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सवाई माधोपुर : बनास नदी में पुल से गिरी बस, 33 लोगों की मौत
सवाई माधोपुर। सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर थाना क्षेत्र के लालसोट- कोटा मेगा हाईवे के बनास पर बने पुल से सुबह 6:30 बजे बस नदी में गिर गई। हादसे में 33 यात्रियों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि ज्यादातर मृतक मध्यप्रदेश, बिहार, मेरठ और मुरादाबाद के रहने वाले हैं। बस सवार मलारना चौड़ बाबा रामदेव आश्रम के दर्शन
करने के लिए जा रहे थे।
सवाई माधोपुर से एक निजी बस करीब 40 सवारियों को लेकर लालसोट जा रही थी। बनास पुल पर अचानक दूसरे वाहन को ओवरटेक करने के प्रयास में अनियंत्रित होकर रेलिंग तोड़ती हुई बस नदी में जा गिरी। हादसे की सूचना जिलेभर में आग की तरह फैल गई। जिला कलेक्टर के.सी वर्मा, SP मामन सिंह सहित आधा दर्जन से अधिक पुलिस थानों का जाब्ता, मेडिकल टीम, एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंची और गोताखोरों की मदद से राहत और बचाव कार्य शुरू किया।
हादसे में पुलिस के जवान और गोताखोरों ने पानी में ढूंढ कर पहले 33 शवों को बाहर निकाला। मृतकों में तीन बच्चियां, जिनकी उम्र एक, दो और 10 साल है। इनकी शिनाख्त नहीं हो सकी है।
मौके पर क्रेन की सहायता से क्षतिग्रस्त बस को बनास नदी से बाहर निकाला गया। जिसमें आधा दर्जन और मृतकों के शव निकाले गए। हादसे में कुल 33 लोगों की मौत हो गई और 7 लोग गंभीर घायल हुए हैं, जिनका सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते निजी अस्पतालों में उपचार चल रहा है। सवाई माधोपुर जिला अस्पताल की मोर्चरी में शव रखवाए गए हैं।
बचाव कार्य में पीछे नहीं रहे ग्रामीण
उधर घटना के बाद मौके पर हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई स्थानीय लोग भी राहत और बचाव कार्य में पीछे नहीं रहे। ग्रामीणों ने पुलिस और गोताखोरों की टीम के साथ बनास नदी में मृतक और घायलों को बाहर निकाला।
उधर हादसे को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि नाबालिग ड्राइवर बस को चला रहा था। जिससे यह हादसा हुआ है। प्रशासन ऐसे नाबालिग चालकों पर कार्रवाई नहीं करता, जिसके चलते आज 33 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
उधर घटना के बाद जिला प्रभारी मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, संसदीय सचिव जितेंद्र गोठवाल, गंगापुर सिटी विधायक मानसिंह गुर्जर, नमोनारायण मीना व अन्य जनप्रतिनिधियों ने घटनास्थल का मौका मुआयना किया। संभागीय आयुक्त सुबीर कुमार ने भी मौके पर पहुच कर घटना स्थल का जायजा लिया।
सवाई माधोपुर से एक निजी बस करीब 40 सवारियों को लेकर लालसोट जा रही थी। बनास पुल पर अचानक दूसरे वाहन को ओवरटेक करने के प्रयास में अनियंत्रित होकर रेलिंग तोड़ती हुई बस नदी में जा गिरी। हादसे की सूचना जिलेभर में आग की तरह फैल गई। जिला कलेक्टर के.सी वर्मा, SP मामन सिंह सहित आधा दर्जन से अधिक पुलिस थानों का जाब्ता, मेडिकल टीम, एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंची और गोताखोरों की मदद से राहत और बचाव कार्य शुरू किया।
हादसे में पुलिस के जवान और गोताखोरों ने पानी में ढूंढ कर पहले 33 शवों को बाहर निकाला। मृतकों में तीन बच्चियां, जिनकी उम्र एक, दो और 10 साल है। इनकी शिनाख्त नहीं हो सकी है।
मौके पर क्रेन की सहायता से क्षतिग्रस्त बस को बनास नदी से बाहर निकाला गया। जिसमें आधा दर्जन और मृतकों के शव निकाले गए। हादसे में कुल 33 लोगों की मौत हो गई और 7 लोग गंभीर घायल हुए हैं, जिनका सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते निजी अस्पतालों में उपचार चल रहा है। सवाई माधोपुर जिला अस्पताल की मोर्चरी में शव रखवाए गए हैं।
बचाव कार्य में पीछे नहीं रहे ग्रामीण
उधर घटना के बाद मौके पर हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई स्थानीय लोग भी राहत और बचाव कार्य में पीछे नहीं रहे। ग्रामीणों ने पुलिस और गोताखोरों की टीम के साथ बनास नदी में मृतक और घायलों को बाहर निकाला।
उधर हादसे को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि नाबालिग ड्राइवर बस को चला रहा था। जिससे यह हादसा हुआ है। प्रशासन ऐसे नाबालिग चालकों पर कार्रवाई नहीं करता, जिसके चलते आज 33 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
उधर घटना के बाद जिला प्रभारी मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, संसदीय सचिव जितेंद्र गोठवाल, गंगापुर सिटी विधायक मानसिंह गुर्जर, नमोनारायण मीना व अन्य जनप्रतिनिधियों ने घटनास्थल का मौका मुआयना किया। संभागीय आयुक्त सुबीर कुमार ने भी मौके पर पहुच कर घटना स्थल का जायजा लिया।
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