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आपसी सहमति से दस उद्यमों के प्रकरण निस्तारित , एक अवार्ड जारी
जयपुर । प्रदेश की उद्योग आयुक्त मुक्तानन्द अग्रवाल की अध्यक्षता में बुधवार को राजस्थान सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद की बैठक में प्रदेश के 10 लघु उद्योगों और भुगतानकर्ताओं के बीच आपसी सहमति से भुगतान का निर्णय करते हुए लंबे समय से चले आ रहे लाखों रुपयों के बकाया भुगतान विवादों का निस्तारण कर बड़ी राहत दी गई है। बैठक में परिषद के सदस्य राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक एमएस महनोत, अतिरिक्त निदेशक उद्योग अविन्द्र लढ़डा ने भी हिस्सा लिया।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के एमएसएमईडी एक्ट 2006 के प्रावधानों के अनुसार सूक्ष्य एवं लघु उद्योगों से सामान प्राप्त करने वाले उद्योगों या संस्था को राशि का भुगतान 45 दिन मंे किया जाना जरुरी है। भुगतान नहीं होने की स्थिति में संबंधित पक्ष उद्योग आयुक्त की अध्यक्षता में गठित सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद में ऑनलाईन वाद प्रस्तुत कर राहत प्राप्त कर सकते हैं। एमएसएमईडी एक्ट 2006 के प्रावधानों के अनुसार 45 दिन में भुगतान नहीं करने वाले पक्ष को मूलधन एवं विलंबित अवधि की बैंक ब्याज दर की 3 गुणा दर से ब्याज का भुगतान करना होता है।
उद्योग आयुक्त मुक्तानन्द अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित सुविधा परिषद् की बैठक में मैंसर्स पिंकसिटी केमिकल्स जैतपुरा के पक्ष में अवार्ड जारी किया गया। बैठक में 20 प्रकरणांें पर सुनवाई की गई। जयपुर, जोधपुर और अजमेर विद्युत वितरण निगमों के प्रतिनिधियों को 30 दिन का समय देते हुए संबंधित प्रकरणों के निस्तारण के लिए ठोस प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा। संयुक्त निदेषक व प्रभारी वाई एन माथुर ने सभी 20 प्रकरण विस्तार से प्रस्तुत करते हुए प्रावधानों की जानकारी दी।
अग्रव्राल ने बताया कि सूूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के विलंबित भुगतानों से संबंधित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए राज्य में अब एक की जगह चार सूक्ष्म एवं लघु परिषदों का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक एक ही सुविधा परिषद होने से उद्यमियों के प्रकरणों पर सुनवाई कर निस्तारण करने में लंबा समय लग जाता था।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के एमएसएमईडी एक्ट 2006 के प्रावधानों के अनुसार सूक्ष्य एवं लघु उद्योगों से सामान प्राप्त करने वाले उद्योगों या संस्था को राशि का भुगतान 45 दिन मंे किया जाना जरुरी है। भुगतान नहीं होने की स्थिति में संबंधित पक्ष उद्योग आयुक्त की अध्यक्षता में गठित सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद में ऑनलाईन वाद प्रस्तुत कर राहत प्राप्त कर सकते हैं। एमएसएमईडी एक्ट 2006 के प्रावधानों के अनुसार 45 दिन में भुगतान नहीं करने वाले पक्ष को मूलधन एवं विलंबित अवधि की बैंक ब्याज दर की 3 गुणा दर से ब्याज का भुगतान करना होता है।
उद्योग आयुक्त मुक्तानन्द अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित सुविधा परिषद् की बैठक में मैंसर्स पिंकसिटी केमिकल्स जैतपुरा के पक्ष में अवार्ड जारी किया गया। बैठक में 20 प्रकरणांें पर सुनवाई की गई। जयपुर, जोधपुर और अजमेर विद्युत वितरण निगमों के प्रतिनिधियों को 30 दिन का समय देते हुए संबंधित प्रकरणों के निस्तारण के लिए ठोस प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा। संयुक्त निदेषक व प्रभारी वाई एन माथुर ने सभी 20 प्रकरण विस्तार से प्रस्तुत करते हुए प्रावधानों की जानकारी दी।
अग्रव्राल ने बताया कि सूूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के विलंबित भुगतानों से संबंधित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए राज्य में अब एक की जगह चार सूक्ष्म एवं लघु परिषदों का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक एक ही सुविधा परिषद होने से उद्यमियों के प्रकरणों पर सुनवाई कर निस्तारण करने में लंबा समय लग जाता था।
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