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केंद्र के कृषि कानून अर्थव्यवस्था को तबाह कर देंगे : कमल नाथ
इंदौर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमल नाथ ने केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को 'देश की अर्थव्यवस्था को तबाह करने वाला' बताया है। इंदौर के देपालपुर में आयोजित किसानों के समर्थन में आयोजित रैली में हिस्सा लेने जाते समय रहे पूर्व मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि भोपाल में शनिवार को शिवराज सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन ने किसानों की आवाज को कुचलने का प्रयास किया। किसानों पर, महिलाओं पर, कांग्रेसजनों पर बर्बर तरीके से लाठीचार्ज किया गया।
उन्होंने कहा, "भाजपा यह समझ नहीं रही है कि देश का सबसे बड़ा वर्ग किसान वर्ग है और जिस प्रकार से इन काले कानूनों के माध्यम से कृषि क्षेत्र का निजीकरण करने का प्रयास किया जा रहा है, उससे हमारे देश, प्रदेश की अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी। ये कानून हमारी आर्थिक गतिविधि को समाप्त कर देंगे, चौपट कर देंगे। इसलिए दिल्ली की सीमाओं पर लाखों किसान इन काले कानूनों के विरोध में कड़ाके की ठंड में आंदोलन कर रहे हैं और हम उनका समर्थन कर रहे हैं।"
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवराज और भाजपा के पास कहने को कुछ नहीं बचा है, इसलिए ये किसानों को किसान नहीं मान रहे हैं। आज इनका ध्यान शराब की दुकानें बढ़ाने पर है। महिलाओं पर आज सबसे ज्यादा अत्याचार बढ़ रहा है। प्रदेश में रोज दरिंदगी की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन उस दिशा में इनका ध्यान नहीं है। सबसे ज्यादा बेरोजगारी मध्यप्रदेश में है और महिलाओं पर अत्याचार भी सबसे ज्यादा इसी प्रदेश में हो रहा है।
--आईएएनएस
उन्होंने कहा, "भाजपा यह समझ नहीं रही है कि देश का सबसे बड़ा वर्ग किसान वर्ग है और जिस प्रकार से इन काले कानूनों के माध्यम से कृषि क्षेत्र का निजीकरण करने का प्रयास किया जा रहा है, उससे हमारे देश, प्रदेश की अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी। ये कानून हमारी आर्थिक गतिविधि को समाप्त कर देंगे, चौपट कर देंगे। इसलिए दिल्ली की सीमाओं पर लाखों किसान इन काले कानूनों के विरोध में कड़ाके की ठंड में आंदोलन कर रहे हैं और हम उनका समर्थन कर रहे हैं।"
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवराज और भाजपा के पास कहने को कुछ नहीं बचा है, इसलिए ये किसानों को किसान नहीं मान रहे हैं। आज इनका ध्यान शराब की दुकानें बढ़ाने पर है। महिलाओं पर आज सबसे ज्यादा अत्याचार बढ़ रहा है। प्रदेश में रोज दरिंदगी की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन उस दिशा में इनका ध्यान नहीं है। सबसे ज्यादा बेरोजगारी मध्यप्रदेश में है और महिलाओं पर अत्याचार भी सबसे ज्यादा इसी प्रदेश में हो रहा है।
--आईएएनएस
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