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अपने जीवनसाथी को पाने के लिए लडक़ी ने किया ऐसा, परिवार ने दिया साथ
चेन्नई। कहते है कि अगर किसी से सच्चा प्यार हो तो लाख समस्याएं आएं फिर भी मिलने वाले तो मिलकर ही रहते है। हाल ही में तमिनलाडु में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। तमिलनाडु में इन दिनों बारिश के कारण बाढ़ के हालात पैदा हो गए है। ऐसे में एक जगह से दूसरी जगह पर जाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में एक लडक़ी ने अपने जीवनसाथी को पाने के लिए कुछ ऐसा किया जिससे वो चर्चाओं में आ गई।
दरअसल, तमिनलाडु के नीलगिरि जिले के थेनगुमारहदा गांव में रहने वाली युवती रसाथी की शादी 20 अगस्त को होने वाली है। लेकिन जहां उसकी शादी होनी है वहां मोयार नदी में आई बाढ़ की वजह से पहुंचना मुश्किल भरा काम था। इस मुश्किल में भी न तो उसने और उसके परिवार ने हिम्मत नहीं हारी। खबरों के अनुसार, सभी लोगों ने हरिगोल (बांस और ईख से बनी गोलाकार नाव) का सहारा लिया और बाढ़ से उफनती नदी किया।
इसके बाद सभी विवाह स्थल पर पहुंचे। बता दे, थेनगुमारहदा गांव सैथीमंगलम टाइगर रिजर्व के पास बसा हुआ पर्वतीय गांव है। यहां मोयार नदी बहती है जिस पर पुल नहीं बना है। जिसकी वजह से बारिश के दिनों में यहां पहुंचना या यहां से कहीं जाना बहुत मुश्किल भरा काम होता है। हालांकि बाढ़ के दौरान हरिगोल का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है पर आपात स्थिति में वन अधिकारियों से इसके लिए विशेष अनुमति ली गई थी।
रसाथी की शादी 20 अगस्त को होने वाली है इसमें शामिल होने के लिए उसके परिवार के सदस्यों ने शुक्रवार को दो हरिगोल पर सवार होकर नदी पार किया। नदी पार करने के वाद वे विवाह स्थल पर पहुंचे।
विवाह में शामिल होने आए परिजनों ने सरकार से मांग की कि इस नदी पर पुल बनाया जाए। रसाथी और उसके परिवार द्वारा उठाए जोखिम पर टिप्पणी करते हुए राज्य के राजस्व मंत्री आरबी उदय कुमार ने चेन्नई में कहा कि यह जोखिम भरा है और लोगों को ऐसा करने से बचना चाहिए।
दरअसल, तमिनलाडु के नीलगिरि जिले के थेनगुमारहदा गांव में रहने वाली युवती रसाथी की शादी 20 अगस्त को होने वाली है। लेकिन जहां उसकी शादी होनी है वहां मोयार नदी में आई बाढ़ की वजह से पहुंचना मुश्किल भरा काम था। इस मुश्किल में भी न तो उसने और उसके परिवार ने हिम्मत नहीं हारी। खबरों के अनुसार, सभी लोगों ने हरिगोल (बांस और ईख से बनी गोलाकार नाव) का सहारा लिया और बाढ़ से उफनती नदी किया।
इसके बाद सभी विवाह स्थल पर पहुंचे। बता दे, थेनगुमारहदा गांव सैथीमंगलम टाइगर रिजर्व के पास बसा हुआ पर्वतीय गांव है। यहां मोयार नदी बहती है जिस पर पुल नहीं बना है। जिसकी वजह से बारिश के दिनों में यहां पहुंचना या यहां से कहीं जाना बहुत मुश्किल भरा काम होता है। हालांकि बाढ़ के दौरान हरिगोल का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है पर आपात स्थिति में वन अधिकारियों से इसके लिए विशेष अनुमति ली गई थी।
रसाथी की शादी 20 अगस्त को होने वाली है इसमें शामिल होने के लिए उसके परिवार के सदस्यों ने शुक्रवार को दो हरिगोल पर सवार होकर नदी पार किया। नदी पार करने के वाद वे विवाह स्थल पर पहुंचे।
विवाह में शामिल होने आए परिजनों ने सरकार से मांग की कि इस नदी पर पुल बनाया जाए। रसाथी और उसके परिवार द्वारा उठाए जोखिम पर टिप्पणी करते हुए राज्य के राजस्व मंत्री आरबी उदय कुमार ने चेन्नई में कहा कि यह जोखिम भरा है और लोगों को ऐसा करने से बचना चाहिए।
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