Bundelkhand farmers write latter to Yogi with blood-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Apr 20, 2024 5:25 pm
Location
Advertisement

बुंदेलखंड के किसानों ने योगी को खून से खत लिखा

khaskhabar.com : शनिवार, 21 अप्रैल 2018 6:11 PM (IST)
बुंदेलखंड के किसानों ने योगी को खून से खत लिखा
बांदा । उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड के किसान बांदा जिला मुख्यालय में लघु एवं सीमांत कृषि भूमि का दायरा बढ़ाने की मांग को लेकर 45 दिनों से धरना दे रहे हैं, लेकिन केंद्र या राज्य सरकार ने अब तक उनकी सुध नहीं ली है। लिहाजा, अन्नदाताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने खून से खत लिखा है।



पिछले तीन दशकों से प्राकृतिक आपदा और सूखे का दंश झेल रहे किसान 'बुंदेलखंड किसान यूनियन' के बैनर तले डेढ़ महीने से यहां के ऐतिहासिक अशोक लॉट तिराहे पर धरना दे रहे हैं। किसानों के प्रतिनिधि लखनऊ जाकर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिले, फिर भी किसी अधिकारी तक ने सुध नहीं ली है।

धरना दे रहे किसान अब तक आंदोलन की कड़ी में जल सत्याग्रह, पदयात्रा और सिर-मुंडन भी करा चुके हैं, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से उन्हें अभी तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। आंदोलनरत किसान अब 'मरते क्या न करते' की स्थिति से गुजर रहे हैं, लिहाजा बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा की अगुआई में किसानों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी को संबोधित अपने खून से दो पन्नों का खत लिखा है।

यूनियन के अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने खत की प्रति शनिवार को मीडिया को जारी करते हुए बताया, "पिछले तीन दशक से दैवीय आपदा और सूखे के अलावा 'कर्ज' और 'मर्ज' का दंश झेल रहे बुंदेलखंड के किसान खेती से सिफ एक ही फसल ले पाता है।"

उन्होंने कहा, "लघु एवं सीमांत किसानों का दायरा इस समय सरकारी आंकड़ों में सिर्फ दो हेक्टेयर का है। इसे पांच हेक्टेयर तक बढ़ाने की मांग को लेकर 45 दिनों से धरना दे रहे हैं, अब किसानों ने अपने खून से खत इसलिए मुख्यमंत्री को लिखा है कि शायद किसान हितैषी होने दंभ भरने वाली केंद्र व राज्य सरकार को तरस आ जाए।"

खून से लिखे खत में लघु एवं सीमांत कृषि भूमि का दायरा बढ़ाने का तर्क भी दिया गया है। खत में लिखा गया है- "उप्र अधिकतम जोत सीमा आरोपण अधिनियम-1960 की धारा-4 की उपधारा-2क में बुंदेलखंड की कृषि भूमि को अन्य जनपदों की अपेक्षा ढाईगुना कम आंका गया है, अर्थात अन्य जनपदों की एक हक्टेयर भूमि की गणना बुंदेलखंड के ढाई हेक्टेयर भूमि के बराबर है, इस लिहाज से मानक भी दोगुना किया जाना किसान हित में होगा।"

उधर, अपर जिलाधिकारी गंगाराम गुप्ता ने शनिवार को बताया कि किसानों की मांगें शासन स्तर की हैं, जिन्हें शासन तक भेज दिया गया है। जिला स्तर से संबंधित कोई मांग नहीं है।"

--आईएएनएस

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar UP Facebook Page:
Advertisement
Advertisement