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पहले बेरहमी से पीटा, फिर महिला को फांसी पर लटकाया
पीलीभीत । थाना सेहरामऊ क्षेत्र से सुबह-सुबह दिल दहला देने वाली खबर आई
है। दहेज के खातिर एक महिला की जान चली गई। महिला के परिजनों का आरोप है कि
ससुरालियों ने जमकर पीटा और फांसी पर लटकाकर हत्या कर दी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना सेहरामऊ के ग्राम रायपुर की रहने वाली युवती फातिमा का विवाह लगभग ढ़ाई साल पहले सेहरामऊ क्षेत्र के गांव केसरपुर कलां के गुलाम मोहम्मद से हुआ था।विवाह के बाद फातिमा ने एक पुत्र को भी जन्म दिया जो कि इस समय डेढ़ वर्ष का है।
मौके पर पहुंचे यूपी 100 पुलिसकर्मियों ने दोनों पक्षों को समझाकर संघर्ष रोका व कुछ देर बाद ही थाना सेहरामऊ एएचओ भी पहुंच गए। लेकिन फातिमा की मुश्किलें बढ़ती ही गईं। फातिमा के परिजनों के अनुसार उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था। फातिमा के चचेरे भाई नोमान ने बताया कि शादी के समय अच्छी नस्ल की दो भैंस देने की मांग फातिमा के ससुराल वालों ने की थी। जिसे बाद में पूरा करने की कोशिश फातिमा के मायके वालों ने की। लेकिन लगभग दो लाख रुपये की रकम भैसों को खरीदने के लिए जुटा नहीं सके। जिसको लेकर फातिमा के ससुरालियों नेअक्सर फातिमा से मारपीट शुरू कर दी और भैंसों को लाने का दबाव बने लगे । कई वार दोनों परिवारों के बीच समझौता भी हुआ।
आज यानी बृहस्पतिवार को सुबह उनके पास केसरपुर के ग्रामीण का फोन पहुंचा कि तुम्हारी लड़की की फांसी पर लटकने से मौत हो गई है। आनन-फानन में पूरा परिवार बेटी की मौत की खबर से बदहवास केसर पुर दौड़ पड़ा। जाकर देखा तो फातिमा का शव नीचे पड़ा हुआ था। पीठ पर चोटों के निशान थे। फातिमा के सिर के बॉल काफी नोंचे हुए पड़े थे। साफ लग रहा था कि फातिमा को पीटा गया है, उसने बचाव में संघर्ष भी किया है।
जब फातिमा की मौत के बारे में ससुरालियों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि फातिमा ने फांसी पर लटककर खुदकुशी की है।सूचना पर सेहरामऊ एसएचओ मौके पर पहुंचे हैं और जांच शुरू कर दी है व शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजने की तैयारी कर रहे है।
हालांकि यह तो पुलिस की जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ होगा कि फातिमा ने आत्महत्या की है या उसकी हत्या हुई है। परिजनों का आरोप है कि दोनों ही परिस्थितियों में यह तो साफ है कि दहेज की मांग के बाद मिली तकलीफों ने ही उसकी जान ले ली।
प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना सेहरामऊ के ग्राम रायपुर की रहने वाली युवती फातिमा का विवाह लगभग ढ़ाई साल पहले सेहरामऊ क्षेत्र के गांव केसरपुर कलां के गुलाम मोहम्मद से हुआ था।विवाह के बाद फातिमा ने एक पुत्र को भी जन्म दिया जो कि इस समय डेढ़ वर्ष का है।
मौके पर पहुंचे यूपी 100 पुलिसकर्मियों ने दोनों पक्षों को समझाकर संघर्ष रोका व कुछ देर बाद ही थाना सेहरामऊ एएचओ भी पहुंच गए। लेकिन फातिमा की मुश्किलें बढ़ती ही गईं। फातिमा के परिजनों के अनुसार उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था। फातिमा के चचेरे भाई नोमान ने बताया कि शादी के समय अच्छी नस्ल की दो भैंस देने की मांग फातिमा के ससुराल वालों ने की थी। जिसे बाद में पूरा करने की कोशिश फातिमा के मायके वालों ने की। लेकिन लगभग दो लाख रुपये की रकम भैसों को खरीदने के लिए जुटा नहीं सके। जिसको लेकर फातिमा के ससुरालियों नेअक्सर फातिमा से मारपीट शुरू कर दी और भैंसों को लाने का दबाव बने लगे । कई वार दोनों परिवारों के बीच समझौता भी हुआ।
आज यानी बृहस्पतिवार को सुबह उनके पास केसरपुर के ग्रामीण का फोन पहुंचा कि तुम्हारी लड़की की फांसी पर लटकने से मौत हो गई है। आनन-फानन में पूरा परिवार बेटी की मौत की खबर से बदहवास केसर पुर दौड़ पड़ा। जाकर देखा तो फातिमा का शव नीचे पड़ा हुआ था। पीठ पर चोटों के निशान थे। फातिमा के सिर के बॉल काफी नोंचे हुए पड़े थे। साफ लग रहा था कि फातिमा को पीटा गया है, उसने बचाव में संघर्ष भी किया है।
जब फातिमा की मौत के बारे में ससुरालियों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि फातिमा ने फांसी पर लटककर खुदकुशी की है।सूचना पर सेहरामऊ एसएचओ मौके पर पहुंचे हैं और जांच शुरू कर दी है व शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजने की तैयारी कर रहे है।
हालांकि यह तो पुलिस की जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ होगा कि फातिमा ने आत्महत्या की है या उसकी हत्या हुई है। परिजनों का आरोप है कि दोनों ही परिस्थितियों में यह तो साफ है कि दहेज की मांग के बाद मिली तकलीफों ने ही उसकी जान ले ली।
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