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भाजपा अब दलित प्रबुद्ध पर करेगी फोकस, कल होगा सामाजिक संवाद
लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दलितों को अपने पाले में लाने के लिए भाजपा अब विशेष फोकस कर रही है। पार्टी इस वर्ग के प्रबुद्ध लोगों से आठ दिसम्बर से सामाजिक संवाद करने जा रही है। राज्य के सभी छह क्षेत्रों में अनुसूचित वर्ग के युवा उद्यमियों, व्यापारियों, नौकरशाहों, लेखकों, सेवानिवृत्त अधिकारियों, सामाजिक संगठनों आदि जैसे प्रबुद्ध लोगों से सामाजिक संवाद करेगी। इसके लिए सभी क्षेत्रों में संवाद कार्यक्रम होंगे। बुधवार को लखनऊ में प्रदेश कार्यालय पर अवध क्षेत्र का सामाजिक संवाद कार्यक्रम होगा। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह व केंद्रीय शहरी एवं आवासन राज्य मंत्री कौशल किशोर शामिल होंगे।
प्रदेश मंत्री अर्चना मिश्रा ने बताया कि 9 दिसंबर को कानपुर व आगरा में यह संवाद कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। आगरा में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व कानपुर में विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक सहभागिता करेंगे। 10 दिसंबर को गोरखपुर में उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, 11 दिसंबर को वाराणसी में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय और 12 दिसंबर को मेरठ में सांसद राजेन्द्र अग्रवाल कार्यक्रम में सहभागिता करेंगे।
भाजपा के प्रदेश मंत्री अमित वाल्मीकि ने बताया, "सामाजिक संवाद राष्ट्रवादी युवाओं और पेशेवरों को समाज के विभिन्न वर्गों विशेष रूप से अनुसूचित वर्ग को जोड़ने की मुहिम है। इसमें केंद्र व राज्य सरकार की गरीब एवं जनकल्याणकारी नीतियों उनके सफल क्रियान्वयन तथा उसके परिणाम स्वरूप हुए बदलाव पर सकारात्मक बदलावों पर चर्चा की जाएगी। हमने सभी छह क्षेत्रों में इसके लिए कार्यक्रम की रूप रेखा बनाई हुई है।" (आईएएनएस)
प्रदेश मंत्री अर्चना मिश्रा ने बताया कि 9 दिसंबर को कानपुर व आगरा में यह संवाद कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। आगरा में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व कानपुर में विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक सहभागिता करेंगे। 10 दिसंबर को गोरखपुर में उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, 11 दिसंबर को वाराणसी में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय और 12 दिसंबर को मेरठ में सांसद राजेन्द्र अग्रवाल कार्यक्रम में सहभागिता करेंगे।
भाजपा के प्रदेश मंत्री अमित वाल्मीकि ने बताया, "सामाजिक संवाद राष्ट्रवादी युवाओं और पेशेवरों को समाज के विभिन्न वर्गों विशेष रूप से अनुसूचित वर्ग को जोड़ने की मुहिम है। इसमें केंद्र व राज्य सरकार की गरीब एवं जनकल्याणकारी नीतियों उनके सफल क्रियान्वयन तथा उसके परिणाम स्वरूप हुए बदलाव पर सकारात्मक बदलावों पर चर्चा की जाएगी। हमने सभी छह क्षेत्रों में इसके लिए कार्यक्रम की रूप रेखा बनाई हुई है।" (आईएएनएस)
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