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राजस्थान विधानसभा में उठा निजी विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्री का मामला
सत्येंद्र शुक्ला
जयपुर । राजस्थान विधानसभा में प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों की तरफ से जारी फर्जी डिग्रियों का मामला एक बार फिर गूंजा। इससे पहले भी यह मामला राजस्थान विधानसभा में उठ चुका है, लेकिन अभी तक प्रदेश की 10 निजी यूनिवर्सिटी के खिलाफ जांच ही चल रही है और वहीं राज्य सरकार कोई ठोस कानून नहीं होने की वजह से इन निजी यूनिवर्सिटी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकी है।
विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में बताया गया कि जोधपुर नेशनल विश्वविद्यालय जोधपुर द्वारा सर्विस प्रोवाईडर्स के माध्यम से 25003 फर्जी डिग्रीयां/अंकतालिकायें जारी करने का प्रकरण 2014 में एसओजी पुलिस ने दर्ज किया था। इस मामले में सरकार ने प्रभावी कार्यवाही करते हुए आदेश दिनांक 24.11.15 द्वारा विश्वविद्यालय का परिसमापन करते हुये विश्वविद्यालय में प्रशासक नियुक्त किया गया था।विधानसभा में जवाब दिया गया कि प्रदेश के कुछ अन्य निजी विश्वविद्यालयों द्वारा भी फर्जी डिग्रियां जारी करने/अनियमितता के प्रकरण समय-समय पर विभाग की जानकारी में आए हैं।
जवाब में बताया गया है कि सिरोही के माधव विश्वविद्यालय के खिलाफ फर्जी डिग्री बांटने और बैक डेट में डिग्री बांटने की शिकायत हुई थी। इस मामले में शिकायत के बाद एक कमेटी गठित की गई और कमेटी ने जांच के बाद विश्वविद्यालय को कमियां दूर करने का मौका दिया। इस मामले में विवि की तरफ से कमियां दूर करने के बाद जांच बंद कर दी गई है।
जयपुर । राजस्थान विधानसभा में प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों की तरफ से जारी फर्जी डिग्रियों का मामला एक बार फिर गूंजा। इससे पहले भी यह मामला राजस्थान विधानसभा में उठ चुका है, लेकिन अभी तक प्रदेश की 10 निजी यूनिवर्सिटी के खिलाफ जांच ही चल रही है और वहीं राज्य सरकार कोई ठोस कानून नहीं होने की वजह से इन निजी यूनिवर्सिटी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकी है।
विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में बताया गया कि जोधपुर नेशनल विश्वविद्यालय जोधपुर द्वारा सर्विस प्रोवाईडर्स के माध्यम से 25003 फर्जी डिग्रीयां/अंकतालिकायें जारी करने का प्रकरण 2014 में एसओजी पुलिस ने दर्ज किया था। इस मामले में सरकार ने प्रभावी कार्यवाही करते हुए आदेश दिनांक 24.11.15 द्वारा विश्वविद्यालय का परिसमापन करते हुये विश्वविद्यालय में प्रशासक नियुक्त किया गया था।विधानसभा में जवाब दिया गया कि प्रदेश के कुछ अन्य निजी विश्वविद्यालयों द्वारा भी फर्जी डिग्रियां जारी करने/अनियमितता के प्रकरण समय-समय पर विभाग की जानकारी में आए हैं।
जवाब में बताया गया है कि सिरोही के माधव विश्वविद्यालय के खिलाफ फर्जी डिग्री बांटने और बैक डेट में डिग्री बांटने की शिकायत हुई थी। इस मामले में शिकायत के बाद एक कमेटी गठित की गई और कमेटी ने जांच के बाद विश्वविद्यालय को कमियां दूर करने का मौका दिया। इस मामले में विवि की तरफ से कमियां दूर करने के बाद जांच बंद कर दी गई है।
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