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Jammu and Kashmir: अनुच्छेद 35ए क्या 15 अगस्त से पहले खत्म होगा?
घाटी में शिकंजा कसने की खबरें फैलने के बाद एटीएम स्टोरों और
पेट्रॉल पंपों पर भीड़ उमड़ आई है। जहां प्रशासन अचानक योजनाएं बना रहा
है, उन पर चर्चा कर रहा है और उन्हें फिर से तैयार कर रहा है, वहीं घाटी
में आम आदमी खुद को प्रशासनिक और सुरक्षा बंदोबस्तों के अनुकूल ढालने की
कोशिश कर रहा है। किसी को नहीं पता कि क्या होने वाला है। फिर भी, किसी को
संदेह नहीं कि कुछ बड़ा होने वाला है।
इस बीच, जो यह कहते थे कि इस राज्य के विशेष दर्जे को बदलने के विचार से केंद्र भी खिलवाड़ नहीं कर सकता, वे भी चकित हैं। राज्य प्रशासन और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर अभ्यास करने के बीच कश्मीरियों ने लंबे समय तक कर्फ्यू लगे रहने की शंका के कारण जरूरी सामान जुटाने व अन्य तैयारियां शुरू कर दी हैं।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक और उनके सलाहकारों ने सोशल मीडिया पर चल रही खबरों को अफवाहें और झूठे सरकारी आदेश बताते हुए उन्हें बकवास बताया है। मलिक ने दो दिन पहले मीडिया से कहा था कि कश्मीर में हमेशा से अफवाहें फैलती रही हैं। अगर लाल चौक पर किसी को छींक भी आ जाए, तो राजभवन में मुझे बताया जाता है कि वहां विस्फोट हो गया। बाकी आप निश्चिंत रहें, सब सही और सामान्य है। उन्होंने इसके बाद कहा था कि अनुच्छेद 35ए को निरस्त करने की किसी भी स्तर पर कोई योजना नहीं है। यह अनुच्छेद राज्य की विधायिका को राज्य के स्थायी निवासी को परिभाषित करने की अनुमति देता है। राज्य प्रशासन मानता है कि राज्यपाल का यह बयान अफवाहों को खत्म करने के लिए पर्याप्त है।
इस बीच, जो यह कहते थे कि इस राज्य के विशेष दर्जे को बदलने के विचार से केंद्र भी खिलवाड़ नहीं कर सकता, वे भी चकित हैं। राज्य प्रशासन और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर अभ्यास करने के बीच कश्मीरियों ने लंबे समय तक कर्फ्यू लगे रहने की शंका के कारण जरूरी सामान जुटाने व अन्य तैयारियां शुरू कर दी हैं।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक और उनके सलाहकारों ने सोशल मीडिया पर चल रही खबरों को अफवाहें और झूठे सरकारी आदेश बताते हुए उन्हें बकवास बताया है। मलिक ने दो दिन पहले मीडिया से कहा था कि कश्मीर में हमेशा से अफवाहें फैलती रही हैं। अगर लाल चौक पर किसी को छींक भी आ जाए, तो राजभवन में मुझे बताया जाता है कि वहां विस्फोट हो गया। बाकी आप निश्चिंत रहें, सब सही और सामान्य है। उन्होंने इसके बाद कहा था कि अनुच्छेद 35ए को निरस्त करने की किसी भी स्तर पर कोई योजना नहीं है। यह अनुच्छेद राज्य की विधायिका को राज्य के स्थायी निवासी को परिभाषित करने की अनुमति देता है। राज्य प्रशासन मानता है कि राज्यपाल का यह बयान अफवाहों को खत्म करने के लिए पर्याप्त है।
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