इस प्रोजेक्ट पर 80 फीसदी राशि केंद्र द्वारा वहन की जानी थी, जबकि 20 प्रतिशत हिमाचल प्रदेश का शेयर था। हिमाचल प्रदेश में अपने शेअर से अधिक 215 करोड रुपये इस प्रोजेक्ट पर खर्च कर दिए हैं, जबकि केंद्र द्वारा अब तक सिर्फ 190 करोड रुपये की राशि जारी की गई है।
उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के 520 करोड की राशि अभी तक केंद्र ने दबा कर रखी हुई है, जबकि दूसरी तरफ बाथड़ी से आगे जहां पंजाब की सीमा शुरू होती है, वहां से आनंदपुर साहिब तक स्वां नदी के तटीकरण के लिए केंद्र ने पंजाब सरकार को 280 करोड रुपये की राशि मंजूर कर दी है। उन्होंने इस बात पर हैरानी जाहिर की कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के साथ पंजाब के अधिकारियों की बैठक 22 नवंबर को होती है और 23 नवंबर को केंद्र द्वारा आनन फानन में पंजाब को 280 करोड रुपये जारी कर दिए जाते हैं।
उद्योग मंत्री ने कहा कि स्वां तटीयकरण प्रोजेक्ट जनता से जुड़ा हुआ प्रोजेक्ट है और इसे समय सीमा के भीतर पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा नीति आयोग और जल आयोग से भी बराबर मामला उठाया गया, लेकिन हर बार केंद्र द्वारा इस बारे उदासीन रवैया अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती के पास कई बार इस प्रोजेक्ट को लेकर फाइल प्रस्तुत की गई, लेकिन उनके द्वारा भी बार-बार इस फाईल को लंबित रखा जा रहा है। उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट के तहत केन्द्र को 224.35 करोड़ के क्लेम भेजे गए थे, जिसमें से वर्ष 2015 -2016 में सिर्फ 26 करोड़ पर केंद्र द्वारा रिलीज किए गए। इस साल माननीय उच्च न्यायालय के दखल के बाद सिर्फ 50 करोड रुपये जारी किए गए और अभी तक 126 करोड़ की राशि जारी नहीं की गई है। उन्होंने कहा इस प्रोजेक्ट में ठेकेदारों की 50 करोड़ की देनदारियां हैं, लेकिन यह पैसा नहीं दिया जा रहा और इस पर केन्द्र कुंडली मारकर बैठ गया है।
उन्होंने कहा कि टाहलीवाल से बाथड़ी तक तटीकरण के लिए 46 करोड़ 80 लाख का प्रोजेक्ट भारत सरकार ने मई 2015 में मंजूर किया था, लेकिन आज दिन तक इसका एक भी पैसा नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर एमरजेंसी में इस प्रोजेक्ट पर हम काम नहीं करते तो इस क्षेत्र में स्वां खड्ड कहर मचा सकती थी। उन्होंने कहा इस प्रोजेक्ट के तहत मार्च, 2017 तक स्वां की 55 प्रमुख खड्डें चैनेलाईज की जानी थीं, जिनमें से अभी तक 19 खडडों में ही तटीयकरण का काम हो पाया है जबकि 36 खडडों के तटीयकरण का काम होना बाकी है।
उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तटीयकरण के बाद उना जिला देश का पहला ऐसा जिला बनने का गौरव हासिल कर लेता, जिसकी सभी खड्डें तटीयकरण हो जाने से यहां के लोग बाढ़ के खौफ से पूरी तरह मुक्त हो जाते और यह जिला पूरे प्रदेश की अन्न जरूरतों को पूरा कर देता। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को अधबीच रोककर केन्द्र ने जनता के विश्वास से कुठाराघात किया है।
खास खबर Exclusive : लुटेरे की इस गैंग के शातिर तरीके से अफसर भी खा गए धोखा
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लगातार की गई जोरदार पैरवी के चलते पूर्व यूपीए सरकार ने ऊना जिला में स्वां नदी के तटीकरण के लिए 922 करोड रुपए का प्रोजेक्ट मंजूर किया था। इस प्रोजेक्ट पर तेजी से कार्य चल रहा था, लेकिन केंद्र ने सौतेला रवैया दर्शाते हुए इस प्रोजेक्ट की फंडिंग रोक रखी है, जिससे मार्च, 2017 में पूरा होने वाला यह प्रोजेक्ट अधर में लटक गया है। उद्योग मंत्री ने कहा की 922 करोड रुपये के इस प्रोजेक्ट पर 80 फीसदी राशि केंद्र द्वारा वहन की जानी थी, जबकि 20 प्रतिशत हिमाचल प्रदेश का शेयर था। हिमाचल प्रदेश में अपने शेअर से अधिक 215 करोड रुपये इस प्रोजेक्ट पर खर्च कर दिए हैं, जबकि केंद्र द्वारा अब तक सिर्फ 190 करोड रुपये की राशि जारी की गई है।
उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के 520 करोड की राशि अभी तक केंद्र ने दबा कर रखी हुई है, जबकि दूसरी तरफ बाथड़ी से आगे जहां पंजाब की सीमा शुरू होती है, वहां से आनंदपुर साहिब तक स्वां नदी के तटीकरण के लिए केंद्र ने पंजाब सरकार को 280 करोड रुपये की राशि मंजूर कर दी है। उन्होंने इस बात पर हैरानी जाहिर की कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के साथ पंजाब के अधिकारियों की बैठक 22 नवंबर को होती है और 23 नवंबर को केंद्र द्वारा आनन फानन में पंजाब को 280 करोड रुपये जारी कर दिए जाते हैं।
उद्योग मंत्री ने कहा कि स्वां तटीयकरण प्रोजेक्ट जनता से जुड़ा हुआ प्रोजेक्ट है और इसे समय सीमा के भीतर पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा नीति आयोग और जल आयोग से भी बराबर मामला उठाया गया, लेकिन हर बार केंद्र द्वारा इस बारे उदासीन रवैया अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती के पास कई बार इस प्रोजेक्ट को लेकर फाइल प्रस्तुत की गई, लेकिन उनके द्वारा भी बार-बार इस फाईल को लंबित रखा जा रहा है। उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट के तहत केन्द्र को 224.35 करोड़ के क्लेम भेजे गए थे, जिसमें से वर्ष 2015 -2016 में सिर्फ 26 करोड़ पर केंद्र द्वारा रिलीज किए गए। इस साल माननीय उच्च न्यायालय के दखल के बाद सिर्फ 50 करोड रुपये जारी किए गए और अभी तक 126 करोड़ की राशि जारी नहीं की गई है। उन्होंने कहा इस प्रोजेक्ट में ठेकेदारों की 50 करोड़ की देनदारियां हैं, लेकिन यह पैसा नहीं दिया जा रहा और इस पर केन्द्र कुंडली मारकर बैठ गया है।
उन्होंने कहा कि टाहलीवाल से बाथड़ी तक तटीकरण के लिए 46 करोड़ 80 लाख का प्रोजेक्ट भारत सरकार ने मई 2015 में मंजूर किया था, लेकिन आज दिन तक इसका एक भी पैसा नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर एमरजेंसी में इस प्रोजेक्ट पर हम काम नहीं करते तो इस क्षेत्र में स्वां खड्ड कहर मचा सकती थी। उन्होंने कहा इस प्रोजेक्ट के तहत मार्च, 2017 तक स्वां की 55 प्रमुख खड्डें चैनेलाईज की जानी थीं, जिनमें से अभी तक 19 खडडों में ही तटीयकरण का काम हो पाया है जबकि 36 खडडों के तटीयकरण का काम होना बाकी है।
उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तटीयकरण के बाद उना जिला देश का पहला ऐसा जिला बनने का गौरव हासिल कर लेता, जिसकी सभी खड्डें तटीयकरण हो जाने से यहां के लोग बाढ़ के खौफ से पूरी तरह मुक्त हो जाते और यह जिला पूरे प्रदेश की अन्न जरूरतों को पूरा कर देता। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को अधबीच रोककर केन्द्र ने जनता के विश्वास से कुठाराघात किया है।
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